पीएम मोदी आज करेंगे सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का उद्घाटन, जानिए क्या है इसकी खासियत?
राज एक्सप्रेस। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार शाम को सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत बनाए गए सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का उद्घाटन करेंगे। उद्घाटन के बाद 9 सितंबर से इसे आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। हालांकि अभी इसके कुछ हिस्से को ही खोला जा रहा है, जबकि, बाकी हिस्से को काम पूरा होने के बाद खोला जाएगा। फ़िलहाल सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का काम पूरा हो चुका है जबकि पूरे सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का काम भी अंतिम चरणों में है। जल्द ही इसे भी पूरा कर लिया जाएगा। बता दें कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट मोदी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है।
सेंट्रल विस्टा एवेन्यू :
विजय चौक से लेकर इंडिया गेट तक के तीन किलोमीटर के एरिया को सेंट्रल विस्टा एवेन्यूज कहा जाता है। इसे करीब 20 महीने के बाद आम लोगों के लिए खोला जा रहा है। इससे लोगों को इंडिया गेट नए अवतार में मिलने जा रहा है। यहां आम लोगों की जरुरत का ख़ास ध्यान रखा गया है।
क्या है इसकी विशेषता?
सेंट्रल विस्टा एवेन्यू में 5 वेंडिंग जोन बनाए हैं। हर जोन में 40 वेंडर होंगे। इस तरह करीब 200 वेंडर छोटे-छोटे बास्केट में सामान बेच सकेंगे। इसके अलावा 8-8 दुकानों के दो ब्लॉक भी तैयार किए गए हैं, जहां लोगों को अलग-अलग राज्यों के कल्चर से जुड़ी चीजें मिल सकेगी। कुछ राज्यों ने यहां फूड स्टॉल खोलने की इच्छा भी जताई है। इसके अलावा 19 एकड़ में फैले नहर के इलाके का भी कायाकल्प किया गया है। यहां लोग बोटिंग भी कर सकेंगे। पैदल चलने वालों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए 16 पुल बनाए गए हैं। लोगों के टहलने के लिए करीब 16 किलोमीटर का रास्ता तैयार किया गया है। लोगों की सुरक्षा के लिए 300 सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं। यहां 1125 कारों और 40 बसों की पार्किंग का इंतजाम किया गया है।
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट :
इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक कर्तव्य पथ के दोनों ओर के क्षेत्र को सेंट्रल विस्टा कहा जाता है। मोदी सरकार इस क्षेत्र को नए सिरे से विकसित कर रही है। इसे ही सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना कहा जाता है। इस परियोजना के तहत नया संसद भवन, प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति का आवास और दफ्तर सहित अन्य इमारतों का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना के तहत नया पीएम आवास साउथ ब्लॉक और उपराष्ट्रपति का आवास नॉर्थ ब्लॉक के पास बनाया जा रहा है। वहीं मौजूदा साउथ और नॉर्थ ब्लॉक को म्यूजियम में बदल दिया जाएगा। वहीं मौजूदा उपराष्ट्रपति आवास को ढहा दिया जाएगा।
क्या है इसकी विशेषता?
इस परियोजना के तहत 64,500 वर्ग मीटर में त्रिकोण के आकार का नया संसद भवन बनाया जाएगा। इसमें लोकसभा के 888 सांसदों और राज्यसभा के 384 सांसदों के बैठने की व्यवस्था होगी। इसे भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। वर्तमान में लोकसभा में 545 जबकि राज्यसभा में 245 सांसद है। नए संसद भवन में सभी सांसदों के बैठने के लिए ऑफिस होगा। इसमें एक भव्य कॉन्स्टिट्यूशन हॉल भी बनाया जा रहा है, जहां संविधान की मूल कॉपी रखी जाएगी। नए संसद भवन में अत्याधुनिक डिजिटल इंटरफेस की व्यवस्था भी होगी। इस परियोजना के तहत बनाई जा रही किसी भी ईमारत की उंचाई इंडिया गेट से ज्यादा नहीं होगी।
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