राज एक्सप्रेस। दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय संस्था PETA (पेटा) का नाम पशु की सुरक्षा और उनके अधिकारों की देखभाल करने के लिए ही जाना जाता है। लेकिन इस बार PETA का नाम हिन्दुओं की भावनाओं को चोट पहुंचाने को लेकर चर्चा में हैं। इस मुद्दे को लेकर कई लोगों ने PETA के खिलाफ आवाज भी उठाई है। विस्तार से जानिए क्या है मामला ?
क्या है मामला ?
दरअसल, अंतरराष्ट्रीय संस्था PETA ने हाल ही में एक नया कैंपेन चलाया है। जो कि, चमड़े के इस्तेमाल को रोकने को लेकर शुरू किया गया है। परंतु PETA ने इस कैंपेन के लिए जो पोस्टर तैयार कर रिलीज किया उस पर एक तरफ गाय बनी है और दूसरी तरफ राखी बनी है और कैप्शन लिखा है कि, "इस रक्षाबंधन, कृपया मेरी मदद करो: चमड़ा मुक्त बनो PETA India" इस पोस्टर को लेकर बबल मच गया है। इस पोस्टर को रक्षाबंधन के खिलाफ पोस्ट बताया जा रहा है।
उठ रहे है सवाल :
दरअसल, इस तरह के सवाल उठ खड़े हुए हैं कि, यदि PETA ने गाय का नाम लेकर, लेदर फ्री रक्षाबंधन कैंपेन चलाया है। तो इस कैंपेन की मंशा क्या है ? क्या इस कैंपेन की मंशा हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचना है ? इतना ही नहीं PETA पर हिंदू धर्म के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप भी लग रहे हैं। लोगों द्वारा PETA से सवाल पूछे जा रहे हैं कि, आखिर गाय को बचाने वाले पोस्टर पर रक्षाबंधन शब्द का इस्तेमाल क्यों किया है?
क्या PETA को नहीं पता है कि, हिन्दू धर्म में मनाये जाने वाले त्यौहार रक्षाबंधन पर बनने वाली राखियों से चमड़े के इस्तेमाल का कोई संबंध नहीं है। इसके अलावा क्या PETA को नहीं पता है हिंदू धर्म में गाय को पूजनीय मन जाता है। सबकुछ जानते हुए भी PETA के इस कैंपेन का क्या मतलब है ?
इस्कॉन ने भी उठाए बोर्ड पर सवाल:
बता दें, PETA द्वारा शुरू किये गए इस कैंपेन के तहत यह पोस्टर अहमदाबाद, भोपाल, चंडीगढ़, पुणे में लगाए गए हैं। इस पोस्टर वाले बोर्ड लगते ही PETA के इस कैंपेन की आलोचना शुरू हो गई हर कोई PETA से एक ही सवाल पूछ रहा है, कि, "रक्षाबंधन में लेदर का इस्तेमाल कहां होता है।" इतना ही नहीं यहीं सवाल इस्कॉन ने भी हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगते हुए PETA पर उठाया है।
PETA क्या है?
गौरतलब है कि, 'PETA' एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है। जिसका पूरा नाम "दि पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स" है। इसकी स्थापना 22 मार्च, 1980 में हुई थी। PETA का मुख्यालय अमेरिका के वर्जीनिया में है। इसके बाद भारत के मुंबई में साल 2000 में 'PETA इंडिया' की स्थापना की गई थी। इस संस्था का काम पशु अधिकारों के लिए काम करना और पशु अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाना है। बता दें, PETA को विश्व के 'सबसे बड़े पशु अधिकार संगठन' के नाम से भी जाना जाता है। इस संस्था के दुनियाभर में 60 लाख से भी ज्यादा सदस्य हैं। हाल ही में PETA ने सर्कस में जानवरों को इस्तेमाल करने पर भी रोक लगाने के लिए कदम उठाये थे।
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