हाइलाइट्स :
म्यांमार में तख्तापलट के बाद भारत की सीमा में आये थे कई नागरिक।
आने वाले समय में 77 म्यांमार नागरिकों को किया जाएगा निर्वासित।
Deportation Of Citizens Of Myanmar From Manipur : मणिपुर। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने म्यांमार से आये हुए नागरिकों के डिपोर्टेशन पर कहा कि, आने वाले समय में भी यह जारी रहेगा। शुक्रवार को ही मणिपुर से म्यांमार के सात नागरिकों का पहला बैच निर्वासित किया गया था। राज्य सरकार म्यांमार से आए हुए नागरिकों को डिपोर्ट कर रही है। म्यांमार में तख्तापलट के बाद कई म्यांमार के नागरिक सुरक्षित जगह की तलाश में भारत में आ गए थे।
म्यांमार के नागरिकों को निर्वासित करने पर, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा, संख्या बहुत बड़ी है इसलिए हम उन्हें एक बार में पूरी तरह से निर्वासित नहीं कर सकते। इसलिए हम उन्हें छोटे छोटे बैच में निर्वासित कर रहे हैं और कुछ कानूनी प्रक्रियाएं हैं जिनका हमें पालन करना होगा, हम उनका पीछा कर रहे हैं और उन्हें निर्वासित कर रहे हैं और निर्वासित करना जारी रखेंगे।"
एनआरसी लागू करने पर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा, ''फैसला केंद्र सरकार को लेना है। राज्य विधानसभा ने प्रस्ताव पारित कर सिफारिश कर दी है लेकिन अब बाकी काम केंद्रीय मंत्रालय के हाथ में है इसलिए मैं अनुरोध करूंगा और मैं इसका पालन करूंगा।"
मणिपुर के आधिकारिक सूत्रों से पता चला है कि, म्यांमार के सात नागरिकों का पहला जत्था, जो 2021 में पड़ोसी देश में सैन्य तख्तापलट से भागते हुए मणिपुर में दाखिल हुए थे, उन्हें शुक्रवार को निर्वासित कर दिया गया। सात विदेशी नागरिकों को इंफाल हवाई अड्डे से टेंग्नौपाल जिले के सीमावर्ती शहर मोरेह तक एक हेलीकॉप्टर द्वारा ले जाया गया। उन्होंने बताया कि वहां से उन्हें तमू शहर में म्यांमार के अधिकारियों को सौंप दिया गया। उन्होंने कहा कि, अगले कुछ दिनों में 55 महिलाओं और पांच बच्चों सहित कुल मिलाकर 77 म्यांमार नागरिकों को निर्वासित किया जाएगा।
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