दिल्ली, भारत। देश में महामारी कोरोना की जंग से निपटने का लिए वैक्सीनेशन अभियान चल रहा है और कोविड के खिलाफ लड़ाई में सभी पात्र लोगों को वैक्सीन की पहली डोज देकर हिमाचल प्रदेश ने एक मानदंड स्थापित किया है। ऐसे में आज 6 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मियों और कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के लाभार्थियों संग संवाद करने के कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
विकास की गाथा लिख रहे हिमाचल को भी देख रहा हूं :
हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मियों और कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के लाभार्थियों संग संवाद कार्यक्रम इस दौरान हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी मौजूद रहे। लाभार्थियों के साथ संवाद के बाद PM मोदी ने कहा- हिमाचल प्रदेश ने आज एक प्रधानसेवक के नाते ही नहीं बल्कि एक परिवार के सदस्य के नाते भी मुझे गर्व का अवसर दिया है। मैंने छोटी-छोटी सुविधाओं के लिए संघर्ष करते हुए हिमाचल को भी देखा है और आज विकास की गाथा लिख रहे हिमाचल को भी देख रहा हूं। ये सब कुछ देवी देवताओं के आशीर्वाद से हिमाचल सरकार की कर्मकुशलता से और हिमाचल के जन जन की जागरूकता से संभव हो पाया है।
100 वर्ष की सबसे बड़ी महामारी के विरुद्ध लड़ाई में हिमाचल प्रदेश, चैंपियन बनकर सामने आया है। हिमाचल भारत का पहला राज्य बना है, जिसने अपनी पूरी eligible आबादी को कोरोना टीके की कम से कम एक डोज़ लगा ली है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
PM मोदी द्वारा कही गईं प्रमुख बातें-
भारत आज एक दिन में सवा करोड़ टीके लगाकर रिकॉर्ड बना रहा है। जितने टीके भारत आज एक दिन में लगा रहा है, वो कई देशों की पूरी आबादी से भी ज्यादा है। भारत के टीकाकरण अभियान की सफलता, प्रत्येक भारतवासी के परिश्रम और पराक्रम की पराकाष्ठा का परिणाम है।
जिस 'सबका प्रयास' की बात मैंने 75वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से कही थी, ये उसी का प्रतिबिंब है। हिमाचल के बाद सिक्किम और दादरा नगर हवेली ने शत प्रतिशत पहली डोज का पड़ाव पार कर लिया है और अनेक राज्य इसके बहुत निकट पहुंच गए हैं।
हिमाचल में हर प्रकार की मुश्किलें थी, जो टीकाकरण में बाधक सिद्ध हुईं। पहाड़ी प्रदेश होने के नाते लॉजिस्टिक की दिक्कत रहती है, कोरोना टीके की स्टोरेज और ट्रांसपोर्टेशन की और भी दिक्कत होती है, लेकिन जयराम ठाकुर जी की सरकार ने जिस प्रकार की व्यवस्थाएं विकसित की, स्थितियों को संभाला वो प्रशंसनीय है।
मुझे खुशी है कि लाहौल स्पीति जैसा दुर्गम जिला हिमाचल में भी शत-प्रतिशत पहली डोज़ देने में अग्रणी रहा है। ये वो क्षेत्र है जो अटल टनल बनने से पहले, महीनों-महीनों तक देश के बाकी हिस्से से कटा रहता था।
हिमाचलवासियों ने किसी भी अफवाह को, किसी भी अप्रचार को टिकने नहीं दिया। हिमाचल इस बात का प्रमाण है कि देश का ग्रामीण समाज किस प्रकार दुनिया के सबसे बड़े और सबसे तेज़ टीकाकरण अभियान को सशक्त कर रहा है।
सशक्त होती कनेक्टिविटी का सीधा लाभ पर्यटन को भी मिल रहा है, फल-सब्ज़ी का उत्पादन करने वाले किसान-बागबानों को भी मिल रहा है। गांव-गांव इंटरनेट पहुंचने से हिमाचल की युवा प्रतिभाएं, वहां की संस्कृति को, पर्यटन की नई संभावनाओं को देश-विदेश तक पहुंचा पा रहे हैं।
हाल में देश ने एक और फैसला लिया है, जिसे मैं विशेष तौर पर हिमाचल के लोगों को बताना चाहता हूं। ये है ड्रोन टेक्नोलॉजी से जुड़े नियमों में हुआ बदलाव। अब इसके नियम बहुत आसान बना दिए गए हैं। इससे हिमाचल में हेल्थ से लेकर कृषि जैसे अनेक सेक्टर में नई संभावनाएं बनने वाली हैं।
केंद्र सरकार अब बहनों के स्वयं सहायता समूहों के लिए विशेष ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाने वाली है। सेब, संतरा, किन्नु, मशरूम, टमाटर, ऐसे अनेक उत्पादों की हिमाचल की बहनें देश के कोने-कोने में पहुंचा पाएंगी।
आज़ादी के अमृतकाल में हिमाचल के किसानों और बागबानों से एक और आग्रह मैं करना चाहता हूं। आने वाले 25 सालों में क्या हम हिमाचल की खेती को फिर से organic बनाने के लिए प्रयास कर सकते हैं? धीरे-धीरे हमें chemical से अपनी मिट्टी को मुक्त करना है।
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