#MannKiBaat: जानें इस बार PM मोदी ने क्‍या दिया खास संदेश

#MannKiBaat के 66वें संस्करण में PM मोदी ने वर्तमान की मौजूदा स्थिति और आपदा को लेकर कई महत्‍वपूर्ण बातें कही हैं, साथ ही इस दौरान भारत के स्‍वाभिमान, लक्ष्‍य, परंपरा और भाव क्‍या हैं, ये भी बताया...
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#MannKiBaat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर माह के आखिरी रविवार को 'मन की बात' मासिक रेडियो कार्यक्रम के तहत देश को संबोधित करते हैं, इसी कड़ी में आज 28 जून को सुबह 11 बजे 'मन की बात' के 66वें संस्करण के दौरान कई महत्‍वपूर्ण बातें कही हैं।

वर्तमान की मौजूदा स्थितियों पर PM मोदी के विचार :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में वर्तमान में मौजूदा स्थितियों का जिक्र करते हुए कहा कि, अभी कुछ दिन पहले देश के पूर्वी छोर पर चक्रवात अम्‍फान आया, तो पश्चिमी छोर पर चक्रवात निसर्ग आयाI कितने ही राज्यों में हमारे किसान भाई–बहन टिड्डी दल के हमले से परेशान हैं और कुछ नहीं, तो देश के कई हिस्सों में छोटे-छोटे भूकंप रुकने का ही नाम नहीं ले रहे और इन सबके बीच हमारे कुछ पड़ोसियों द्वारा जो हो रहा है, देश उन चुनौतियों से भी निपट रहा है। वाकई, एक-साथ इतनी आपदाएं, इस स्तर की आपदाएं, बहुत कम ही देखने-सुनने को मिलती हैं

PM मोदी ने कहा कि, ''एक साल में एक चुनौती आए या पचास, नंबर कम-ज्यादा होने से वो साल ख़राब नहीं हो जाता। भारत का इतिहास ही आपदाओं और चुनौतियों पर जीत हासिल कर और ज़्यादा निखरकर निकलने का रहा है। सैकड़ों वर्षों तक अलग-अलग आक्रांताओं ने भारत पर हमला किया, लोगों को लगता था कि भारत की संरचना ही नष्ट हो जाएगी, लेकिन इन संकटों से भारत और भी भव्य होकर सामने आया।''

भारत में जहां एक तरफ़ बड़े-बड़े संकट आते गए, वहीं सभी बाधाओं को दूर करते हुए अनेकों-अनेक सृजन भी हुए। नए साहित्य रचे गए, नए अनुसंधान हुए, नए सिद्धांत गड़े गए यानि संकट के दौरान भी हर क्षेत्र में सृजन की प्रक्रिया जारी रही और हमारी संस्कृति पुष्पित-पल्लवित होती रही।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

देश नये लक्ष्य करेगा प्राप्त :

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में देशवासियों के साथ संवाद करते हुए ये बात भी कही कि, इसी साल में देश नये लक्ष्य प्राप्त करेगा, नयी उड़ान भरेगा, नयी ऊँचाइयों को छुएगा। मुझे पूरा विश्वास 130 करोड़ देशवासियों की शक्ति पर है, आप सब पर है इस देश की महान परम्परा है। भारत ने जिस तरह मुश्किल समय में दुनिया की मदद की उसने आज शांति और विकास में भारत की भूमिका को और मज़बूत किया है। दुनिया ने भारत की विश्व बंधुत्व की भावना को भी महसूस किया है। अपनी संप्रभुता और सीमाओं की रक्षा करने के लिए भारत की ताकत और भारत के कमिटमेंट को देखा है।

लद्दाख पर PM मोदी का सख्‍त मैसेज :

वहीं, लद्दाख मामले पर PM मोदी ने सख्‍त मैसेज दिया कि, ''भारत की भूमि पर आँख उठाकर देखने वालों को करारा जवाब मिला है। भारत, मित्रता निभाना जानता है, तो, आँख-में-आँख डालकर देखना और उचित जवाब देना भी जानता है। लद्दाख में हमारे जो वीर जवान शहीद हुए हैं, उनके शौर्य को पूरा देश नमन कर रहा है, श्रद्धांजलि दे रहा है। पूरा देश उनका कृतज्ञ है, उनके सामने नत-मस्तक है। इन साथियों के परिवारों की तरह ही, हर भारतीय, इन्हें खोने का दर्द भी अनुभव कर रहा है।''

आगे उन्‍होंने कहा कि, बिहार के रहने वाले शहीद कुंदन कुमार के पिताजी के शब्द तो कानों में गूँज रहे हैं। वो कह रहे थे, अपने पोतों को भी देश की रक्षा के लिए सेना में भेजूंगा। यही हौंसला हर शहीद के परिवार का है। वास्तव में इन परिजनों का त्याग पूजनीय है। भारत-माता की रक्षा के जिस संकल्प से हमारे जवानों ने बलिदान दिया है, उसी संकल्प को हमें भी जीवन का ध्येय बनाना है, हर देश-वासी को बनाना है।

आत्मनिर्भर भारत पर बोले PM मोदी :

हमारा हर प्रयास इसी दिशा में होना चाहिए, जिससे, सीमाओं की रक्षा के लिए देश की ताकत बढ़े, देश और अधिक सक्षम बने, देश आत्मनिर्भर बने - यही हमारे शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि भी होगी।

कोई भी मिशन जन-भागीदारी के बिना पूरा नहीं हो सकता है। इसीलिए आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक नागरिक के तौर पर हम सबका संकल्प, समर्पण और सहयोग बहुत जरूरी है। आप Local खरीदेंगे, Local के लिए Vocal होंगे। ये भी एक तरह से देश की सेवा ही है। भारत का संकल्प है-

भारत के स्वाभिमान और संप्रभुता की रक्षा।
भारत का लक्ष्य है – आत्मनिर्भर भारत।
भारत की परंपरा है – भरोसा, मित्रता।
भारत का भाव है – बंधुता। हम इन्हीं आदर्शों के साथ आगे बढ़ते रहेंगे।

PM मोदी बोले लॉकडाउन से ज्यादा सतर्कता हमें अनलॉक में बरतनी है-

  • इस बात को हमेशा याद रखिए कि अगर आप मास्क (mask) नहीं पहनते हैं, दो गज की दूरी का पालन नहीं करते हैं, या फिर, दूसरी जरुरी सावधानियां नहीं बरतते हैं, तो, आप अपने साथ-साथ दूसरों को भी जोखिम में डाल रहे हैं।

  • कोरोना के संकट काल में देश लॉकडाउन से बाहर निकल आया है। अब हम unlock के दौर में हैं। unlock के इस समय में, दो बातों पर बहुत focus करना है - कोरोना को हराना और अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना, उसे ताकत देना

  • Unlock के दौर में बहुत सी ऐसी चीजें भी unlock हो रही हैं, जिनमें भारत दशकों से बंधा हुआ था। वर्षों से हमारा mining sector lockdown में था।

  • Commercial Auction को मंजूरी देने के एक निर्णय ने स्थिति को पूरी तरह से बदल दिया है

  • अपने कृषि क्षेत्र को देखें, तो, इस sector में भी बहुत सारी चीजें दशकों से लॉकडाउन में फसी थीं। इस sector को भी अब unlock कर दिया गया है । इससे जहां एक तरफ किसानों को अपनी फसल कहीं पर भी, किसी को भी, बेचने की आजादी मिली है

मन की बात में PM की बड़ी बातें :

  • यू.पी. के बाराबंकी में गांव लौटकर आए मजदूरों ने कल्याणी नदी का प्राकृतिक स्वरूप लौटाने के लिए काम शुरू कर दिया। नदी का उद्धार होता देख आस-पास के किसान, आस-पास के लोग भी उत्साहित हैं।

  • गांव में आने के बाद क्वारंटाइन सेंटर में रहते हुए आइसोलेशन सेंटर में रहते हुए हमारे श्रमिक साथियों ने जिस तरह अपने कौशल्य का इस्तेमाल करते हुए अपने आस-पास की स्थितियों को बदला है, वो अद्भुत है।

  • मुझे विश्वास है साथियों कि, आपके गांव में भी आपके आस-पास भी ऐसी अनेक घटनायें घटी होंगी। अगर आपके ध्यान में ऐसी बात आयी है, तो आप ऐसी प्रेरक घटना को मुझे जरूर लिखिए।

  • हमारे देश में पारम्परिक खेलों की बहुत समृद्ध विरासत रही है। कहा जाता है कि यह game दक्षिण भारत से दक्षिण-पूर्व एशिया और फिर दुनिया में फैला है।

  • आज हर बच्चा सांप-सीढ़ी के खेल के बारे में जानता है । लेकिन, क्या आपको पता है कि यह भी एक भारतीय पारंपरिक game का ही रूप है, जिसे मोक्ष पाटम या परमपदम कहा जाता है।

  • आमतौर पर हमारे यहाँ Indoor खेलों में कोई बड़े साधनों की जरूरत नहीं होती है। कोई एक chalk या पत्थर ले आता है, उससे जमीन पर ही कुछ लकीरे खींच देता और फिर खेल शुरू हो जाता है। जिन खेलों में dice की जरूरत पड़ती है, कौड़ियों से या इमली के बीज से भी काम चल जाता है।

  • साथियों, मुझे मालूम है, आज, जब मैं ये बात कर रहा हूँ, तो, कितने ही लोग अपने बचपन में लौट गए होंगे, कितनों को ही अपने बचपन के दिन याद आ गए होंगे। मैं यही कहूँगा कि उन दिनों को आप भूले क्यों हैं? उन खेलों को आप भूले क्यों हैं?

  • मेरा, घर के नाना-नानी, दादा-दादी, घर के बुजुर्गों से आग्रह है, कि, नयी पीढ़ी में ये खेल आप अगर transfer नहीं करेंगे तो कौन करेगा! जब ऑनलाइन पढ़ाई की बात आ रही है, तो balance बनाने के लिए, ऑनलाइन खेल से मुक्ति पाने के लियेभि, हमें, ऐसा करना ही होगा।

PM मोदी ने कहा- देश के एक बड़े हिस्से में अब मानसून पहुँच चुका है। इस बार बारिश को लेकर मौसम विज्ञानी भी बहुत उत्साहित हैं। बारिश अच्छी होगी तो हमारे किसानों की फसलें अच्छी होंगी, वातावरण भी हरा-भरा होगा। बारिश के मौसम में प्रकृति भी जैसे खुद को रेजुवेनेट कर लेती है। मानव, प्राकृतिक संसाधनों का जितना दोहन करता है, प्रकृति एक तरह से, बारिश के समय, उनकी भरपाई करती है, रेफिल्लिंग करती है, लेकिन ये रेफिल्लिंग तभी हो सकती है जब हम भी इसमें अपनी धरती-माँ का साथ दें, अपना दायित्व निभाएँ।

पूर्व PM नरसिम्हा राव को किया याद :

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पी. वी नरसिम्हा राव की आज जयंती है, इस अवसर पर PM मोदी ने उन्‍हों याद करते हुए ये बातें कहीं-

  • मेरे प्यारे देशवासियों, आज 28 जून को भारत अपने एक भूतपूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दे रहा है, जिन्होंने एक नाजुक दौर में देश का नेतृत्व किया। हमारे ये पूर्व प्रधानमंत्री श्री पी. वी नरसिम्हा राव जी की आज जन्म-शताब्दी वर्ष की शुरुआत का दिन है।

  • नरसिम्हा राव जी अपनी किशोरावस्था में ही स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गए थे। छोटी उम्र से ही श्रीमान नरसिम्हा राव अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज उठाने में आगे थे। अपनी आवाज बुलंद करने में कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ते थे।

  • मेरा आग्रह है, कि, नरसिम्हा राव जी के जन्म-शताब्दी वर्ष में आप सभी लोग उनके जीवन और विचारों के बारे में ज्यादा-से-ज्यादा जानने का प्रयास करें। मैं एक बार फिर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।

  • वे, एक ओर भारतीय मूल्यों में रचे-बसे थे, तो दूसरी ओर, उन्हें पाश्चात्य साहित्य और विज्ञान का भी ज्ञान था। वे, भारत के सबसे अनुभवी नेताओं में से एक थे।

PM मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम के ये अहम बात भी कहीं कि, मेरे प्यारे देशवासियों, इस बार ‘मन की बात’ में कई विषयों पर बात हुई। अगली बार जब हम मिलेंगे, तो कुछ और नए विषयों पर बात होगी। आप, अपने संदेश, अपने innovative ideas मुझे जरूर भेजते रहिये हम सब-मिलकर आगे बढ़ेंगे और आने वाले दिन और भी सकारात्मक होंगे, जैसा कि, मैंने, आज शुरू में कहा, हम, इसी साल यानि 2020 में ही बेहतर करेंगे, आगे बढ़ेंगे और देश भी नई ऊंचाइयों को छुएगा।

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