दिल्ली, भारत। पेगासस (Pegasus) कथित जासूसी का मामला तूल पकड़ा हुआ है और पेगासस केस पर सियासी बवाल थमने की बजाय और बढ़ता जा रहा है और अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। पेगासस मामले की एसआईटी जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई।
राज्यसभा सांसद ने दायर की याचिका :
दरअसल, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता और राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास ने सुप्रीम कोर्ट में पेगासस मामले की एसआईटी जांच की मांग को लेकर याचिका दायर की। उन्होंने इस्राइली स्पाईवेयर पेगासस के जरिये कार्यकर्ताओं, नेताओं, पत्रकारों और संवैधानिक पदाधिकारियों की कथित जासूसी के संबंध में अदालत की निगरानी में जांच कराने का अनुरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। हालांकि, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता मोहन लाल शर्मा भी एसआईटी जांच की मांग को लेकर याचिका दायर कर चुके हैं।
भारत में लोगों के एक बड़े वर्ग के बीच चिंता पैदा कर दी है :
सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करने वाले माकपा नेता और राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास ने कहा कि, ''हाल में जासूसी के आरोपों ने भारत में लोगों के एक बड़े वर्ग के बीच चिंता पैदा कर दी है और जासूसी का अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर गहरा असर पड़ेगा।'' इस दौरान उन्होंने पेगासस स्पाईवेयर के जरिये जासूसी करने के आरोपों के संबंध में अदालत की निगरानी में जांच कराए जाने का अनुरोध भी किया है।
बहुत गंभीर प्रकृति के बावजूद केंद्र सरकार ने इस मुद्दे को लेकर आरोपों की जांच कराने संबंधी परवाह नहीं की है। इसलिए, इस संबंध में संसद में प्रश्न उठाए गए थे, लेकिन सरकार ने स्पाईवेयर द्वारा जासूसी से न तो इनकार किया और न ही स्वीकार किया है।
जॉन ब्रिटास
पेगासस मामले पर विवाद क्यों?
मामला यह है कि, हाल ही के दिनों में मीडिया पर आईं खबरों में यह दावा किया गया था कि, पेगासस स्पाईवेयर का इस्तेमाल मंत्रियों, नेताओं, सरकारी अधिकारियों और पत्रकारों समेत करीब 300 भारतीयों की निगरानी करने के लिए किया गया। इसी को लेकर देश की सियासत में बड़ा राजनीतिक विवाद शुरू हो गया।
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