Quit India Movement
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Quit India Movement : 1857 की क्रांति के बाद आज ही शुरू हुआ था भारत की आजादी का सबसे बड़ा आंदोलन

महात्मा गांधी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा भारत छोड़ो आंदोलन शुरू करने के कई कारण थे। इन कारणों में एक प्रमुख कारण बिना किसी वजह भारत को द्वितीय विश्वयुद्ध में धकेलना रहा।
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हाइलाइट्स :

  • महात्मा गांधी ने Quit India Movement यानी भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की थी।

  • महात्मा गांधी ने देश की जनता को ‘करो या मरो’ का नारा दिया था।

  • इस आंदोलन के चलते 900 से ज्यादा लोग मारे गए, जबकि 60,000 लोग गिरफ्तार किए गए।

Quit India Movement : भारत की आजादी के इतिहास में आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। साल 1942 में आज के ही दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने Quit India Movement यानी भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की थी। यह एक ऐसा आंदोलन था, जिसने सालों से भारत को गुलामी की जंजीरों में बांधे रखने वाले ब्रिटिश शासन की नींव हिला दी थी। साल 1857 की क्रांति के बाद भारत छोड़ो आंदोलन को देश की आजादी के लिए शुरू किया गया सबसे आंदोलन माना जाता है।

क्यों शुरू किया गया था आंदोलन?

दरअसल महात्मा गांधी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा भारत छोड़ो आंदोलन शुरू करने के कई कारण थे। इन कारणों में एक प्रमुख कारण बिना किसी वजह भारत को द्वितीय विश्वयुद्ध में धकेलना है। इस युद्ध में भारत के हजारों सैनिक शहीद हो गए थे। इसके अलावा वॉर कैबिनेट के सदस्य सर स्टैफोर्ड क्रिप्स और भारतीय नेताओं के बीच बातचीत भी असफल रही। इस बातचीत के दौरान भारतीय नेताओं ने पूर्ण स्वतंत्रता की मांग करते हुए अंग्रेजों की कोई भी शर्त मानने से इंकार कर दिया था। इसके अलावा उस समय पूरे भारत से पूर्ण स्वराज की मांग उठने लगी थी।

करो या मरो का नारा

भारत छोड़ो आंदोलन शुरू करने के दौरान महात्मा गांधी ने देश की जनता को ‘करो या मरो’ का नारा दिया था। इसके साथ ही गांधी जी ने कहा था कि हम इस प्रयास से या तो स्वतंत्रता हासिल करेंगे या फिर अपनी जान दे देंगे। गांधी जी के इस आव्हान का पूरे देश ने समर्थन किया। इसके साथ ही देशभर में भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत हो गई। इससे ब्रिटिश शासन को गहरा झटका लगा।

अंग्रेजों ने किया दमन

आंदोलन को मिल रही सफलता से अंग्रेज इतने घबरा गए कि उन्होंने आंदोलन को कुचलने के लिए दमन का रास्ता अपनाया। ब्रिटिश सरकार ने महात्मा गांधी समेत कांग्रेस के कई बड़े नेताओं को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। आंकड़ो के अनुसार इस आंदोलन के चलते 900 से ज्यादा लोग मारे गए, जबकि 60,000 लोग गिरफ्तार किए गए। अंग्रेजों को लगता था कि अपनी इस दमनकारी नीति के चलते वह आंदोलन को खत्म कर देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

देश की आजादी में बड़ा योगदान

अंग्रेजों को भारत छोडो आंदोलन खत्म करने में एक साल का समय लग गया। आंदोलन भी तब खत्म हुआ जब उन्होंने यह संकेत दिया कि वह देश को जल्द ही भारतीय नेताओं के हाथ में सौंप देंगे। इस आंदोलन के चलते अंग्रेजों को इस बात का अहसास हो गया था कि वह अब भारतीयों को ज्यादा दिनों तक गुलाम बनाकर नहीं रख पाएंगे।

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