डेमोक्रेसी समिट में PM मोदी, कहा- भारत वास्तव में एक ढांचा नहीं 'लोकतंत्र की जननी' है
दिल्ली, भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बुधवार को समिट फॉर डेमोक्रेसी में अपना संबोधन दिया, जिसमें उन्होंने भारत को लोकतंत्र की जननी बताते हुए यह बयान दिए है।
भारत वास्तव में 'लोकतंत्र की जननी' है :
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने बयान में कहा- भारत वास्तव में 'लोकतंत्र की जननी' है। लोकतंत्र सिर्फ एक ढांचा नहीं है, यह एक आत्मा भी है। यह इस विश्वास पर आधारित है कि हर इंसान की जरूरतें और आकांक्षाएं समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। भारत में, हमारा मार्गदर्शक दर्शन 'सबका साथ सबका विकास' है, जो 'समावेशी विकास के लिए एक साथ प्रयास' है।
हमारी वैक्सीन मैत्री पहल ने लाखों वैक्सीन को दुनिया के साथ साझा किया। यह 'वसुधैव कुटुम्बकम' की भावना से भी निर्देशित था, जो कि एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
भारत आज सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने बयान में आगे यह भी कहा कि, लोकतंत्र के गुणों के बारे में कहने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन मैं इतना ही कहना चाहता हूं कि भारत कई वैश्विक चुनौतियों के बावजूद आज सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। यह अपने आप में दुनिया में लोकतंत्र का सबसे अच्छा विज्ञापन है। यह अपने आप में कहता है कि डेमोक्रेसी डिलीवर कर सकती है।
जलवायु परिवर्तन पर PM ने कहीं ये बात :
इसके अलावा PM मोदी द्वारा जलवायु परिवर्तन का जिक्र करते हुए यह बात भी कहीं है कि, चाहे जीवनशैली में बदलाव के माध्यम से जलवायु परिवर्तन से लड़ने का हमारा प्रयास हो, वितरित भंडारण के माध्यम से पानी का संरक्षण करना हो या सभी को स्वच्छ, खाना पकाने का ईंधन प्रदान करना हो - हर पहल भारत के नागरिकों के सामूहिक प्रयासों से संचालित होती है।
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