दिल्ली, भारत। इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कई कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहा है। आज 23 फरवरी को वर्चुअल माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने IIT खड़गपुर में डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च का उद्घाटन किया और आईआईटी खड़गपुर के 66वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया।
आज का दिन नए भारत के निर्माण के लिए अहम :
IIT खड़गपुर के 66वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- आज का दिन IIT खड़गपुर के सिर्फ उन विद्यार्थियों के लिए अहम नहीं है, जिनकों डिग्री मिल रही है। आज का दिन नए भारत के निर्माण के लिए भी उतना ही अहम है। इंजीनियर होने के नाते एक क्षमता आप में विकसित होती है और वो है चीजों को Pattern से Patent तक ले जाने की क्षमता। यानि एक तरह से आपमें विषयों को ज्यादा विस्तार से देखने की दृष्टि होती है।
IIT खड़गपुर के 66वें दीक्षांत समारोह के कार्यक्रम में PM मोदी ने ये भी कहा कि, ''आईआईटी खड़गपुर की ओर से जो 75 नए इनोवेशन्स विकसित किए गए हैं, उन्हें इकट्ठा कर दुनिया को दिखाना चाहिए। भारत की आजादी के 75वें साल पर इन सभी इनोवेशन्स को दिखाया जाना चाहिए। ये हमारे युवाओं को खुद को चुनौती देने या नया करने के लिए प्रेरित करेगा।''
PM मोदी ने ये भी बताया- जीवन के जिस मार्ग पर अब आप आगे बढ़ रहे हैं, उसमें निश्चित तौर पर आपके सामने कई सवाल भी आएंगे। ये रास्ता सही है, गलत है, नुकसान तो नहीं हो जाएगा, समय बर्बाद तो नहीं हो जाएगा? ऐसे बहुत से सवाल आएंगे।
PM द्वारा कहीं गईं प्रमुख बातें-
आप सभी, साइंस, टेक्नॉलॉजी और इनोवेशन के जिस मार्ग पर चले हैं, वहां जल्दबाज़ी के लिए कोई स्थान नहीं है। आपने जो सोचा है, आप जिस इनोवेशन पर काम कर रहे हैं, संभव है उसमें आपको पूरी सफलता ना मिले, लेकिन आपकी उस असफलता को भी सफलता ही माना जाएगा, क्योंकि आप उससे भी कुछ सीखेंगे।
21वीं सदी के भारत की स्थिति भी बदल गई है, ज़रूरतें भी बदल गई हैं और Aspirations भी बदल गई हैं। अब IITs को इंडियन इंस्टीट्यूट्स ऑफ टेक्नॉलॉजी ही नहीं, Institutes of Indigenous Technologies के मामले में Next Level पर ले जाने की जरूरत है।
आप ये जानते हैं कि ऐसे समय मे जब दुनिया climate change की चुनौतियों से जूझ रही हैं, भारत ने इंटरनेशनल सोलर अलायन्स (ISA) का विचार दुनिया के सामने रखा और इसे मूर्त रूप दिया। आज दुनिया के अनेक देश भारत द्वारा शुरू किए गए इस अभियान से जुड़ रहे हैं।
आज भारत उन देशों में से है जहां सोलर पावर की कीमत प्रति यूनिट बहुत कम है, लेकिन घर-घर तक सोलर पावर पहुंचाने के लिए अब भी बहुत चुनौतियां हैं। भारत को ऐसी टेक्नोलॉजी चाहिए जो इनवायर्नमेंट को कम से कम नुकसान पहुंचाए, ड्यूरेबल हो और लोग ज्यादा आसानी से उसका इस्तेमाल कर पाएं।
इंटरनेट ऑफ थिंग्स हो या फिर मॉडर्न कंस्ट्रक्शन टेक्नॉलॉजी, IIT खड़गपुर प्रशंसनीय काम कर रहा है। कोरोना से लड़ाई में भी आपके सॉफ्टवेयर समाधान देश के काम आ रहे हैं। अब आपको हेल्थ टेक के फ्यूचरिस्टिक सोल्यूशंस को लेकर भी तेज़ी से काम करना है।
सरकार ने मैप और Geospatial Data को कंट्रोल से मुक्त कर दिया है। इस कदम से Tech Startup Ecosystem को बहुत मजबूती मिलेगी। इस कदम से आत्मनिर्भर भारत का अभियान भी और तेज होगा। इस कदम से देश के युवा Start-ups और Innovators को नई आजादी मिलेगी।
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