Pariksha Pe Charcha 2023: परीक्षा में तनाव व चिंता दूर करने PM मोदी ने छात्रों को समझाई यह बातें

दिल्‍ली के तालकटोरा स्टेडियम में PM मोदी ने परीक्षा पर चर्चा में कहा- दबाव में न रहें! सोचें, विश्लेषण करें, कार्य करें और फिर जो आप चाहते हैं उसे प्राप्त करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दें।
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दिल्ली, भारत। बोर्ड के एग्‍जाम देने वालों छात्रों का परीक्षा के तनाव व चिंता को दूर करने आज 27 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'परीक्षा पर चर्चा 2023' नामक संवाद कार्यक्रम आयोजित हुआ, इसके मद्देनजर वे दिल्‍ली के तालकटोरा स्टेडियम पहुंचे। यहां उन्‍होंने परीक्षा पर चर्चा के 6वें संस्करण से संबंधित प्रदर्शनी का निरीक्षण किया।

परीक्षा पर चर्चा मेरी भी परीक्षा है :

इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों को कहा- 'परीक्षा पर चर्चा' मेरी भी परीक्षा है और देश के कोटि-कोटि विद्यार्थी मेरी परीक्षा ले रहे हैं... मुझे ये परीक्षा देने में आनंद आता है। परिवारों को अपने बच्चों से उम्मीदें होना स्वाभाविक है, लेकिन अगर यह सिर्फ 'सामाजिक स्थिति' बनाए रखने के लिए है, तो यह खतरनाक हो जाता है। आपकी तरह हमें भी अपने राजनीतिक जीवन में इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है; चुनावों के उत्कृष्ट परिणाम हमेशा 'अधिक उत्कृष्ट' होने की अपेक्षा की जाती है। तो, चिंता मत करो; बस तनाव मुक्त और प्रफुल्लित रहने के साथ-साथ अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करें। यदि आप बेहतर करते हैं, तो आपके आस-पास से और भी बेहतर करने का संभावित दबाव है। इससे कोई बचा नहीं है।

आप अच्छा करेंगे तो भी हर कोई आप से नई अपेक्षा करेगा... चारों तरफ से दबाव होता है लेकिन क्या हमें इस दबाव से दबना चाहिए? ऐसे ही आप भी यदि अपनी एक्टिविटी पर फोकस रहते हैं तो आप भी ऐसे संकट से बाहर आ जाएंगे। कभी भी दबाव के दबाव में ना रहें।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

PM मोदी द्वारा कहीं गई प्रमुख बातें-

  • अपने भीतर देखो; आत्मनिरीक्षण के लिए जाओ! आपको अपनी क्षमता, अपनी आकांक्षाओं, अपने लक्ष्यों को पहचानना चाहिए; और फिर उन्हें उन अपेक्षाओं के साथ जोड़ने का प्रयास करें जो अन्य लोग आपसे कर रहे हैं। दबाव के दबाव में न रहें! सोचें, विश्लेषण करें, कार्य करें और फिर जो आप चाहते हैं उसे प्राप्त करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दें।

  • केवल परीक्षा के लिए ही नहीं हमें अपने जीवन में हर स्तर पर टाइम मैनेजमेंट को लेकर जागरूक रहना चाहिए। आप ऐसा स्लैब बनाइए कि जो आपको कम पसंद विषय है उसको पहले समय दीजिए... उसके बाद उस विषय को समय दीजिए जो आपको पसंद है।

  • अपनी माँ के घर में समय-प्रबंधन को गहराई से देखें। जिस तरह से वह अत्यंत दक्षता के साथ हर चीज का सूक्ष्म प्रबंधन करती हैं, वह आप सभी के लिए जीवन में सीखने वाली चीज है। मां कभी भी ऐसा महसूस नहीं करती या कहती है जैसे किसी दबाव में हो। उससे सीखो, उसका जीवन! छात्र ये बात समझ कर चलें कि अब ज़िंदगी और जगत बहुत बदल चुका है। आज आपको डगर-डगर पर परीक्षा देनी है... इसलिए जो नकल करने वाला है वो एक-दो एग्जाम तो पार कर जाएगा लेकिन ज़िन्दगी कभी पार नहीं कर पाएगा।

  • जो मेहनती विद्यार्थी है उसकी मेहनत उसकी जिंदगी में अवश्य ही रंग लाएगी। हो सकता है कोई नकल कर आपसे दो-चार नंबर ज्यादा ले जाएगा लेकिन वो कभी भी आपकी ज़िन्दगी की रुकावट नहीं बन पाएगा। आपके भीतर की ताकत ही आपको आगे ले जाएगी।

  • जो लोग कड़ी मेहनत करते हैं उनका जीवन निश्चित रूप से एक धन्य जीवन होगा, रंगों से भरा जीवन। आपके और आपके साथियों के बीच परीक्षा में 2-3 अंकों का अंतर लंबे समय में जीवन में मायने नहीं रखता। जो समर्पित हैं वे निश्चित रूप से सर्वश्रेष्ठ प्राप्त करेंगे।

  • ऐसे लोग हैं, जो बहुत मेहनत करते हैं; कुछ के लिए, 'कड़ी मेहनत' उनके जीवन के शब्दकोश में भी मौजूद नहीं है; कुछ मुश्किल से स्मार्ट काम करते हैं, और कुछ स्मार्ट कड़ी मेहनत करते हैं! हमें इन पहलुओं की बारीकियों को सीखना चाहिए और वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए उसी के अनुसार काम करना चाहिए।

  • पहले काम को समझिए... हमें भी जिस चीज की जरूरत है उसी पर फोकस करना चाहिए। अगर मुझे कुछ अचीव करना है तो मुझे स्पेसिफिक एरिया पर फोकस करना होगा... तभी परिणाम मिलेगा। हमें 'स्मार्टली हार्डवर्क' करना चाहिए, तभी अच्छे परिणाम मिलेंगे। ऐसे लोग हैं, जो बहुत मेहनत करते हैं; कुछ के लिए, 'कड़ी मेहनत' उनके जीवन के शब्दकोश में भी मौजूद नहीं है; कुछ मुश्किल से स्मार्ट वर्क करते हैं, और कुछ स्मार्टली हार्ड वर्क करते हैं! हमें इन पहलुओं की बारीकियों को सीखना चाहिए और वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए उसी के अनुसार काम करना चाहिए।

  • जब एक बार आप इस सत्य को स्वीकार कर लेते हैं की मेरी एक क्षमता है और मुझे अब इसके अनुकूल चीजों को करना है... आप जिस दिन अपने सामर्थ्य को जान जाते हैं, उस दिन बहुत बड़े सामर्थ्यवान बन जाते हैं। हर मां-बाप अपने बच्चों का सही मूल्यांकन करें और बच्चों के भीतर हीन भावना को ना आने दें।

  • हमारा देश, जिसे दुनिया 'औसत' कहती थी, अब विश्व स्तर पर चमक रहा है!

    इसलिए कभी भी अपनी क्षमता को कम मत आंकिए। समय बदलता है, हर किसी में कोई न कोई असाधारण हुनर होता है; बात यह है कि आपको उन्हें पहचानने की आवश्यकता है। आदतन आलोचना करने वालों पर ध्यान मत दीजिए... हमें अपना फोकस कभी छोड़ना नहीं चाहिए। मां-बाप से भी मेरा आग्रह है कि टोका-टोकी के जरिए आप अपने बच्चों को 'मोल्ड' नहीं कर सकते।

  • 'आलोचना' और 'दोष' के बीच एक गहरी और मोटी रेखा है। आलोचनाएँ हमें बेहतर बनाती हैं और दोष एक ऐसी चीज़ है जिस पर हमें जीवन में ध्यान भी नहीं देना चाहिए!

  • हमारे देश में अब गैजेट-उपयोगकर्ता के लिए औसतन छह घंटे का स्क्रीन-टाइम है। यह निश्चित रूप से उस समय और ऊर्जा की मात्रा को दर्शाता है जो किसी व्यक्ति द्वारा अर्थहीन और उत्पादकता के बिना निकाल दी जाती है। यह गहरी चिंता का विषय है और लोगों की रचनात्मकता के लिए खतरा है।

  • दुनिया की सबसे पुरातन भाषा जिस देश के पास हो उस देश को गर्व होना चाहिए। UN में मैंने जानबूझ कर कुछ तमिल भाषा से जुड़ी बातें बताई क्योंकि मैं दुनिया को यह बताना चाहता था कि दुनिया की सबसे पुरानी भाषा मेरे देश में है।

बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'परीक्षा पर चर्चा 2023' नामक संवाद कार्यक्रम बेहद ही खास है, क्‍योंकि इस बार परीक्षा पर चर्चा को तीन भागों 'छात्र, माता-पिता और अध्यापक' में बांटा गया और सभी के लिए अलग-अलग थीम निर्धारित की गई। परीक्षा पे चर्चा के दौरान इस बार 200 छात्र और शिक्षक शामिल हुए, इनमें कला उत्सव प्रतियोगिता के लगभग 80 विजेता और देशभर के 102 छात्र और शिक्षक शामिल हैं।

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