दिल्ली, भारत। देश में आज 18 जून को 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' के तहत निजी क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए 41 कोयला खदानों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की और इस अवसर पर अपने संबोधन में कई महत्वपूर्ण बातें कहीं।
कोरोना ने आत्मनिर्भर भारत होने का सबक दिया :
कोरोना महासंकट काल पर PM मोदी ने कहा कि, ''भारत कोरोना से लड़ेगा भी और आगे भी बढ़ेगा। आपदा कितनी ही बड़ी क्यों न हो, भारत उसे अवसर में बदलने के लिए कृत-संकल्पित है। भारत इस बड़ी आपदा को अवसर में बदलेगा। कोरोना के इस संकट ने भारत को आत्मनिर्भर भारत होने का सबक दिया है।''
आत्मनिर्भर भारत का अर्थ :
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत के अर्थ बताते हुए कहा-
पीएम मोदी ने कहा, ''महीने भर के भीतर ही, हर घोषणा, हर रिफॉर्म्स, चाहे वो एग्रीकल्चर सेक्टर में हो, चाहे MSMEs के सेक्टर में हो या फिर अब कोयला और माइनिंग के सेक्टर में हो, तेज़ी से ज़मीन पर उतर रहे हैं, जो देश कोयला रिजर्व के हिसाब से दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश हो, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक हो, वो देश कोयला का निर्यात नहीं करता बल्कि वो देश दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कोयला इम्पोर्टर है।''
PM मोदी बाेले- अब भारत ने कोयला और खनन के सेक्टर को प्रतियोगिता, कैपिटल, भाग लेना और प्रौद्योगिकी के लिए पूरी तरह से खोलने का बहुत बड़ा फैसला लिया है। एक मजबूत माइनिंग और मिनरल सेक्टर के बिना आत्मनिर्भर भारत संभव नहीं है, क्योंकि मिनरल्स और माइनिंग हमारी अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण पिलर्स हैं। इन रिफॉर्म्स के बाद अब कोल प्रोडक्शन, पूरा कोल सेक्टर भी एक प्रकार से आत्मनिर्भर हो पाएगा।
पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया कि, देश में 16 आकांक्षात्मक जिले ऐसे हैं, जहां कोयले के बड़े-बड़े भंडार हैं, लेकिन इनका लाभ वहां के लोगों को उतना नहीं हुआ, जितना होना चाहिए था। यहां से बड़ी संख्या में हमारे साथी दूर, बड़े शहरों में रोजगार के लिए पलायन करते हैं। इन कोल ब्लॉक्स से इन लोगों को रोजगार मिलेगा और वहां रहने वाले लोगों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी।
PM के संबोधन की प्रमुख बातें :.
पूर्वी भारत और मध्य भारत की एक बड़ी आबादी को उसके घर के पास ही बेहतर रोजगार के अवसर उपबल्ध कराने में कॉमर्शियल माइनिंग के हमारे ये कदम इच्छित परिणाम लाएंगे। हमने वहां के गरीबों को भला करना है।
ये Auction ऐसे समय में हो रहे हैं, जब भारत में Business Activity तेज़ी से नॉर्मल हो रही है। Consumption और Demand बड़ी तेज़ी से pre-COVID level की तरफ आ रही है। ऐसे में इस नई शुरुआत के लिए इससे बेहतर समय नहीं हो सकता।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी अब अपनी स्पीड पकड़ने लगी है। इस बार खरीफ फसल का एरिया पिछले साल के मुकाबले 13 प्रतिशत से ज्यादा है। इस बार गेहूं का उत्पादन और procurement दोनों बड़ा है।
भारत की Success, भारत की Growth निश्चित है। हम आत्मनिर्भर बन सकते हैं। कुछ सप्ताह पहले तक हम N-95 मास्क, कोरोना टेस्टिंग किट, Personal Protective Equipment, वेंटिलेटर बाहर से मंगाते थे। अब भारत अपनी Demand को Make in India से पूरा कर रहा है।
130 करोड़ भारतवासियों का संकल्प है कि हमें आत्मनिर्भर भारत बनाना ही है। Self Reliant India की जो Journey 130 करोड़ भरतीयों ने शुरु की है, उसमें आप सभी उसके बहुत बड़े भागीदार हैं।
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