दिल्ली, भारत। ओलंपिक में भारत की युवा पीढ़ी ने भारत का नाम रोशन किया और अब टोक्यो में 24 अगस्त से पैरालंपिक खेल शुरू होने जा रहे हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से ओलंपिक खिलाड़ियों से बात कर उनका हौसला बढ़ाया था, उसी तरह अब पैरालंपिक में जा रहे 54 सदस्यीय भारतीय खिलाड़ियों के दल से PM मोदी ने बातचीत की।
खिलाड़ियों से बातचीत कर हौसला बढ़ा रहे PM मोदी :
24 अगस्त से 5 सितंबर, 2021 तक पैरालंपिक में जा रहे 54 सदस्यीय भारतीय खिलाड़ियों के दल से बातचीत कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खिलाड़ियों से बात कर उनका हौसला बढ़ाया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉनफ्रेंसिंग के माध्यम से भारतीय खिलाड़ियों के दल से बातचीत की है। इस अवसर पर केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद रहे। अनुराग ठाकुर ने बताया- प्रधानमंत्री टोक्यो ओलंपिक में जा रहे पैरालंपिक खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने और उनका मार्गदर्शन करने के लिए हमारे बीच उपस्थित हुए हैं। प्रधानमंत्री के निर्देश पर खेल मंत्रालय ने सुनिश्चित किया कि, हमारे खिलाड़ियों को हर प्रकार की सुविधा मुहैया कराई जा सके।
मैदान में फ़िज़िकल स्ट्रेंथ के अलावा मेंटल स्ट्रेंथ भी मायने रखती है :
पैरालंपिक में जाने वाले भारतीय खिलाड़ियों से बातचीत के दौरान PM मोदी ने कहा- आप सभी से बात करके मेरा विश्वास बढ़ गया है कि इस बार पैरालंपिक खेलों में भी भारत नया इतिहास बनाने जा रहा है। मैं सभी खिलाड़ियों और कोच को आपकी सफलता के लिए ढेरों शुभकामनाएं देता हूं। आपका आत्मबल, कुछ हासिल करके दिखाने की आपकी इच्छाशक्ति असीम है। आप सभी के परिश्रम का ही परिणाम है कि, आज पैरालम्पिक्स में सबसे बड़ी संख्या में भारत के एथलीट जा रहे हैं।
PM मोदी द्वारा कही गई बातें-
एक खिलाड़ी के तौर पर आप ये बखूबी जानते हैं कि, मैदान में जितनी फ़िज़िकल स्ट्रेंथ की जरूरत होती है उतनी ही मेंटल स्ट्रेंथ भी मायने रखती है। आप लोग तो विशेष रूप से ऐसी परिस्थितियों से निकलकर आगे बढ़े हैं जहां मेंटल स्ट्रेंथ से ही इतना कुछ मुमकिन हुआ है।
आप सभी असली चैंपियन हैं। आपने जीवन के खेल में चुनौतियों को हराया है। जीवन में, आप पहले ही जीत चुके हैं। न्यू इंडिया अपने खिलाड़ियों पर मेडल के लिए दबाव नहीं डालता। यह केवल यही चाहता है कि, वे बिना किसी मानसिक दबाव के अपना 100% दें। इस विश्वास के साथ, बस अपना सर्वश्रेष्ठ दें।
नई सोच का भारत आज अपने खिलाड़ियों पर मेडल का दबाव नहीं बनाता है। आपको बस अपना शत-प्रतिशत देना है। पूरी लगन के साथ, कोई भी मानसिक बोझ के बिना, सामने कितना ही मजबूत खिलाड़ी हो, आप पूरी मेहनत से खेलिए।
भारत सभी क्षेत्रों के अपने युवाओं को खेलों में बढ़ावा दे रहा है। आज, देश भर के 250 से अधिक जिलों में 360 खेलों इंडिया केंद्र खुल गए हैं। निकट भविष्य में इन केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 1,000 करने की तैयारी है।
पहले दिव्यांगजनों के लिए सुविधा देने को वेलफेयर समझा जाता था। लेकिन आज देश इसे अपना दायित्व मानकर काम कर रहा है। इसलिए, देश की संसद ने ‘The Rights for Persons with Disabilities Act, जैसा कानून बनाया, दिव्यांगजनों के अधिकारों को कानूनी सुरक्षा दी।
अगर भारत को खेलों में पोडियम पर पहुंचना है, तो पिछली सरकारों को डर को हराना होगा। खेलों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले बच्चों को भारत में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
बता दें कि, इस बार कुल 9 खेल इवेंट के 54 पैरा एथलीट देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए टोक्यो जाएंगे। यह पैरालंपिक खेलों में भाग लेने वाला अब तक का सबसे बड़ा भारतीय दल है।
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