Lalduhoma Story : तारीख 31 अक्टूबर- इंदिरा गांधी - लाल डेंगा की मुलाकात, जिसमें लालदुहोमा का अहम किरदार
हाइलाइट्स :
1977 में UPSC की परिक्षा पास कर IPS बने।
मिजोरम शांति समझौते में अहम योगदान।
33 साल की उम्र में सांसद बनकर संसद पहुंचे।
The Story of ZPM Leader Lalduhoma : मिजोरम। साल 1984, तारीख 31अक्टूबर- प्रधानमंत्री निवास में एक अहम मुलाकात तय थीं जिसका इंतज़ार पीएम को भी था। यह मुलाकात मिजोरम में शांति स्थापित करने को लेकर थी। मुलाकात प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और MNF के नेता लाल डेंगा के बीच होनी थी। इस समझौते के बाद मिजोरम में शांति स्थापित होने की उम्मीद थी लेकिन इससे पहले ही प्रधानमंत्री की हत्या हो जाती है। लाला डेंगा और इंदिरा गांधी की मुलाकात से एक पूर्व IPS अधिकारी की कहानी भी जुड़ी है जो इस कहानी में एक अहम किरदार है और अब मिजोरम का अगला मुख्यमंत्री बनने वाला है। आइये जानते हैं इस किरदार के बारे में विस्तार से...।
मिजोरम में चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद पूर्व IPS अधिकारी और Zoram People's Movement (ZPM) के नेता लालदुहोमा का नाम सीएम पद के दावेदार के रूप में काफी चर्चा में है। भारतीय पुलिस सेवा में रहते हुए, लालदुहोमा ने गोवा में तस्करों और ड्रग माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाया तो इस काम की चर्चा भी दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय तक हुई। मिजोरम में शांति स्थापित करने में अहम योगदान देने वाले ये पूर्व IPS अधिकारी लालदुहोमा तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सुरक्षा अधिकारी के रूप में भी काम कर चुके हैं।
कौन हैं लालदुहोमा :
लम्बे समय से सत्ता में काबिज मिज़ो नेशनल फ्रंट (Mizo National Front) को हार का मुँह दिखाने वाले लालदुहोमा, 1977 में यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन की परिक्षा पास कर आईपीएस अधिकारी बने थे। ये वही समय था जब मिजोरम में अलगावाद अपने चरम पर था। लालदुहोमा द्वारा IPS अधिकारी के रूप में किया गया कार्य काफी सराहनीय रहा। उन्हें साल 1982 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का सुरक्षा प्रभारी बनाया गया। इंदिरा गांधी के सुरक्षा प्रभारी के रूप में कार्य करते हुए लालदुहोमा उनसे काफी प्रभावित हुए। उन्होंने देश सेवा के लिए अब राजनीति अपनाने का तय किया और IPS के पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के बाद लालदुहोमा ने कांग्रेस की सदस्यता ले ली।
इंदिरा गांधी के मिशन मिजोरम का अहम हिस्सा बने लालदुहोमा :
मिजोरम में उस समय अलगाववाद चरम पर था। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी यहाँ शांति स्थापित करना चाहती थीं। उनके इस मिशन का अहम किरदार थे लालदुहोमा। मिजोरम में अलगावाद का प्रमुख चेहरा लाल डेंगा थे। इंदिरा गांधी लालदुहोमा पर कितना विश्वास करती थीं उसका पता इस बात से चलता है कि, उन्होंने लाल डेंगा से शांति वार्ता करने के लिए लालदुहोमा को लन्दन भेजा। यहाँ लालदुहोमा कुछ हद तक लाल डेंगा को मनाने में सफल हुए।
इसके कुछ समय बाद लाल डेंगा शांति समझौते के लिए मान गए। अब शांति स्थापित होने के बाद मिजोरम में कांग्रेस की सरकार बनी। लालदुहोमा भी चुनाव लड़े लेकिन वे चुनाव हर गए थे। चुनाव हारने के बावजूद लालदुहोमा को कांग्रेस ने मिजोरम का प्रदेश अध्यक्ष बनाया। मिजोरम में जमीनी स्तर पर कार्य करते हुए लालदुहोमा का एक ही उद्देश्य था, और वो था मिजोरम में किसी भी तरह शांति स्थापित करना।
संसद भवन पहुंचे लालदुहोमा :
मिजोरम में शांति समझौते पर आगे बात के लिए लाल डेंगा 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी से मुलाकात करने वाले थे। 31 अक्टूबर को उनकी इंदिरा गांधी से मुलाकात होती, उसके पहले ही इंदिरा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। लाल डेंगा को इस समझौते के लिए मनाने के पीछे लालदुहोमा की सालों की मेहनत और प्रयास था। अफ़सोस ये मुलाकात नहीं हो पाई। पर लालदुहोमा मिजोरम में शांति बहाली के लिए लम्बे समय तक प्रयास करते रहे। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश में कांग्रेस की लहर चली जिसके बाद मिजोरम से लालदुहोमा मात्र 33 साल की उम्र में सांसद बने और पार्लियामेंट तक पहुंचे।
दल - बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराने वाले पहले सांसद :
तमाम प्रयासों के बावजूद मिजोरम में शांति स्थापित नहीं हो रही थी। इससे नाराज लालदुहोमा ने कांग्रेस छोड़ दी। दल - बदल विरोधी कानून के तहत उनकी संसद सदस्य्ता समाप्त हो गई। इस तरह वे देश के पहले नेता थे जिनकी इस कानून के तहत सदस्य्ता समाप्त हुई थी। इसके बाद भी लालदुहोमा नहीं रुके, उन्होंने जमीनी स्तर पर मिजोरम में कार्य किया। काफी प्रयासों के बाद MNF भी शांति समझौते के लिए मान गई।
साल 2018 में दो सीटों पर विजयी लालदुहोमा:
कई सालों तक लालदुहोमा ने मिजोरम में काम किया। साल 2018 में उन्होंने 2 विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था और दोनों पर विजयी घोषित हुए थे, उन्होंने सेरछिप सीट को चुना था। साल 2023 के विधानसभा चुनाव भी उन्होंने सेरछिप सीट से लड़ा है। लालदुहोमा को 8,314 वोट मिले। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी को 2,982 वोट से हराया है। लालदुहोमा को जोरम पीपुल्स मुवमेंट (ZPM) की तरफ से सीएम पद का उम्मीदवार माना जा रहा है। ZPM को मिले चुनाव में बहुमत मिला है, जल्द ही लालदुहोमा मिजोरम के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।
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