सतत विकास के लिए ऊर्जा पर वेबिनार में PM मोदी, संबोधन में कहीं यह खास बातें
दिल्ली, भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शुक्रवार को ''सतत विकास के लिए ऊर्जा" यानी 'एनर्जी फोर सस्टेनेबल ग्रोथ' पर वेबिनार के पूर्ण सत्र को संबोधित किया।
स्थायी ऊर्जा से ही भारत का सतत विकास संभव है :
'एनर्जी फोर सस्टेनेबल ग्रोथ' पर वेबिनार में PM मोदी ने अपने संबोधन में कहा- स्थायी ऊर्जा (sustainable energy) से ही भारत का सतत विकास संभव है। हमने 2070 तक शुद्ध शून्य देश बनने का वादा किया है। हमने लाइफ मिशन - लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट को भी आगे रखा है। सतत विकास के लिए ऊर्जा हमारी प्राचीन परंपराओं से प्रेरित है और यह भारत की भविष्य की आकांक्षाओं को पूरा करने का तरीका भी है।
2030 तक हमारा लक्ष्य गैर-जीवाश्म स्रोतों द्वारा अपनी स्थापित ऊर्जा क्षमता का 50% प्राप्त करना है। भारत ने अपने लिए कुछ लक्ष्य निर्धारित किए हैं और हम उन्हें अवसरों के रूप में देखते हैं। भारत पिछले कुछ वर्षों में उसी दृष्टि से उस सड़क पर चला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
अक्षय ऊर्जा के साथ-साथ ऊर्जा भंडारण भी एक बड़ी चुनौती :
'एनर्जी फोर सस्टेनेबल ग्रोथ' पर वेबिनार में PM मोदी ने बताया कि, ''इस वर्ष के बजट में उच्च दक्षता वाले सौर मॉड्यूल निर्माण के लिए 19,500 करोड़ रुपये की घोषणा की गई है। अक्षय ऊर्जा के साथ-साथ ऊर्जा भंडारण भी एक बड़ी चुनौती है। हमने भंडारण क्षमता को भी बड़ी प्राथमिकता दी है। इस साल के बजट में हमने बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी और इंटर-ऑपरेबिलिटी मानकों के लिए प्रावधान किए हैं।''
हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र उर्वरकों, रिफाइनरियों और परिवहन क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें भारत की क्षमता का पूर्ण उपयोग करने के लिए निजी क्षेत्र को नवाचार करना चाहिए।
एलईडी बल्ब की कीमत 300-400 रुपये हुआ करती थी। हमारी सरकार ने इसका उत्पादन बढ़ाया, जिससे लागत कम हुई। हमने उजाला के तहत लगभग 37 करोड़ एलईडी बल्ब वितरित किए हैं, जिससे बहुत सारी बिजली, गरीबों के लिए पैसा और कार्बन उत्सर्जन की बचत हुई है।
स्थिरता के लिए ऊर्जा की बचत और उत्पादन समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। हमें यहां भारत में अधिक ऊर्जा-कुशल एसी, हीटर, गीजर और इसी तरह के उपकरणों के निर्माण के लिए बहुत कुछ करने की आवश्यकता है।
हमने कोयला गैसीकरण के लिए चार पायलट परियोजनाओं की योजना बनाई है, और इस क्षेत्र में भी नवाचार की आवश्यकता है। इथेनॉल सम्मिश्रण को भी बढ़ावा दिया गया है। हमें अपनी चीनी मिलों और डिस्टिलरीज को आधुनिक बनाने की जरूरत है।
हमारी ऊर्जा मांग लगातार बढ़ रही है और इस प्रकार, भारत को नवीकरणीय ऊर्जा की ओर परिवर्तन की आवश्यकता है। हमें स्वच्छ खाना पकाने को भी आगे बढ़ाने की जरूरत है। सौर गैस हमारे स्टार्ट-अप के लिए एक बड़ा बाजार हो सकता है।
क्या हमारा समाज हमारे बगीचों में सौर वृक्ष की अवधारणा को लागू कर सकता है और सामाजिक रूप से अधिक जिम्मेदार बन सकता है? सूक्ष्म जलविद्युत उत्पादों पर अधिक शोध किया जा सकता है और हम उनका अधिक ऊर्जा उत्पादन के लिए उपयोग कर सकते हैं
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