New Education Policy : भारत में इस कोरोना संकट को देखते हुए इस साल कई बदलाव हुए कई बड़े फैसले किये गए। वहीं, अब इस कोरोना काल के बीच ही केंद्र सरकार ने देश की शिक्षा नीति में बहुत बड़ा बदलाव किया है। इस बदलाव के तहत केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति (New Education Policy) के प्रस्ताव को पास करके देश में एक नई शिक्षा नीति लागू कर दी है। यानी की भारत में अब शिक्षा ग्रहण करने के तौर-तरीके पूरी तरह से बदल जाएंगे।
क्या है नई शिक्षा नीति :
देश में लागू हुई नई शिक्षा नीति के अनुसार भारत में अब 10+2 सिस्टम, PHD से जुड़े, ग्रेजुएशन से जुड़े कई बड़े सिस्टम बदल दिए गए हैं। इनके अलावा नई शिक्षा नीति में निम्लिखित बिन्दुओ को शामिल किया गया है।
नई शिक्षा नीति :
10 + 2 स्कूलों से बोर्ड और स्ट्रीम सिस्टम खत्म।
कक्षा 5 तक को प्री स्कूल, 6 से 8 तक को मिड स्कूल, 8 से 11 तक को हाई स्कूल, 12 के बाद ग्रेजुएशन माना जाएगा।
कक्षा 9 से 12 तक सेमेस्टर सिस्टम से परीक्षाएं होंगी।
8 वीं से 11 तक के छात्र विषय चुन सकते हैं।
सभी उच्च शिक्षा केवल एक प्राधिकरण द्वारा शासित होंगी।
दोनो सेमेस्टर को जोड़कर होगी रिजल्ट की घोषणा
5 वीं तक की पढ़ाई मातृभाषा में होगी।
अंग्रेज़ी में पढ़ाई की अनिवार्यता नहीं रहेगी।
ENGLISH मात्र एक विषय के तौर पर पढ़ाया जाएगा।
कक्षा 6 से सीख सकेंगे कंप्यूटर कोडिंग, यानि कक्षा 6 के स्टूडेंट्स कोडिंग सीख सकेंगे।
कक्षा 6 से स्टीडेंट्स Internship कर सकेंगे जो कि, स्कूल की तरफ से करवाई जाएगी।
विशेष रूचि होने पर प्रैक्टिकल ट्रेनिंग मिलेगी।
स्टूडेंट्स के व्यावहार , extra curricular activities पर भी ध्यान दिया जाएगा। सारी बातों पर ध्यान रखकर रिजल्ट तैयार होगा
किसी भी कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए common aptitude test देना होगा ।
बोर्ड परीक्षाओं के नम्बर, CAT नंबर जोड़कर एडमिशन हो सकेगा।
Cut off admission नहीं मिला तो CAT दे सकेंगे।
मजबूती के साथ इतिहास का गर्व, प्राचीन इतिहास, अधिक डाइवर्सिटी, आधुनिक इतिहास और संस्कृति का ज्ञान, ट्रेडिशनल का ज्ञान अच्छे से दिया जाएगा इन विषयों को स्टूडेंट्स को अच्छे से पढ़ाया जाएगा।
सभी यूनिवर्सिटी सरकार, निजी, ओपन, डीम्ड, वोकेशनल आदि में समान ग्रेडिंग और अन्य नियम होंगे।
UGC AICTE का विलय किया जाएगा।
देश में सभी प्रकार के शिक्षकों के लिए नए शिक्षक प्रशिक्षण बोर्ड की स्थापना की जाएगी, जिसे कोई भी राज्य बदल नहीं सकेगा।
माता-पिता के लिए घर में 3 साल तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए और प्री स्कूल 3 से 6 के लिए सरकार द्वारा नया बुनियादी शिक्षण कार्यक्रम बनाया जाएगा।
सभी ग्रेजुएशन कोर्स हिंदी में किए जा सकेंगे।
सभी एक ही तरह के कॉलेज अपनी रेटिंग के हिसाब से एक ही तरह के अधिकार और पैसे प्राप्त कर सकेंगे।
PHD करने के लिए M.Phil नहीं करना होगा।
ग्रेजुएशन सिस्टम :
प्रत्येक डिग्री कोर्स अब से 4 साल का होगा, जिसमे,
1 saal में पढाई छोड़ी तो certificate मिलेगा।
2 saal में पढाई छोड़ी तो diploma मिलेगा ।
3 saal में पढाई छोड़ी तो bachelor डिग्री मिलेगी।
4 saal पूरे करने पर आपको research के साथ डिग्री मिलेगी।
बता दें, सभी कॉलेज के स्टूडेंट्स अलग अलग विषय ले सकेंगे। ये व्यवस्था Multiple entry और Multiple exit वाली होगी।
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