खेल मंत्रियों के चिंतन शिविर में PM मोदी
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खेल मंत्रियों के चिंतन शिविर में बोले PM- कोई भी चिंतन शिविर चिंतन से शुरू होता है, मनन के साथ आगे बढ़ता है

मणिपुर में खेल मंत्रियों के चिंतन शिविर में PM मोदी ने कहा, कोई भी चिंतन शिविर चिंतन से शुरू होता है, मनन के साथ आगे बढ़ता है और क्रियान्वयन के साथ आगे बढ़ता है।
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दिल्‍ली, भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सोमवार को मणिपुर के इंफाल में आयोजित युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रियों के चिंतन शिविर में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए और यह टिप्पणी दी।

चिंतन शिविर को संबोधित कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- जिस तरह पूर्वोत्तर भारत देश की सांस्कृतिक विविधता में नए रंग भरता है, उसी तरह देश की खेल विविधता को भी नए आयाम देता है। कोई भी चिंतन शिविर चिंतन से शुरू होता है, मनन के साथ आगे बढ़ता है और क्रियान्वयन के साथ आगे बढ़ता है। इसलिए इस चिंतन शिविर में आपको भविष्य के लक्ष्यों पर विमर्श तो करना ही है साथ ही पहले की कॉन्फ्रेंस की भी समीक्षा करनी है। पहले प्रतिबिंब आता है फिर बोध और फिर कार्यान्वयन और क्रिया। इसलिए, आपको भविष्य के लक्ष्यों पर चर्चा करने की आवश्यकता है और आपको पिछले सम्मेलन का भी विश्लेषण करने की आवश्यकता है।

पिछले एक वर्ष में भारतीय एथलीट और खिलाड़ियों ने कई इंटरनेशनल स्पोर्ट्स इवेंट में अभूतपूर्व प्रदर्शन किया है, हमें इन उपलब्धियों को सेलिब्रेट करने के लिए ये भी सोचना है कि हम खिलाड़ियों की ज्यादा से ज्यादा मदद कैसे कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

  • अपने देश के हर प्रतिभाशाली खिलाड़ी को क्वालिटी स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर देना हम सभी का दायित्व है। इसके लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार को मिलकर काम करना होगा। स्पोर्ट्स को लेकर आज पूर्वोत्तर भारत में जो काम हो रहा है, वह भी आपके लिए बड़ी प्रेरणा है।

  • स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी 400 करोड़ से ज्यादा की परियोजनाएं आज पूर्वोत्तर के विकास को नई दिशा दे रही हैं। इंफाल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी आने वाले समय में देशभर के युवाओं को नए अवसर देगी।

  • एक खिलाड़ी अकेले अभ्यास कर सकता है और फिटनेस हासिल कर सकता है, लेकिन उसे एक अद्भुत प्रदर्शन के लिए लगातार खेलना होगा। इसलिए अधिक से अधिक खेल प्रतियोगिताएं स्थानीय स्तर पर आयोजित करने की जरूरत है। इससे खिलाड़ियों को काफी कुछ सीखने को मिलेगा।

  • एक खेल मंत्री के रूप में, आपको यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि किसी भी खेल टूर्नामेंट की उपेक्षा न हो।

  • राष्ट्रीय युवा महोत्सव को और प्रभावी बनाने के लिए हमें अलग और नए सिरे से सोचने की जरूरत है। राज्य स्तर पर होने वाले खेल टूर्नामेंट महज औपचारिकता बनकर नहीं रह जाते हैं। हमें इसकी बारीकी से समीक्षा करने की जरूरत है। जब चारों ओर से प्रयास होंगे, तभी भारत खुद को अग्रणी खेल देश के रूप में स्थापित कर पाएगा।

  • 400 करोड़ रुपये की खेल-संबंधी परियोजनाओं के माध्यम से पूर्वोत्तर को एक नई दिशा दी जा रही है। इंफाल का राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय भविष्य में देश के युवाओं को अवसर देने जा रहा है। खेलो इंडिया की टीम जैसे प्रयासों ने इसमें अहम भूमिका निभाई है।

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