लोग अब सरकार को बाधा नहीं, बल्कि नए अवसर प्रदान करने के लिए उत्प्रेरक मानते हैं: PM मोदी
दिल्ली, भारत। बजट के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वेबिनार में अपने विचार साझा कर रहे है। अब आज मंगलवार को उनहोंने 'ईज ऑफ लिविंग यूजिंग टेक्नोलॉजी' पर बजट के बाद वेबिनार को संबोधित किया।
वेबिनार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- 21वीं सदी का भारत प्रौद्योगिकी के माध्यम से अपने नागरिकों को लगातार सशक्त बना रहा है। पिछले कुछ वर्षों में हमारी सरकार के प्रत्येक बजट में प्रौद्योगिकी की मदद से नागरिकों के लिए 'ईज ऑफ लिविंग' सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। 21वीं सदी का बदलता हुआ भारत टेक्नोलॉजी की ताकत से लगातार नागरिकों को सशक्त कर रहा है। बीते वर्षों में हमारी सरकार के हर बजट में टेक्नोलॉजी की मदद से देशवासियों की 'ईज ऑफ लिविंग' बढ़ाने पर जोर दिया गया है। इस बार के बजट में भी टेक्नोलॉजी के साथ ह्यूमन टच को प्राथमिकता दी गई है।
जनधन खाते, आधार और मोबाइल...इन तीनों के कारण करोड़ों गरीबों के खाते में सीधे पैसा भेजना संभव हुआ है। उसी प्रकार से टेक्नोलॉजी, आरोग्य सेतु और CoWIN एप का महत्वपूर्ण साधन बनी है। इससे कोरोना के दौरान ट्रेसिंग और वैक्सीनेशन में बड़ी मदद मिली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
इस साल के बजट में मानव स्पर्श पर ध्यान देने के साथ-साथ प्रौद्योगिकी पर और जोर दिया गया है। एक समय था जब समाज का एक बहुत बड़ा तबका सिर्फ पीड़ित था, मदद का इंतजार करना छोड़ दिया था, सरकार के दखल का इंतजार करना छोड़ दिया था, बीच-बीच में; यह वास्तव में खेदजनक स्थिति थी, लेकिन अब हमारी सरकार के लगातार प्रयास उन पीड़ित लोगों को सशक्त बना रहे हैं, उनके रुख को मजबूत कर रहे हैं और उन्हें 'ईज ऑफ लिविंग' प्रदान कर रहे हैं।
टेक्नोलॉजी हर किसी तक सही और सटीक इंफॉर्मेशन पहुंचाकर सबको आगे बढ़ने का समान अवसर दे रही है। हमारी सरकार टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर इंवेस्ट कर रही है।
आज नागरिकों के जीवन में दखल और सरकार का दबाव दोनों कम हो रहे हैं। लोग अब सरकार को बाधा नहीं, बल्कि नए अवसर प्रदान करने के लिए उत्प्रेरक मानते हैं। टेक्नोलॉजी की मदद से हम हर व्यक्ति के लिए DigiLocker की सुविधा लेकर आए हैं। यहां कंपनियां और MSMEs अपनी फाइलों को स्टोर कर सकते हैं, उसे विभिन्न रेग्युलेटर्स और सरकारी विभागों के साथ साझा कर सकते हैं।
ऐसे सामाजिक मुद्दों को पहचानने की जरूरत है, जिनका समाधान एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की मदद से दिया जा सकता है। राष्ट्र के युवाओं को प्रौद्योगिकी का सर्वोत्तम संभव तरीके से उपयोग करने के लिए आगे आना चाहिए, ताकि हमारी समस्याओं का सर्वोत्तम समाधान किया जा सके; देश में हैकथॉन का आयोजन इस दिशा में उत्कृष्ट प्रयास रहा है।
'Zero Defect, Zero Effect' हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। हमारी क्वालिटी में कोई कंप्रोमाइज नहीं होना चाहिए और उसमें Technology बहुत मदद कर सकती है। हम Technology की मदद से प्रोडक्शन में बहुत फिनिश-वे में प्रोडक्ट लेकर आ सकते हैं और तभी ग्लोबल मार्केट हम कैप्चर कर सकते हैं।
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