प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट एंड रीसाइक्लिंग पर विमर्श

नई दिल्ली: ऑल इंडिया प्लास्टिक मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन और रीसाइक्लिंग पर ‘प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट एंड रीसाइक्लिंग वैल्यू क्रिएशन फ्रॉम वेस्ट’ का आयोजन किया।
प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट एंड रीसाइक्लिंग
प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट एंड रीसाइक्लिंगSyed Dabeer Hussain - RE
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राज एक्‍सप्रेस। ऑल इंडिया प्लास्टिक मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन और रीसाइक्लिंग पर ‘प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट एंड रीसाइक्लिंग वैल्यू क्रिएशन फ्रॉम वेस्ट’ का आयोजन किया। आयोजन में प्रो इंडिया रिसाइक्लिंग को एक नॉलेज भागीदार के रूप में शामिल किया गया, जो बड़ी संख्या में हितधारकों के साथ एक टीम के रूप में काम करता है और जिसमें कूड़ा-करकट एकत्र करने वाले, एकेडमिया, उद्योग और नागरिक निकाय शामिल हैं। प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन और इसकी चुनौतियों के वर्तमान परिदृश्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए इस बात पर बल दिया गया कि, कैसे प्लास्टिक उद्योग की मदद से आधिकारिक निकाय पीडब्लूएम नियमों और ईपीआर के सफल कार्यान्वयन के लिए मजबूत समाधान और रूप रेखा तैयार कर सकते हैं।

उद्योग प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा :

इसमें करीब 200 से अधिक उद्योग प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें प्रख्यात उद्योग विशेषज्ञ शामिल हुए। इस दौरान अलग-अलग सेशंस में बेस्ट प्रक्रियाओं, पैनल चर्चा, केस स्टडी और बेहतर इनोवेशन के बारे में जानकारी पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। इस आयोजन ने नेटवर्क को अनोखा प्लेटफॉर्म प्रदान किया और साथ ही इसमें नई-नई रीसाइक्लिंग टेक्नोलॉजी को प्रस्तुत किया गया। इस दौरान एआईपीएमए गवर्निंग काउंसिल के प्रमुख अरविंद मेहता, नीति आयोग के एडवाइजर जितेंद्र कुमार, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, ऑल इंडिया प्लास्टिक मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट (नाॅर्थ) एलके सिंह शामिल थे। इन्होंने प्लास्टिक और सोसायटी धारणा, प्लास्टिक रीसाइक्लिंग, स्थानीय और वैश्विक संदर्भ से जीवन के समाधान के विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए।

हर साल 300 बिलियन प्लास्टिक पैकेजिंग का उत्पादन :

भारत में लोग हर साल लगभग 300 बिलियन प्लास्टिक पैकेजिंग का उत्पादन करते हैं, उनमें से कई पर्यावरण में पीछे रह जाते हैं और रीसाइक्लिंग के लिए नहीं मिलते हैं। हर साल हम ऐसे प्लास्टिक पैकेजिंग के 8 एमएमटी से अधिक उत्पादन कर रहे हैं। यह उद्योग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत के दृष्टिकोण से बहुत अधिक जुड़ा हुआ है और एकल उपयोग प्लास्टिक के बाद उपभोक्ता द्वारा पीछे छोड़े जाने वाले कचरे के परिणाम स्वरूप दिखाई देने वाले प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या का समाधान करने के लिए गठबंधन किया गया है। यह उद्योग का प्रयास है कि, स्थिरता और रीसाइक्लिंग तकनीकों के लिए डिजाइन के आधार पर नवीन समाधानों पर काम किया जाए।

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