राज एक्सप्रेस। झारखंड के दुमका में अंकिता पर हुए हमले के बाद देशभर में एक बार फिर से महिला सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। भाजपा इस मुद्दे को लेकर झारखंड सरकार पर हमलावर है तो वहीं कांग्रेस, भाजपा शासित राज्यों में होने वाले महिला अपराधों पर सवाल उठा रही है। इसी बीच बीते दिनों राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें राजधानी दिल्ली को महिलाओं के लिए देश का सबसे असुरक्षित शहर बताया गया है। रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में रोजाना दो नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार की घटना को अंजाम दिया गया है।
क्या कहते हैं आंकड़े?
एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 में दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 13,982 केस दर्ज किए गए हैं, जबकि साल 2020 में यह आंकड़ा 9782 था। यानी एक साल में महिला के खिलाफ अपराधों में करीब 40 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसके अलावा साल 2021 में दिल्ली में बच्चियों से बलात्कार के 833 मामले, पतियों द्वारा क्रूरता के 4674 मामले, अपहरण के 3948 मामले और दहेज हत्या के 136 मामले दर्ज किए गए हैं।
मुंबई और बेंगलुरु भी असुरक्षित :
दिल्ली के अलावा मुंबई और बेंगलुरु भी महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित शहरों में से एक है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 में मुंबई में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 5543 मामले जबकि बेंगलुरु में 3127 मामले दर्ज किए गए हैं।
बलात्कार में राजस्थान आगे :
साल 2021 में देशभर में बलात्कार के सबसे अधिक मामले राजस्थान में दर्ज किए गए हैं। बीते साल पूरे देश में बलात्कार के 31,677 मामले सामने आए, जिनमें से 6337 मामले राजस्थान से सामने आए हैं। इसके बाद उत्तरप्रदेश में 2845 मामले सामने आए हैं।
बच्चियों के लिए मध्यप्रदेश है असुरक्षित :
कुल महिला अपराध में मध्यप्रदेश भले ही देश में छठे नंबर पर हो, लेकिन नाबालिग बच्चियों से बलात्कार और पॉक्सो एक्ट में मध्यप्रदेश देश में पहले स्थान पर है। वहीं महिला संबंधी अपराधों में चार्जशीट पेश करने के मामले में मध्यप्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है। साल 2021 में महिला संबंधी अपराधों में मध्यप्रदेश में चार्जशीट पेश करने की दर 84 फीसदी थी।
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