दिल्ली, भारत। देश में कोरोना की स्थिति पर समय-समय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों संग समीक्षा बैठक की है। इस कड़ी देश में इन दिनों कोरोना के मामलों की स्पीड फिर तेज होते ही आज बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोविड-19 की स्थिति पर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक की।
बीते 2 वर्षों में कोरोना को लेकर ये हमारी 24वीं मीटिंग :
समीक्षा बैठक में सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि, ''बीते 2 वर्षों में कोरोना को लेकर ये हमारी 24वीं मीटिंग है। कोरोना काल में जिस तरह केंद्र और राज्यों ने मिलकर काम किया, उसने कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई है। ये स्पष्ट है कि कोरोना की चुनौती अभी पूरी तरह टली नहीं है। ओमिक्रोन और उसके सब वैरिएंट्स किस तरह गम्भीर परिस्थिति पैदा कर सकते हैं, ये यूरोप के देशों में हम देख सकते हैं।''
हमारे देश में लंबे समय के बाद स्कूल खुले हैं। ऐसे में कोरोना केस के बढ़ने से परिजनों की चिंता बढ़ रही है। कुछ स्कूलों से बच्चों के संक्रमित होने की खबरें आ रही हैं। संतोष का विषय है कि ज्यादा से ज्यादा बच्चों को वैक्सीन का कवच मिल रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
जल्द से जल्द टीकाकरण हमारी प्राथमिकता है :
PM ने बताया- मार्च में हमने 12-14 वर्ष के बच्चों के लिए टीकाकरण शुरु कर दिया था। कल 6-12 वर्ष के बच्चों के लिए भी को-वैक्सीन टीके की अनुमति मिल गई है। सभी योग्य बच्चों का जल्द से जल्द टीकाकरण हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए पहले की तरह स्कूलों में विशेष अभियान चलाने की जरूरत भी होगी। टीचर्स और माता-पिता इसे लेकर जागरूक रहें, हमें ये भी सुनिश्चित करना होगा।
तीसरी लहर के दौरान हमने हर दिन 3 लाख से अधिक केस देखे। हमारे सभी राज्यों ने इन्हें हैंडल भी किया और बाकी सभी सामाजिक, आर्थिक गतिविधियों को भी गति दी।
हमारे वैज्ञानिक और विशेषज्ञ नेशनल और ग्लोबल स्थिति को लगातार मॉनिटर कर रहे हैं। उनके सुझावों पर हमें pre-emptive, pro-active और collective approach के साथ हमें काम करना होगा। संक्रमण को शुरुआत में ही रोकना हमारी प्राथमिकता पहले भी थी, आज भी यही रहना चाहिए।
Test, Track और Treat की हमारी स्ट्रैटेजी को भी हमें उतने ही प्रभावी तौर पर लागू करना है। आज कोरोना की जो स्थिति है उसमें ये जरूरी है कि अस्पतालों में भर्ती मरीजों में जो हमारे गम्भीर इन्फ्लूएंजा के केस हैं, उनका शत प्रतिशत RT-PCR टेस्ट हो।
इंफ्रास्ट्रक्चर के अपग्रेड का काम तेजी से चलता रहे, ये सुनिश्चित करना चाहिए। बिस्तर, वेंटिलेटर और पीएसए ऑक्सीजन प्लांट जैसी सुविधाओं के लिए हम काफी बेहतर स्थिति में हैं लेकिन ये सुविधाएं कार्यांवित रहे, हमें ये भी सुनिश्चित करना होगा।
आज की वैश्विक परिस्थितियों में भारत की अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए आर्थिक निर्णयों में केंद्र और राज्य सरकारों का तालमेल, सामंजस्य पहले से अधिक आवश्यक है। जो युद्ध की परिस्थिति पैदा हुई है, जिससे सप्लाई चैन प्रभावित हुई है, ऐसे माहौल में दिनों-दिन चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। ये वैश्विक संकट अनेक चुनौतियां लेकर आ रहा है। ऐसे में केंद्र और राज्य के बीच तालमेल को और बढ़ाना अनिवार्य हो गया है।
राज्य पेट्रोल डीजल पर टैक्स कम करें :
PM मोदी ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत को लेकर भी यह बात कहीं कि, ''पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमत का बोझ कम करने के लिए केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में पिछले नवंबर में कमी की थी। राज्यों से भी आग्रह किया गया था कि, वो अपने यहां टैक्स कम करें। कुछ राज्यों ने तो अपने यहां टैक्स कम कर दिया, लेकिन कुछ राज्यों ने अपने लोगों को इसका लाभ नहीं दिया गया। महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल, झारखंड, तमिलनाडु ने किसी न किसी कारण से केंद्र सरकार की बातों को नहीं माना और उन राज्य के नागरिकों पर बोझ पड़ता रहा। मेरी प्रार्थना है कि, नंवबर में जो करना था, अब वैट कम करके आप नागरिकों को इसका लाभ पहुंचाएं।''
बढ़ती गर्मी के समय में हम अलग-अलग स्थानों पर आग की बढ़ती हुई घटनाएं देख रहे हैं। पिछले साल कई अस्पतालोँ में आग लगी, वो बड़ी दर्दनाक स्थिति थी। मेरा सभी राज्यों से आग्रह है कि हम अभी से अस्पतालों का सेफ्टी ऑडित कराएं, सुरक्षा के इंतजाम पुख्ता करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
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