दिल्ली, भारत। आज (13 नवंबर) को आयुर्वेद दिवस है, इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात और राजस्थान में 2 आयुर्वेद संस्थानों का उद्घाटन किया है।
आयुर्वेद दिवस गुजरात और राजस्थान के लिए विशेष :
दरअसल, PM मोदी ने गुजरात के जामनगर के आयुर्वेद अध्यापन एवं अनुसंधान संस्थान (आईटीआरए) और जयपुर के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एनआईए) का उद्घाटन कर राष्ट्र को समर्पित किया है। इसके बाद अपने संबोधन में PM मोदी ने कहा- इस बार का आयुर्वेद दिवस गुजरात और राजस्थान के लिए विशेष है, ये हमारे युवा साथियों के लिए भी विशेष है। आयुर्वेद भारत की एक विरासत है, जिसके विस्तार में पूरी मानवजाति की भलाई है। आज ब्राजील की राष्ट्रीय नीति में आयुर्वेद शामिल है।
गर्व की बात है कि WHO ने Global Centre for Traditional Medicine की स्थापना के लिए भारत को चुना है। अब भारत से दुनिया के लिए इस दिशा में काम होगा। भारत को ये बड़ी जिम्मेदारी देने के लिए मैं WHO और उसके महानिदेशक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
आयुष देश की आरोग्य नीति का अहम हिस्सा :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये भी कहा, ''बदलते समय के साथ आज हर चीज इंटीग्रेट हो रही है। स्वास्थ्य भी इससे अलग नहीं है। इसी सोच के साथ देश आज इलाज की अलग-अलग पद्धतियों के इंटीग्रेशन के लिए एक के बाद एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। इसी सोच ने आयुष को देश की आरोग्य नीति का अहम हिस्सा बनाया। ये हमेशा से स्थापित सत्य रहा है कि भारत के पास आरोग्य से जुड़ी कितनी बड़ी विरासत है। लेकिन ये भी उतना ही सही है कि ये ज्ञान ज्यादातर किताबों में, शास्त्रों में रहा है और थोड़ा-बहुत दादी-नानी के नुस्खों में। इस ज्ञान को आधुनिक आवश्यकताओं के अनुसार विकसित किया जाना आवश्यक है।''
PM ने किया ये आग्रह :
PM मोदी बोले- कहते हैं कि जब कद बढ़ता है तो दायित्व भी बढ़ता है। आज जब इन 2 महत्वपूर्ण संस्थानों का कद बढ़ा है, तो मेरा एक आग्रह भी है- अब आप सब पर ऐसे पाठ्यक्रम तैयार करने की जिम्मेदारी है जो International Practices के अनुकूल और वैज्ञानिक मानकों के अनुरूप हो। मुझे विश्वास है कि हमारे साझा प्रयासों से आयुष ही नहीं बल्कि आरोग्य का हमारा पूरा सिस्टम एक बड़े बदलाव का साक्षी बनेगा।
PM मोदी ने बताया इसी साल संसद के मानसून सत्र में दो ऐतिहासिक आयोग भी बनाए गए हैं।
National Commission for Indian System of Medicine
National Commission for Homeopathy
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारत की मेडिकल एजुकेशन में इंटीग्रेशन की एप्रोच को प्रोत्साहित किया गया है।
PM द्वारा कही गई बातें :
21वीं सदी का भारत अब टुकड़ों में नहीं, Holistic तरीके से सोचता है। Health से जुड़ी चुनौतियों को भी अब holistic approach के साथ उसी तरीके से ही सुलझाया जा रहा है। आज देश में सस्ते और प्रभावी इलाज के साथ साथ Preventive healthcare wellness पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है।
कोरोना से मुकाबले के लिए जब कोई प्रभावी तरीका नहीं था तो भारत के घर-घर में हल्दी, काढ़ा, दूध जैसे अनेक इंम्यूनिटी बूस्टर जैसे उपाय बहुत काम आये। इतनी बड़ी जनसंख्या वाला हमारा देश अगर आज संभली हुई स्थिति में है तो उसमें हमारी इस परंपरा का बहुत बड़ा योगदान है।
आज एक तरफ भारत जहां वैक्सीन की टेस्टिंग कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ कोविड से लड़ने के लिए आयुर्वेदिक रिसर्च पर भी International Collaboration को तेजी से बढ़ा रहा है। इस समय 100 से ज्यादा स्थानों पर रिसर्च चल रही है।
कोरोना काल में पूरी दुनिया में आयुर्वेदिक उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ी है। बीते साल की तुलना में इस साल सितंबर में आयुर्वेदिक उत्पादों का निर्यात करीब डेढ गुना बढ़ा है। मसालों के निर्यात में भी काफी बढ़ोतरी दर्ज हुई हैं।
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