जन औषधि दिवस 2021: देश में आज के दिन यानी 7 मार्च को 'जन औषधि दिवस (Jan Aushadhi Diwas) मनाया जाता है एवं यह दिन प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP) की उपलब्धियों को मनाने का भी दिन है। इस खास दिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक खास कार्यक्रम हो रहा है।
जनऔषधि केंद्र राष्ट्र को समर्पित :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह 10 बजे 'जनऔषधि दिवस' के अवसर पर शिलांग स्थित NEIGRIHMS में 7500वें 'जनऔषधि केंद्र' को राष्ट्र को समर्पित किया। इस मौके पर उन्होंने 'जनौषधि दिवस' समारोह को संबोधित किया एवं हितधारकों को सम्मानित किया।
लाभार्थियों के साथ PM का संवाद :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनऔषधि दिवस के अवसर पर जनऔषधि की लाभार्थी कृष्णा जी के साथ संवाद किया। उन्होंने PM को बताया- पहले उन्हें इलाज पर 5000 रुपये खर्च होते थे, लेकिन जनऔषधि केंद्र मिली सस्ती दवा से अब इलाज करवाना सस्ता व आसान हो गया है।
भोपाल की जनऔषधि लाभार्थी रुबीना ने पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए बताया कि, जनऔषधि केंद्र मिली किफायती दवा की वजह से बेटे का इलाज करवाना आसान हुआ है।
अहमदाबाद के जनऔषधि लाभार्थी राजू जी ने PM मोदी को बताया कि, दो सालों में उन्होंने व उनकी टीम ने घर-घर जाकर लोगों को किफायती दवा पहुंचाई। लोगों ने इस कार्य को बेहद सराहा और उन्हें खूब आशीर्वाद व दुआएं मिली।
लाभार्थियों से संवाद के बाद PM मोदी की बातें-
जनऔषधि की लाभार्थियों के साथ करते के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा- जन औषधि चिकित्सक, जन औषधि ज्योति और जन औषधि सारथी, ये तीन महत्वपूर्ण सम्मान पाने वाले सभी साथियों को मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। जनऔषधि योजना को देश के कोने-कोने में चलाने वाले और इसके कुछ लाभार्थियों से मेरी जो चर्चा हुई है, उससे स्पष्ट है कि ये योजना गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों की बहुत बड़ा साथी बन रही है।
जन औषधि योजना सेवा और रोजगार दोनों का माध्यम बन रही है। जन औषधि केंद्रों में सस्ती दवाई के साथ-साथ युवाओं को आय के साधन मिल रहे हैं।
1,000 से ज्यादा जन औषधि केंद्र तो ऐसे हैं, जिन्हें महिलाएं ही चला रही हैं, यानी ये योजना बेटियों की आत्मनिर्भरता को भी बल दे रही है।
इस योजना से पहाड़ी क्षेत्रों, नॉर्थईस्ट, जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले देशवासियों तक सस्ती दवा देने में मदद मिल रही है।
आज 7,500वे केंद्र का लोकार्पण किया गया है, तो वो शिलांग में हुआ है। नॉर्थईस्ट में जनऔषधि केंद्रों का कितना विस्तार हो रहा है।
7500 के पड़ाव तक पहुंचना इसलिए भी अहम है, क्योंकि 6 साल पहले देश में ऐसे 100 केंद्र भी नहीं थे। हम जितना जल्दी हो सके, उतना जल्दी 10,000 का लक्ष्य पूर्ण करना चाहते हैं।
इस योजना से फार्मा सेक्टर में संभावनाओं का एक नया आयाम भी खुला है। आज मेड इन इंडिया दवाइयां और सर्जिकल्स की मांग भी बढ़ी हैं। मांग बढ़ने से उत्पादकता भी बढ़ी है, जिससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर उत्पन्न हो रहे हैं।
आज मोटे अनाजों को ना सिर्फ प्रोत्साहित किया जा रहा है, बल्कि अब भारत की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को International Year of Millets भी घोषित किया है। Millets पर फोकस से देश को पौष्टिक अन्न भी मिलेगा और हमारे किसानों की आय भी बढ़ेगी।
बीते वर्षों में इलाज में आने वाले हर तरह के भेदभाव को समाप्त करने का प्रयास किया गया है, इलाज को हर गरीब तक पहुंचाया गया है। ज़रूरी दवाओं को, हार्ट स्टेंट्स को, नी सर्जरी से जुड़े उपकरणों की कीमत को कई गुना कम कर दिया गया है।
लंबे समय तक देश की सरकारी सोच में स्वास्थ्य को सिर्फ बीमारी और इलाज का ही विषय माना गया। लेकिन स्वास्थ्य का विषय सिर्फ बीमारी से मुक्ति जितना नहीं है, ये देश के पूरे सामाजिक और आर्थिक ताने-बाने को प्रभावित करता है।
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