नई दिल्ली। अमेरिका में चतुष्कोणीय फ्रेमवर्क (क्वॉड) की शिखर बैठक के पहले चीन द्वारा पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गलवान घाटी में पिछले साल हुए सैन्य संघर्ष को लेकर दिए गए भड़काऊ बयान को भारत ने आज सिरे से खारिज कर दिया और दो टूक शब्दों में कहा कि इसके लिए सिर्फ चीन का उकसावे भरा व्यवहार और एलएसी में बदलाव करने की एकतरफा कोशिश जिम्मेदार थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिन्दम बागची ने चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के इस बारे में दिए बयान को लेकर मीडिया के सवालों पर कहा, ''हम ऐसे बयान खारिज करते हैं। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गत वर्ष की घटनाओं को लेकर हमारा पक्ष एकदम स्पष्ट और सतत रहा है। यह सिर्फ चीनी पक्ष का उकसावे भरा व्यवहार और सभी द्विपक्षीय करारों के विपरीत यथास्थिति में बदलाव करने की एकतरफा कोशिश करने के कारण शांति एवं स्थिरता गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। इससे द्विपक्षीय संबंधों पर भी असर पड़ा है।"
श्री बागची ने कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसी माह चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात के दौरान जोर देकर कहा था कि हमारी अपेक्षा है कि चीनी पक्ष पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर बचे हुए मसलों के जल्द से जल्द समाधान के लिए काम करेगा और सभी द्विपक्षीय समझौतों एवं प्रोटोकॉल का अनुपालन करेगा। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि गलवान घाटी की घटना इसलिये हुई थी क्योंकि भारत ने सभी संधियों एवं समझौतों का उल्लंघन किया था और एलएसी को पार करके अवैध रूप से चीनी क्षेत्र पर अतिक्रमण किया था।
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