त्रिपुरा में एकल-उपयोग प्लास्टिक के आगमन पर निगरानी तेज
अगरतला। त्रिपुरा सरकार ने एकल-उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध के मद्देनजर राज्य में इसके प्रवेश, उत्पादन और बिक्री पर निगरानी तेज कर दी है। अनुमान के मुताबिक, त्रिपुरा प्रतिदिन 20 मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरे का उत्पादन करता है, लेकिन इतनी बड़ी मात्रा में इसका प्रबंधन नहीं कर पाता है। पिछले से माह देश में एकल उपयोग प्लास्टिक को देश में प्रतिबंधित कर दिया गया है।
राज्य सरकार ने बंगलादेश की सीमा पर अखौरा एकीकृत चेक-पोस्ट और असम सीमा पर चुराईबारी अंतरराज्यीय चेक-पोस्ट पर एकल-उपयोग प्लास्टिक कैरी बैग पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिये है, क्योंकि त्रिपुरा में ऐसी वस्तुओं का न तो निर्माण हो रहा है और न ही व्यापार हो रहा है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी सचिव, प्रदीप चक्रवर्ती ने कहा कि प्रशासन द्वारा नियमित रूप से बाजारों में छापेमारी की जा रही है जिससे ऐसे उत्पादों के स्टॉक, बिक्री और उपयोग करने वालों का पता लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि कैरी बैग और एकल-उपयोग प्लास्टिक के संदर्भ में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है और इसे बहुत जल्द ही राज्यव्यापी रूप से लागू किया जाएगा।
हालांकि, व्यापार समूहों और नागरिक समाज संगठनों ने इस निर्णय को अपरिपक्व और अपूर्ण बताते हुए सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि एकल-उपयोग प्लास्टिक में केवल कैरी बैग ही शामिल नहीं होते हैं। मुद्दों का समाधान किया जाना चाहिए तथा आसानी से उपलब्ध उपयोगकर्ता-अनुकूल विकल्पों को लेकर आना चाहिए।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।