दिल्ली, भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 20 फरवरी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नीति आयोग की 6वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता की।
गवर्निंग काउंसिल की बैठक और महत्वपूर्ण हो गई :
नीति आयोग की 6वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- हमने कोरोना कालखंड में देखा कि कैसे राज्य और केंद्र सरकार ने मिलकर काम किया, देश सफल हुआ। दुनिया में भारत की एक अच्छी छवि का निर्माण हुआ। आज जब देश अपनी आज़ादी के 75 वर्ष पूरे करने जा रहा है तब गवर्निंग काउंसिल की बैठक और महत्वपूर्ण हो गई है। मैं राज्यों से आग्रह करूंगा कि आज़ादी के 75 वर्ष के लिए अपने-अपने राज्यों में समाज के सभी लोगों को जोड़कर समितियों का निर्माण हो।
देश तेज़ी से आगे बढ़ना चाहता है :
PM मोदी ने ने इस दौरान ये भी बताया कि, ''इस वर्ष के बजट पर जिस तरह की सकारात्मक प्रतिक्रिया आई उसने जता दिया कि, मूड ऑफ द नेशन' क्या है। देश मन बना चुका है, देश तेज़ी से आगे बढ़ना चाहता है, देश अब समय नहीं गंवाना चाहता। देश के मन को बनाने में देश का युवा मन बहुत बड़ी भूमिका अदा कर रहा है।''
PM ने बताया 2014 के बाद कितने घरों का हुआ निर्माण :
नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया- वर्ष 2014 के बाद से गांव और शहरों को मिलाकर 2 करोड़ 40 लाख से ज़्यादा घरों का निर्माण किया गया है। देश के 6 शहरों में आधुनिक तकनीक से घर बनाने का एक अभियान चल रहा है। एक महीने में नई तकनीक से अच्छे घर बनाने के नए मॉडल तैयार होंगे। पानी की कमी और प्रदूषित पानी से होने वाली बीमारी लोगों के विकास में बाधा न बने इस दिशा में मिशन मोड में काम हो रहा है। जल मिशन के बाद से साढ़े 3 करोड़ से भी अधिक ग्रामीण घरों को पाइप वाटर सप्लाई से जोड़ा जा चुका है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान, एक ऐसे भारत का निर्माण का मार्ग है जो न केवल अपनी आवश्यकताओं के लिए बल्कि विश्व के लिए भी उत्पादन करे और ये उत्पादन विश्व श्रेष्ठता की कसौटी पर भी खरा उतरे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
विभिन्न सेक्टर के लिए PLI स्कीम शुरू की :
आगे उन्होंने ये भी कहा कि, ''केंद्र सरकार ने विभिन्न सेक्टर के लिए PLI स्कीम शुरू की हैं। ये देश में मैन्यूफैक्चरिंग बढ़ाने का बेहतरीन अवसर है, राज्यों को इस स्कीम का पूरा लाभ लेते हुए अपने यहां ज़्यादा से ज़्यादा निवेश आकर्षित करना चाहिए। कॉरपोरेट टैक्स की दरें कम करने का लाभ भी राज्यों को उठाना चाहिए।''
बीते वर्षों में कृषि से लेकर, पशुपालन और मत्स्यपालन तक एक होलिस्टिक अप्रोच अपनाई गई है। इसका परिणाम है कि कोरोना के दौर में भी देश के कृषि निर्यात में काफी बढ़ोतरी हुई है।
स्थानीय स्तर पर गवर्नेंस में सुधार लोगों के लिए क्वालिटी ऑफ लाइफ और उनके आत्मविश्वास का आधार बनती है। पंचायत राज व्यवस्था और नगर निकायों के निर्वाचिक प्रतिनिधियों को भी इस कन्वर्जेंस और आउटकम के लिए जिम्मेवार बनाने का समय अब आ गया है।
हाल ही में कई ऐसे सुधार किए गए हैं जो रेगुलेशन को कम करते हैं, सरकार का दखल कम करते हैं। जैसे हमने 1500 कानून खत्म किए हैं वैसे ही राज्यों से भी आग्रह करता हूँ कि वे कंप्लायंस का बोझ कम करें। ईज ऑफ लिविंग के लिए ये भी बहुत जरूरी है।
हमें कृषि प्रधान देश कहे जाने के बावजूद भी आज 65,000-70,000 करोड़ का खाद्य तेल हम बाहर से लाते हैं। हम ये बंद कर सकते हैं, हमारे किसानों के खाते में पैसा जा सकता है। इन पैसों का हकदार हमारा किसान है लेकिन इसके लिए हमें अपनी योजनाएं उस तरह से बनानी होंगी।
इस बार के बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए दिए फंड की भी काफी चर्चा हो रही है।इंफ्रास्ट्रक्चर पर होने वाला ये खर्च देश की अर्थव्यवस्था को कई स्तर पर आगे बढ़ाने का काम करेगा और रोज़गार के कई अवसर प्रदान करेगा।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।