प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिंजो आबे से फोन पर बात कर किया आभार प्रकट

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुरुवार को शिंजो आबे से बात करने की बात सामने आई है। दोनों ही नेताओं की यह बातचीत टेलीफोन पर हुई थी।
Prime Minister Narendra Modi spoke to Shinzo Abe on phone
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राज एक्सप्रेस। बीते दिनों जापान के प्रधानमंत्री ने शिंजो आबे अपनी तबियत में चल रही गड़बड़ी के चलते अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया था। इस पर पधानमंत्री ने उनके जल्दी स्वस्थ होने की कामना भी की थी। वहीं, अब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुरुवार को शिंजो आबे से बात करने की बात सामने आई है। दोनों ही नेताओं की यह बातचीत टेलीफोन पर हुई थी।

प्रधानमंत्री मोदी ने की शिंजो आबे से फोन पर बात :

दरअसल, गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिंजो आबे से फोन पर बातचीत की है। इस बारे में विदेश मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिंजो आबे को भारत-जापान के संबंधों में मजबूती प्रधान करने के लिए उन्हें आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद दिया है।

भारत और जापान के बीच डील :

बताते चलें, इससे पहले शिंजो आबे की बदौलत ही भारत और जापान देशों के सशस्त्र बलों के बीच आपूर्ति एवं सेवाओं के आदान-प्रदान के लिए एक डील साइन की गई थी। बता दें, इस डील पर बुधवार को रक्षा सचिव अजय कुमार और जापानी राजदूत सुजुकी सतोशी ने हस्ताक्षर किए।

अधिकारी ने बताया :

अधिकारी ने बताया कि, 'भारत और जापान के बीच साइन हुई डील के तहत सहयोग के लिए रूपरेखा तैयार करने, जानकारी के आदान-प्रदान और दोनों देशों के सशस्त्र बलों द्वारा एक-दूसरे की सैन्य सुविधाओं के इस्तेमाल की बात की गई है। यह डील भारत और जापान के सशस्त्र बलों के बीच द्विपक्षीय प्रशिक्षण गतिविधियों के साथ ही सेवाओं और आपूर्तियों के आदान-प्रदान के तहत सहयोग की रूपरेखा को सक्षम बनाता है।'

प्रधानमंत्री शिंजो आबे के इस्तीफे का ऐलान :

बताते चलें, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने 28 अगस्त 2020 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुला कर कॉन्फ्रेंस के दौरान अपना इस्तीफा देने का ऐलान करते हुए कहा कि, "मैं अपनी पुरानी बीमारी के लिए एक नया ट्रीटमेंट ले रहा हूं। जांच करने के दौरान मुझे नियमित रूप से देखभाल और आराम की जरूरत है और मैं अपना ट्रीटमेंट कराते हुए अपने कर्तव्यों के निर्वहन के लिए पर्याप्त समय नहीं दे पाऊंगा। मुझे यह भी नहीं पता है कि, मेरे इलाज में कितना समय लगेगा। अब जब मैं विश्वास के साथ लोगों से मिले जनादेश को पूरा करने में सक्षम नहीं हूं, तो मैंने फैसला किया है कि, मुझे अब प्रधानमंत्री के पद पर बने नहीं रहना चाहिए।"

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