मणिपुर घटना पर बोले PM मोदी- गुनाहगार को बख्शा नहीं जाएगा, कानून अपनी पूरी शक्ति से एक के बाद एक कदम उठाएगा
हाइलाइट्स :
संसद के मानसून सत्र 2023 की शुरुआत से पहले PM की टिप्पणी
मणिपुर मामले पर पीएम मोदी ने जताया दुख
कानून अपनी पूरी शक्ति से एक के बाद एक कदम उठाएगा: PM मोदी
अनेक महत्वपूर्ण बिल इस बार संसद में आ रहे हैं: PM
दिल्ली, भारत। संसद के मानसून सत्र 2023 की आज से शुरुआत हाे रही है, इससे पहले आज बुधवार को मानसून सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह टिप्पणी दी।
मानसून सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- मानसून सत्र में आप सबका स्वागत है। सावन का पवित्र मास चल रहा है और इस बार तो डबल सावन है, इसलिए सावन की अवधि भी ज्यादा है और सावन मास पवित्र संकल्प और पवित्र कार्यों के लिए बहुत ही उत्तम माना जाता है। आज जब लोकतंत्र के मंदिर में हम इस पवित्र मास में मिल रहे हैं, तो इस लोकतंत्र के मंदिर में अनेक पवित्र कार्य करने का इससे बड़ा उत्तम अवसर नहीं हो सकता। मुझे विश्वास है कि सभी माननीय सांसद मिलकर इस सत्र का जनहित में सर्वाधिक उपयोग करेंगे। संसद की जो जिम्मेदारी है और हर सांसद की जिम्मेदारी है कि ऐसे अनेक कानूनों को बनाना, उसकी विस्तार से चर्चा करना बहुत ही आवश्यक है। चर्चा जितनी ज्यादा और जितनी ज्यादा पैनी होती है, उतना जनहित में दूरगामी परिणाम देने वाले अच्छे निर्णय होते हैं।
सदन में जो माननीय सांसद आते हैं, वो जमीन से जुड़े हुए होते हैं, जनता के दुःख दर्द को समझने वाले होते हैं। इसलिए जब चर्चा होती है, तो उनकी तरफ से जो विचार आते हैं वो जड़ों से जुड़े हुए विचार आते हैं। इसलिए चर्चा तो समृद्ध होती ही है, साथ ही निर्णय भी सशक्त और परिणामकारी होते हैं। इसलिए सभी राजनीतिक दल और सभी माननीय सांसद इस सत्र का भरपूर उपयोग करके जनहित के कामों को आगे बढ़ाएं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
मणिपुर की घटना सभ्य समाज के लिए शर्मसार करने वाली घटना है :
PM ने कहा- आज जब मैं आपके बीच आया हूं, लोकतंत्र के इस मंदिर के पास खड़ा हूं तब मेरा हृदय पीड़ा और क्रोध से भरा हुआ है। मणिपुर की जो घटना सामने आई है, वो किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मसार करने वाली घटना है। पाप करने वाले, गुनाह करने वाले कितने हैं, कौन हैं... वो अपनी जगह हैं, लेकिन बेइज्जती पूरे देश की हो रही है, 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है। मैं सभी मुख्यमंत्रियों से आग्रह करता हूं कि वे अपने राज्य में कानून-व्यवस्था को और मजबूत करें। खासकर हमारी माताओं-बहनों की रक्षा के लिए कठोर से कठोर कदम उठाएं। मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि किसी भी गुनाहगार को बख्शा नहीं जाएगा। कानून अपनी पूरी शक्ति से एक के बाद एक कदम उठाएगा। मणिपुर की इन बेटियों के साथ जो हुआ है, इसको कभी माफ नहीं किया जा सकता।
मुझे विश्वास है कि, सभी माननीय सांसद मिलकर इस सत्र का अधिकतम उपयोग जनहित में करेंगे। चर्चा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है; चर्चा जितनी तीव्र होगी, जनहित में उतने ही बेहतर दूरगामी परिणाम देने वाले निर्णय होंगे।
इस सत्र में जो बिल लाए जा रहे हैं वो सीधे-सीधे जनता से जुड़े हुए हैं। हमारी युवा पीढ़ी जो एक प्रकार से डिजिटल वर्ल्ड के साथ नेतृत्व कर रही है, उस समय डाटा प्रोटेक्शन बिल देश के हर नागरिक को एक नया विश्वास देने वाला और विश्व में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाने वाला है।
उसी प्रकार से National Research Foundation (NRF) बिल नई शिक्षा नीति के संदर्भ में एक बहुत अहम कदम है। इसका उपयोग अनुसंधान, Innovation एवं Research को बल देगा।
जनविश्वास बिल सामान्य मानवी के प्रति भरोसा करना, अनेक कानूनों को Decriminalized करने की मुहिम को आगे बढ़ाने वाला बिल है। हमारे यहां सदियों से एक परंपरा रही है कि जब विवाद हो तो उसे संवाद से सुलझाया जाए। उसको अब कानूनी आधार देते हुए Mediation बिल लाने की दिशा में इस सत्र का बहुत बड़ा उपयोग है।
ऐसे अनेक महत्वपूर्ण बिल इस बार संसद में आ रहे हैं। ये जनहित के हैं, युवाहित के हैं, ये भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए हैं। मुझे विश्वास है कि सदन में गंभीरता पूर्वक चर्चा करके हम बहुत तेजी से राष्ट्रहित के महत्वपूर्ण कदमों को आगे बढ़ाएंगे।
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