आज का दिन भारत के चौथे आधार स्तंभ मीडिया को समर्पित

National Press Day 2019: भारत में हर साल 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के रूप में मनाया जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि, यह क्यों मनाया जाता है? साथ ही प्रेस और सोशल मीडिया का क्या कार्य है ?
National Press Day 2019
National Press Day 2019Syed Dabeer Hussain -RE
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हाइलाइट्स :

  • 16 नवंबर को भारत में मनाया जाता है राष्ट्रीय प्रेस दिवस

  • लोकतांत्रिक को मजबूत बनाने के लिए चार आधार स्तंभ

  • भारत के चौथे स्तंभ को समर्पित आज का दिन

  • 1966 से मनाया जा रहा है 'राष्ट्रीय प्रेस दिवस'

राज एक्सप्रेस। भारत एक लोकतांत्रिक देश है और भारत के लोकतंत्र को मजबूत बनाये रखने के लिए देश में चार आधार स्तम्भ निर्मित किये गए हैं। यह चारों आधार स्तम्भ देश में अपने-अपने स्थान पर ईमानदारी और पूरी निष्ठा से निष्पक्ष होकर अपना कार्य करते हैं। आज का दिन अर्थात 16 नवंबर राष्ट्रीय प्रेस दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो भारत के चौथे स्तंभ अर्थात मीडिया को समर्पित है।

चार आधार स्तंभ :

  1. न्यायपालिका (Judiciary)

  2. कार्यपालिका (Executive)

  3. विधानसभा (Legislature)

  4. मीडिया या प्रेस (Media or Press)

क्या है यह राष्ट्रीय प्रेस दिवस है ?

हर साल 16 नवंबर का दिन पूरे भारत में राष्ट्रीय प्रेस दिवस के रूप में मनाया जाता है, प्रेस दिवस को भारतीय प्रेस परिषद को स्वीकार करने और सम्मानित करने के लिए समर्पित किया गया है। यह एक वैधानिक और अर्ध-न्यायिक प्रतिष्ठान है जो, भारतीय प्रेस समुदाय द्वारा उपलब्ध कराई गई, रिपोर्ट्स की गुणवत्ता पर नजर रखने के लिए जिम्मेदार है। इतना ही नहीं प्रेस भारत में स्वतंत्रता का एक प्रतीक है, जो, किसी भी मुद्दे पर स्वतंत्र रूप से निष्पक्ष होकर कार्य करता है।

क्यों मनाया जाता है?

द फर्स्ट प्रेस कमीशन द्वारा 1956 में भारत में पत्रकारिता और प्रेस की स्वतंत्रता की नैतिकता की रक्षा के लिए एक समिति की स्थापना की। आयोग ने लगभग 10 साल बाद एक 'प्रेस परिषद' का गठन किया, जिसने 16 नवंबर, 1966 से मीडिया समूहों की निगरानी करने का कार्य शुरू किया और इस तरह भारत में हर साल 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस (National Press Day) के रूप में मनाया जाने लगा। 1966 में तत्कालीन संसद सदस्यों द्वारा गठित, प्रेस की स्व-नियामक निगरानी प्रेस परिषद अधिनियम 1978 के तहत संचालित होती है। परिषद पारंपरिक रूप से सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश और 28 अतिरिक्त सदस्यों द्वारा अध्यक्षता की जाती है। जिसमें से 20 सदस्य भारत में संचालित मीडिया आउटलेट्स के सदस्य हैं।

मीडिया या प्रेस का कार्य :

हालांकि देश के चारों आधार सतम्भों का कार्य बहुत ही महत्वपूर्ण हैं परंतु चौथे आधार स्तम्भ का कार्य मुख्य इसलिए माना जाता है, क्योंकि चौथे स्तंभ का कार्य बाकी के सभी स्तंभों पर नजर रखना है। साथ ही पूरे भारत की खबरों और जानकारियों को जनता तक पहुंचाना है। इस कार्य में बहुत ही साबधानियॉ रखनी पड़ती है। यदि जनता तक कोई भी जानकारी गलत पहुंच जाये तो, बबाल मच जाता है, जिसका पूरा दोष जनता मीडिया को ही देती है। मीडिया को ऐसी ही बहुत सी चीजों का सामना करना पड़ता है।

मीडिया के अन्य कार्य :

  • जनहित की सूचनायें समय पर प्रसारित करना।

  • समाज को एक सूत्र में बांधे रखने का कार्य।

  • लोकव्यवस्था का निर्माण करना।

  • निष्पक्ष होकर हर धर्म से जुड़ी खबरें जनता तक पहुंचना।

  • सम्वेदनशील स्थितियों में समाज की अखंडता बनाये रखना।

  • बेबाक व तर्कहीन खबरों को समाज मे फैलने से बचाने का कार्य।

  • समाचार आउटलेट्स को स्वतंत्रता बनाए रखने में मदद करता है।

  • पूरे भारत में समाचारों को प्रसारित करना।

  • उच्च पेशेवर मानकों को सुनिश्चित करने के लिए आचार संहिता का निर्माण करता है।

  • खबर के उत्पादन और प्रसंस्करण पर नज़र रखना।

  • खबर की गुणवत्ता की समीक्षा करना।

  • व्यक्तिगत और उद्यमशीलता के प्रेस अधिकारों को सुनिश्चित करना।

बधाईया :

सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्वीटर पर कई प्रकाश जावड़ेकर, रामेश्वर दयाल यादव, एम के वेणु और स्मृति ईरानी समेत लोगों ने अपने-अपने अंदाज में राष्ट्रीय प्रेस दिवस (National Press Day) की बधाईंया दी हैं। सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 16 नवंबर को प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के 53 वें राष्ट्रीय प्रेस दिवस की स्मृति में अपने ट्विटर हैंडल पर सभी मीडिया कर्मियों को बधाईंया दी। उन्होंने प्रेस की स्वतंत्रता के महत्व पर अपने विचारों को रखा, उन्होंने निष्पक्ष और निष्पक्ष रिपोर्टिंग की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने इस बात का विरोध किया कि, मीडिया सही कारणों के लिए आलोचना कर सकता है और उसे 'नकली समाचार' के बारे में सावधान रहना चाहिए और गलत सूचना फैलाने से बचना चाहिए।

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