चंडीगढ़ में व्यावसायिक भवन निर्माण में करना होगा CECB कोड का पालन, मई 2024 से होगा लागू

Chandigarh Energy Conservation Building Code 2024 : देश के लगभग हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों ने ECBC को अपना लिया है और हर वर्ष करीब 20 से 30 फीसदी तक बिजली की बचत कर रहे हैं।
Chandigarh Energy Conservation Building Code 2024
Chandigarh Energy Conservation Building Code 2024Raj Express
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हाइलाइट्स

  • नई कॉमर्शियल इमारतों में ऊर्जा दक्षता में सुधार के लिए 2007 में बनाया ECBC

  • आवासीय उद्देश्यों के लिए बनाई गई इमारतें इसके अंतर्गत नहीं आती।

Chandigarh Energy Conservation Building Code 2024 : चंडीगढ़। चंडीगढ़ में अब सभी व्यावसायिक भवन निर्माण करने में CECB कोड का पालन करना अनिवार्य होगा। केंद्र सरकार ने वर्ष 2007 में ऊर्जा संरक्षण भवन कोड बनाया था, जो अब 1 मई 2024 से लागु होगा। देश के लगभग हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों ने ईसीबीसी को अपना लिया है और हर वर्ष करीब 20 से 30 फीसदी तक बिजली की बचत कर रहे हैं।

केंद्र सरकार ने नई कॉमर्शियल इमारतों में ऊर्जा दक्षता में सुधार के लिए 2007 में ईसीबीसी बनाया गया। इस कोड को 2017 में अपडेट किया और अनिवार्य रूप से लागू करने के निर्देश दिए गए थे। चंडीगढ़ में वर्ष 2022 में इस पर काम शुरू हुआ और उपयुक्त संशोधनों का सुझाव देने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई थी।

ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) ने चंडीगढ़ ECBC कोड का मसौदा तैयार करने और इसे सक्षम प्राधिकारी से अनुमोदित करने और उसके बाद इसे अधिसूचित करने में चंडीगढ़ की सहायता के लिए अखिल भारतीय स्थानीय स्वशासन संस्थान (एआईआईएलएसजी) को नियुक्त किया। करीब एक साल पहले ECBC का ड्राफ्ट तैयार कर सुझाव मांगे गए थे। पूर्व सलाहकार धर्मपाल ने भी सुझाव मिलने के बाद सभी अधिकारियों के साथ बैठक की थी और इसे जल्द लागू करने के निर्देश दिए थे। हालांकि, अब जाकर प्रशासन के इंजीनियरिंग विभाग की तरफ से चंडीगढ़ ऊर्जा संरक्षण भवन कोड-2024 की अधिसूचना जारी की गई है।

इन इमारतों पर लागू होंगे कोड

जिस बिल्डिंग का कनेक्टेड लोड 50 किलोवाट या उससे अधिक है या भवन की कॉन्ट्रैक्ट डिमांड 60 केवीए या इससे अधिक है या भवन का प्लॉट क्षेत्रफल 1000 वर्ग मीटर या उससे अधिक है या भवन का निर्मित क्षेत्र बेसमेंट को छोड़कर 2000 वर्ग मीटर या उससे अधिक है। इस दायरे में आने वाली सभी कॉमर्शियल इमारतों पर ये कोड लागू होगा। अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि आवासीय उद्देश्यों के लिए बनाई गई इमारतें इसके अंतर्गत नहीं आती हैं।

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