राज एक्सप्रेस। भारत की लड़कियां हर क्षेत्र में आगे हैं और ये बात शालिजा धामी ने साबित कर दिया है। शालिजा धामी फ्लाइंग यूनिट की पहली महिला फ्लाइट कमांडर बन गयीं हैं। भारतीय वायु सेना की विंग कमांडर ने फ्लाइंग यूनिट की पहली महिला फ्लाइट कमांडर बनने का कीर्तिमान हासिल कर लिया है। धामी ने हिंडन स्थित वायुसेना के हवाईअड्डे में चेतक हेलीकॉप्टर यूनिट के फ्लाइट कमांडर का पदभार संभाल लिया है। एस धामी ने देश की पहली महिला अधिकारी बन देश की हर बेटी का सिर फक्र से ऊंचा उठा दिया है।
विंग कमांडर है शालिजा धामी :
शालिजा धामी एक विंग कमांडर है, जो पिछले 15 सालों से भारतीय वायुसेना का हिस्सा बनकर देश की सेवा कर रही हैं। शालिजा अपने 15 साल के करियर में चेतक और चीता हेलीकॉप्टर उड़ाती आ रहीं हैं। इतना ही नहीं उनके नाम कई रिकॉर्ड भी दर्ज है। शालिजा धामी वायु सेना की पहली महिला अधिकारी हैं। धामी वायुसेना में फ्लाइंग ब्रांच की स्थायी कमीशन अधिकारी हैं और हेलीकॉप्टर उड़ाती हैं। बता दें कि, फ्लाइट कमांडर वायुसेना में पहली प्रमुख लीडरशिप पोजिशन होती है।
पंजाब की रहने वाली हैं शालिजा धामी :
शालिजा धामी पंजाब के लुधियाना की रहने वाली हैं और वही रहते हुए उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की। शालिजा धामी 1994 में वायुसेना में शामिल हुईं थी। वे हमेशा से ही पायलट बनना चाहती थीं। करियर में ऊंचाइयां छू रहीं धामी एक नौ साल के बच्चे की मां भी हैं। शालिजा नारी शक्ति के लिए रोल मॉडल बन गई हैं। शालिजा ने कॉम्बैट रोल हासिल किया है। शालिजा को स्थाई कमीशन पाने का अधिकार मिला है। स्थाई कमीशन के लागू होने के बाद महिला उम्मीदवार ज्यादा वक्त तक सेना में काम कर सकेंगी और उन्हें कई अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी। शालिजा को 2300 घंटे तक उड़ान भरने का अनुभव है।
किस काम आता है चेतक हेलीकॉप्टर :
चेतक एक एकल इंजन टर्बो शाफ्ट है, जिसमें 6 पैसेंजर बैठ सकते हैं और इसकी अधिकतम गति 220 किमी / घंटा है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड या एचएएल के अनुसार, ये हेलीकॉप्टर आवागमन, माल परिवहन, आकस्मिक निकासी, खोज और बचाव (SAR), हवाई सर्वेक्षण और Maybe Patrolling, इमरजेंसी मेडिकल सर्विसेज, ऑफ-शोर ऑपरेशन और अंडर स्लंग संचालन के लिए उपयुक्त है।
क्या होता है फ्लाइट कमांडर का पद :
एक यूनिट का विंग कमांडर, कमांडिंग ऑफिसर को दूसरी रिपोर्ट देता है, जो ग्रुप कैप्टन के नीचे और स्क्वाड्रन लीडर के ऊपर एक रैंक होता है। एक तरफ पदानुक्रम को भ्रमित करते हुए, यह उसे एक विंग को कमांड करने की अनुमति देता है। इन हेलीकॉप्टरों का उपयोग मुख्य रूप से कार्गो परिवहन के लिए किया जाता है।
महिलाओं को युद्ध के पदों पर प्रमोट करना बड़ी बात :
भले ही उड़ान शालिजा की होगी, यह एक हल्का हेलीकॉप्टर है जो हवाई हमलों में बिल्कुल भाग नहीं लेता है, यह एक बहुत बड़ी बात है कि, इस तरह की स्थिति एक महिला को दी गई है। हाल ही में भावना कंठ ने भारतीय वायु सेना में पहली महिला फाइटर पायलट बनने के बाद सुर्खियां बटोरीं। पिछले साल ही भारतीय सेना के प्रमुख ने कहा था कि, महिलाएँ युद्ध के लायक नहीं होतीं, इसलिए यह एक बड़ी बात है कि, महिलाओं को उन रैंकों में प्रमोट किया जा रहा है, जो पुरुषों की तरह ही उन्हें भी भाग लेने की अनुमति दे सकती हैं।
इस उपलब्धि के लिए उन्हें ट्विटर पर बधाइयां मिल रही है-
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