New Hit and Run Law : हिट एंड रन कानून के खिलाफ प्रदर्शन, सड़कों पर उतरे ड्राईवर, 2022 में 47 हजार से अधिक केस
हाइलाइट्स
हिट एंड रन कानून के खिलाफ हो रहा प्रदर्शन।
पेट्रोल ट्रक चालकों ने भी खड़े किये टैंकर।
पेट्रोल पम्प पर लगी लम्बी कतारें।
Protest Against New Hit and Run Law : नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लाये गए हिट एंड रन कानून का समूचे देश में विरोध किया जा रहा है। ट्रक चालकों के साथ ऑटो और बस चालाकों में भी रोष व्याप्त है। इसके साथ ही पेट्रोल टैंकरों के चालकों ने भी इस कानून का विरोध करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया है जिसके बाद से जगह-जगह पेट्रोल पम्प पर लोगों की लम्बी-लम्बी कतारें देखि जा रही है। आइये जानते है इस कानून में ऐसा क्या- क्या है जिसकी वजह से ड्राईवर संघ इतने बड़े लेवल पर इसका विरोध प्रदर्शन कर रहे है।
क्या है नया हिट एंड रन कानून :
औपनिवेशिक युग के आपराधिक कानूनों में बदलाव की वजह से हिट एंड रन मामलों में सजा बढ़ गई है।सरकार ने हिट एंड रन मामले में कानून में संशोधन करते हुए दोषी ड्राइवर पर सात लाख रुपए तक का जुर्माना और 10 साल की कैद का प्रावधान किया है। जबकि इससे पहले,आईपीसी की धारा 304ए (लापरवाही से मौत) के तहत आरोपी को केवल दो साल तक की जेल हो सकती थी। इस कानून के विरोध में AIMTC (All India Motor Transport Congress) ने संशोधन का विरोध करते हुए देश भर में हड़ताल शुरू कर दी है। हड़ताल के तहत देश भर में ट्रांसपोर्टर अघोषित हड़ताल पर चले गए हैं।
क्यों किया हिट एंड रन में संशोधन :
हिट एंड रन में संशोधन किये जाने का उद्देश्य हिट एंड रन की दुर्घटना के मामलों के खतरे को रोकना है, जो सालाना लगभग 50,000 लोगों की जान ले लेते हैं। इसी क्रम में बीते साल 2020 में हिट एंड रन के मामले 41हजार 196 दर्ज किये गए थे जिसका क्राइम रेट 3.0 था तो वहीं 2021 में यह बढकर 43 हजार 499 हुए जिसका क्राइम रेट 3.2 था। इसके अलावा नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के डाटा के अनुसार 2022 में एक बार फिर बढ़कर 47 हजार 806 हुआ जिसका क्राइम रेट 3.5 था। इसे लागू करने का मुख्या उद्देश्य हिट एंड रन के बढ़ते हुए केसों में कमी करना है।
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