'ईद जैसी भक्ति राम मंदिर के लिए क्यों नहीं' Assam CM ने Gaurav Gogoi से पूछा

Assam CM ने Gaurav Gogoi के ईद पर नमाज़ अदा करने, पर राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में सम्मिलित ना होने पर सवाल उठाए हैं।
Assam CM on Gaurav Gogoi
Assam CM on Gaurav GogoiRaj Express
Author:
Shreya N
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हाइलाइट्स:

  • राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे गौरव गोगोई।

  • असम में राहुल गांधी के साथ कर रहे थे विरोध।

  • ईद के दिन गौरव गोगोई ने पढ़ी थी नमाज।

Assam CM Himanta Biswa Sarma on Gaurav Gogoi: Assam CM हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने कांग्रेस के असम से लोकसभा सांसद गौरव गोगोई पर कटाक्ष किया है। शुक्रवार को मीडिया से बातचीत के दौरान Assam CM ने Gaurav Gogoi के ईद पर नमाज़ अदा करने, पर राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में सम्मिलित ना होने पर सवाल उठाए हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हमारे नेता लोगों को सभी त्योहारों पर बधाई देते हैं। 

ईद के दिन नमाज पढ़ते दिखे थे गौरव गोगोई

कांग्रेस के लोकसभा सांसद गौरव गोगोई की ईद के नमाज पढ़ने की तस्वीरें सामने आई थी। वहीं 22 जनवरी को अयोध्या में हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में तमाम विपक्षी नेताओं समेत Gaurav Gogoi भी शामिल नहीं हुए थे। इस दौरान वे राहुल गांधी के साथ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। अब इसी मुद्दे पर Assam CM ने गौरव गोगोई को घेरा है और उनके दोहरे आचरण पर सवाल उठाए हैं।

ईद के जैसी निष्ठा राम मंदिर के लिए क्यों नहीं?

असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने गौरव गोगोई के बारे में कह- गौरव को नमाज पढ़ने की सही मुद्रा मालूम है। मुझे नहीं पता कि उन्होंने यह कहां से सीखा है। लेकिन यहां सवाल है, कि जिस तरह की निष्ठा उन्होंने ईद को लेकर दिखाई है, वैसी भक्ति उन्होंने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दौरान क्यों नहीं दिखाई? जब प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी, तो वह असम की सड़कों पर राहुल गांधी के बगल में रहते हुए प्रशासन से लड़ रहे थे और कानून तोड़ रहे थे।'

गोगोई ने दी सफाई

हिमंता बिस्वा सरमा के आरोपों पर Gaurav Gogoi की ओर से भी सफाई आई है। गौरव गोगई ने बताया कि 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दिन वे बटद्रव थाना (नगांव) में थे। गोगोई ने सीएम सरमा पर आरोप लगाए कि उन्होंने बटाद्रवा थाना का अपमान किया और शंकरदेव के सिद्धांतों का अनादर किया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हम शंकरदेव का सम्मान करते हैं, इसलिए उनका विरोध किया। बतां दे कि बटाद्रवा थाना असम के नगांव का एक तीर्थ क्षेत्र है जहां संत और समाज सुधारक शंकरदेव का जन्म हुआ था।

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