लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में असम की चार सीटों पर मतदान
गुवाहटी, बारपेटा, धुबरी और कोकराझार लोकसभा सीट पर होगा मतदान
यहाँ NDA vs Congress का बना है माहौल
Assam Lok Sabha Election 2024 : लोकसभा चुनाव के 7 मई को होने वाले तीसरे चरण में उत्तर-पूर्वी राज्य असम की बची हुई चार सीटों पर मतदान होना है जिसमे से एक राजधानी गुवाहाटी सीट भी है। चार सीटों में से 3 सीटों धुबरी, बारपेटा और कोकराझार पर भाजपा के सहयोगी दल के प्रत्याशी है। वहीँ दूसरी तरफ कांग्रेस चारों सेटों पर अकेले लड़ रही है। इनमे 2 सीटों पर टीएमसी ने भी अपने उम्मीदवार उतारे है। राहुल गांधी ने इसी साल जनवरी में असम की 17 जिलों से भारत जोड़ो यात्रा निकाली थी जिसमे गुवाहाटी और बारपेटा लोकसभा क्षेत्र भी थे। आपको बता दें की, असम में कुल 14 लोकसभा सीटें है जिसमे से 10 पर मतदान पिछले दो चरणों में हो चूका है। असम में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के लिए मतदान का यह आखरी चरण है। चलिए फिर एक-एक कर चारों सीटों के समीकरण जान लेते है।
गुवाहाटी लोकसभा सीट : Guwahati Lok Sabha Seat
असम की राजधानी वाली यह लोकसभा सीट महिला सांसदों और उम्मीदवारों की सीट मानी जाती है। साल 1977 से इस सीट पर अब तक 3 महिलाएं चुनाव जीत चुकी है और इस बार भी मुकाबला भाजपा और कांग्रेस की 2 महिला प्रत्याशियों के बीच है। भाजपा ने अपनी मौजूदा सांसद क्वीन ओझा का इस बात टिकट काट दिया है और असम भाजपा की उपाध्यक्ष बिजुली कलिता को मैदान में उतारा है तो वहीँ कांग्रेस ने असम महिला कांग्रेस की अध्यक्ष मीरा बोरठाकुर गोस्वामी पर दाव लगाया है। यह सीट पिछले तीन बार से भाजपा अपने नाम करते हुए आई है जहां 2 महिलाएं सांसद चुनी गयी है। इस सीट पर 20 लाख से भी ज्यादा मतदाता है।
धुबरी लोकसभा सीट : Dhubri Lok Sabha seat
धुबरी लोकसभा सीट असम की मुस्लिम बहुल सीट है जहाँ 1952-2019 तक मुस्लिम समुदाय के प्रत्याशियों ने चुनाव जीता है। 1971-2004 तक यह सीट कांग्रेस के कब्जे में रही थी लेकिन 2009 में इस विजयरथ को सर्व भारतीय संयुक्त गणतांत्रिक मोर्चा (AIUDF) के संस्थापक मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने रोका था। अजमल पिछले 3 चुनाव इस सीट को जीतते हुए आ रहे है। बहरहाल, इस बार धुबरी में मुकाबला त्रिकोणीय है क्योंकि राज्य के मौलानानाओं ने बदरुद्दीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
ऐसा इस लिए क्योंकि, असम राज्य के धार्मिक संगठन जमात उलेमा ए-हिन्द के संस्थापक अताउर रेहमान कासिमी ने राज्य के मौलाना और उलेमा से कुछ दिन पहले से अपील की थी वह सभी भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों को वोट दे क्योंकि बदरुद्दीन अजमल ने राजनीति मे धर्म को मिला दिया है। दूसरी तरफ कांग्रेस ने यहां से रकीबुल हुसैन को टिकट दिया है जो पूर्व में कैबिनेट मंत्री रह चुके है। यहां भाजपा की सहयोगी पार्टी, असम गण परिषद (AGP) चुनाव लड़ रही है जिसके प्रत्याशी पूर्व विधायक जाबेद इस्लाम है।
कोकराझार लोकसभा सीट : Kokrajhar Lok Sabha seat
कोकराझार सीट, असम की एक ऐसी सीट है जहां सबसे ज्यादा बार निर्दलीय प्रत्याशियों ने चुनाव जीता है। 1977-2004 लगातार इस सीट से निर्दलीय प्रत्याशियों ने चुनाव जीता है। कोकराझार एक ऐसी भी सीट जहां 2 क्षेत्रीय पार्टी बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट(BPF) और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (UPPL) का दबदबा रहता है। पिछले विधानसभा चुनाव में निर्वाचन क्षेत्र में आने वाली 10 विधानसभा सीटों में से 6 पर यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल ने बाजी मरी थी और 2 सीट भाजपा ने जीती थी।
यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल, भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए का हिस्सा है और भाजपा की सहयोगी पार्टी होते हुए इस सीट पर उन्होंने सीडली से विधायक जोयंता बसुमतारी को उतारा है। वहीँ दूसरी तरफ, कांग्रेस ने यहाँ से गर्जन मुशहरी और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट ने कंपा बोरगोयारी को अपना उम्मीदवार बनाया है। आपको बता दें की, कोकराझार लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति आरक्षित सीट है। इस सीट को पिछले 2 बार से निर्दलीय प्रत्याशी नाबा कुमार सरानिया चुनाव जीतते हुए आ रहे है लेकिन इस बार उनके नामांकन को रद्द कर दिया है।
बारपेटा लोकसभा सीट :
यह कांग्रेस की पारंपरिक सीट मानी जाती है। यहां से भारत के पांचवें राष्ट्रपति फकरुद्दीन अली अहमद भी 2 बार सांसद (1967 &1971) रह चुके है। कांग्रेस ने पिछली बार इस सीट को अपने नाम किया था जहां अब्दुल रफीक यहाँ से सांसद चुने गए थे। हालाँकि, कांग्रेस ने इस बार अब्दुल रफीक का टिकट काट कर असम सेवा दल के प्रमुख दीप बयां को टिकट दिया है। कांग्रेस के इस से राज्य कांग्रेस इकाई के कई नेता नाखुश थे और उन्होंने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष भूपेन कुमार बोराह से दीप बयां का नाम वापस लेने की अपील भी की थी।
दूसरी तरफ इस सीट से भी भाजपा की सहयोगी पार्टी असम गण परिषद (AGP) चुनाव लड़ रही है। असम गण परिषद ने यहाँ से पूर्व कैबिनेट मंत्री और विधायक फणी भूषण चौधरी को उतारा है। यहाँ से वामदल सीपीईएम (CPI-M) भी अपनी जबरदस्त दावेदारी पेश कर रही है जहां उन्होंने सरभोग विधायक मनोरंजन तालुकदार को मैदान में उतारा है। पूर्व कांग्रेसी और मौजूदा सांसद अब्दुल रफीक के समर्थकों ने इस सीट पर सीपीईएम उम्मीदवार को समर्थन देने का फैसला किया है।
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