जर्मनी में रात बिताने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या तीन गुना बढ़ी
जर्मनी में रात बिताने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या तीन गुना बढ़ीRaj Express

जर्मनी में रात बिताने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या तीन गुना बढ़ी

जर्मनी नेशनल टूरिस्ट ऑफिस (जीएनटीओ) और भारत में जर्मनी दूतावास द्वारा आज आयोजित एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह आंकड़े जारी किये गए।
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हाइलाइट्स :

  • जर्मनी में रात गुजारने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या करीब 6,23,363 पर पहुंच गयी।

  • जर्मन नेशनल टूरिस्ट बोर्ड के नवीनतम आंकड़ों से यह तस्वीर सामने आई है।

  • जर्मनी में 51 यूनेस्को प्रमाणित वैश्विक धरोहर स्थल हैं।

नई दिल्ली। भारतीयों में बीच जर्मनी के मनोरम पर्यटक स्थलों को देखने की ललक तेजी से बढ़ रही है क्योंकि वर्ष 2022 में जर्मनी में रात गुजारने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या करीब तीन गुना बढ़कर 6,23,363 पर पहुंच गयी।

जर्मन नेशनल टूरिस्ट बोर्ड के नवीनतम आंकड़ों से यह तस्वीर सामने आई है। जर्मनी नेशनल टूरिस्ट ऑफिस (जीएनटीओ) और भारत में जर्मनी दूतावास द्वारा आज आयोजित एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह आंकड़े जारी किये गये। जर्मनी में 51 यूनेस्को प्रमाणित वैश्विक धरोहर स्थल हैं, साथ ही पर्यावरण के अनुकूल एवं प्राकृतिक स्थल भी हैं। जीएनटीओ का लक्ष्य ऐसे भारतीय पर्यटकों को आकर्षित करना है, जो प्राकृतिक सौंदर्य और सौंदर्य से पूर्ण गांवों को देखने में रुचि रखते हैं। 2022 में जर्मनी में रात बिताने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या 6,23,363 रही जबकि 2021 में यह 2,01,194 रही थी। हालांकि 2019 के रिकॉर्ड 9,61,656 भारतीय पर्यटकों की तुलना में यह संख्या अभी काफी कम है।

जीएनटीओ के भारत निदेशक रोमित थियोफिलस ने कहा, “हम 2019 के स्तर के 65 प्रतिशत तक पहुंच गए हैं और अभी भी विकास की संभावनाएं शेष हैं। भारतीयों में विदेश यात्रा की व्यापक मांग देखने को मिलती है। शानदार ऑफरों के साथ जर्मनी एक आकर्षक गंतव्य है। हमारा लक्ष्य जर्मनी में रात बिताने वाले पर्यटकों की संख्या को कोविड-19 से पहले के स्तर पर पहुंचाना है। 2021 की तुलना में हमने उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है, जो इस बात का प्रमाण है कि हमारे अभियान एवं ऑफर्स आकर्षक हैं और भारतीयों को लुभा रहे हैं। हम जानते हैं कि जर्मनी ऐसे भारतीय पर्यटकों को लुभाता है, जिनकी संस्कृति एवं इतिहास में रुचि है।”

उन्होंने कहा कि जर्मनी के पर्यटन उद्योग में पर्यावरण के अनुकूल कदमों को अपनाना फोकस में रहा है और उन्हें भरोसा है कि देश की प्राकृतिक सुंदरता, इनोवेटिव इको-टूरिज्म की प्रक्रियाएं और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर भारतीय पर्यटकों को लुभाएंगी। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के अनुकूल पर्यटन गतिविधियों ने दुनियाभर तेजी पकड़ी है और भारतीयों ने इसे तत्परता से अपनाया है। कोरोना महामारी के बाद से पर्यटकों के व्यवहार में आए बदलाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं और अब पर्यटक पर्यावरण के ज्यादा निकट हुए हैं।

उन्होंने कहा कि पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए जीएनटीओ 2023 के लिए तीन अलग-अलग अभियान के साथ टूरिज्म पैकेज दे रहा है। 51 यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स – हिस्टोरिक, मॉडर्न, जर्मनी अभियान का लक्ष्य शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में ऐतिहासिक वैश्विक धरोहरों एवं विविधताओं को प्रदर्शित करना है। जर्मनी दुनियाभर से आने वाले पर्यटकों को न केवल शहर एवं प्रकृति के साथ साम्य का अनूठा अनुभव देता है, बल्कि यहां सस्टेनेबल ट्रैवल अनुभव भी मिलता है। वैश्विक धरोहरों तक पहुंचने के लिए सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से पर्यावरण के अनुकूल कई ऑफर्स उपलब्ध हैं। इसको इस तरह तैयार किया गया है, जिससे पर्यटकों को इतने अच्छे ऑफर मिलें कि वे ज्यादा समय तक जर्मनी में ठहरने की योजना बनाएं, इससे भी कार्बन डाई ऑक्साइड फुटप्रिंट को कम करने में सहायता मिलती है।

उन्होंने कहा कि यूनेस्को अभियान के साथ-साथ जीएनटीओ 'ग्रीन फोकस' के साथ दो अभियान संचालित कर रहा है, जिनसे 2022 में उल्लेखनीय परिणाम देखने को मिला है। 2023 में नए विचारों एवं प्रेरणा के साथ इनकी अहम भूमिका रहेगी। 'फील गुड' सस्टेनेबिलिटी अभियान में विशेषरूप से ध्यान देते हुए जलवायु एवं पर्यावरण के अनुकूल ऑफर्स को बढ़ावा दिया जाता है। अंतरराष्ट्रीय पर्यटक जर्मनी के ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यावरण के अनुकूल छुट्टियां बिताने का आनंद ले सकते हैं। जर्मनी के एक तिहाई भूभाग में संरक्षित प्राकृतिक स्थल हैं। 16 नेशनल पार्क, 16 बायोस्फेयर रिजर्व और 100 से ज्यादा नेचर पार्क दिखाते हैं कि कैसे प्राकृतिक सुंदरता को संरक्षित किया जा सकता है और जैव विविधता को बनाए रखा जा सकता है।

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