विद्यालयों में समाप्त हो रहा राष्ट्रीय त्योहारों के प्रति उत्साह

विद्यालयों में राष्ट्रीय पर्वो और त्योहारों को धूमधाम से मनाने का चलन खत्म होता नजर आ रहा है। जबकि, आज से कई साल पहले विद्यालयों में बहुत ही धूमधाम से मनाये जाते थे सभी पर्व। जानिए, इसका मुख्य कारण।
National Festivals Celebrations in Schools
National Festivals Celebrations in SchoolsKavita Singh Rathore -RE
Published on
Updated on
3 min read

हाइलाइट्स :

  • विद्यालयों में समाप्त हो रहा राष्ट्रीय त्योहारों के प्रति उत्साह

  • खत्म होता नजर आ रहा राष्ट्रीय त्योहारों को धूमधाम से मनाने का चलन

  • ध्वजारोहण कर राष्ट्रगान "जन-गण-मन" गाकर मनाया जाता राष्ट्रीय पर्व

  • विद्यार्थियों में बढ़ता ही जा रहा कम्पटीशन

राज एक्सप्रेस। जैसा कि सबको पता है भारत एक पर्वो और त्योहारों की भूमि है, भारत की इसी भूमि पर कई राष्ट्रीय पर्व और त्यौहार मनाये जाते हैं, उन्ही में से एक राष्ट्रीय पर्व आज के दिन अर्थात 26 जनवरी को मनाया जाता है, जिसे 'गणतंत्र दिवस' के नाम से जाना जाता है। हालांकि, इसे भारत की राजधानी दिल्ली सहित कई राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन आज विद्यालयों से राष्ट्रीय पर्वो और त्योहारों को धूमधाम से मनाने का चलन खत्म होता नजर आ रहा है। चलिए इस विचारशील मुद्दे पर थोड़ा विस्तार से विचार करते हैं।

कैसे मनाया जाता था राष्ट्रीय पर्व :

आज से कई साल पहले स्कूलों में गणतंत्रता दिवस का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता था, विद्यालयों में राष्ट्रीय पर्व 26 जनवरी 'गणतंत्र दिवस और 15 अगस्त 'स्वतंत्रता दिवस' को लेकर काफी उत्साह देखने को मिलता था। सभी विद्यार्थी अपने अध्यापकों सहित बहुत ही धूमधाम से इन पर्वो को मानते थे। रंगारंग कार्यक्रम होते थे, कई नाट्य शैली द्वारा कोई बड़ा सन्देश दिया जाता था या इतिहास की किसी घटना को दोहराया जाता था, सभी आयु वर्ग के विद्यार्थी देशभक्ति गीत गा कर प्रस्तुति देते थे।

वहीं छोटी कक्षाओं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों में कोई फेन्सी ड्रेस में नेताजी बन कर आता था तो कोई भगत सिंह, वहीं हाई कक्षा के विद्यार्थी नेताओं या देश की आजादी या संविधान लागू होने से जुड़े मुद्दों पर भाषण देते थे। इस तरह के कार्यक्रमों के बीच बहुत ही धूमधाम से ध्वजारोहण कर बहुत ही प्रेम से सब एक साथ मिलकर राष्ट्र गान "जन-गण-मन" गाकर मिठाईयां बांट कर इस त्यौहार का समापन करते थे।

राष्ट्रीय पर्व को मनाने का खत्म होता चलन :

आज विद्यालयों में कोई भी राष्ट्रीय पर्व धूमधाम से नहीं मनाया जा रहा है, आज विद्यालयों में सिर्फ ध्वजारोहण करके राष्ट्र गान "जन-गण-मन" गाकर मिठाई देकर विद्यार्थियों को घर भेज दिया जाता है। कई विद्यालयों में तो अब राष्ट्र गान भी स्वयं नहीं गाया जाता है, उसे भी स्पीकर्स पर बजा दिया जाता है और तो और अब तो विद्यालयों में प्रार्थना के समय राष्ट्रगान गाने का भी चलन खत्म होता नजर आ रहा है। विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों का समय नष्ट न हो इसलिए कई विद्याल इस तरह के कदम भी उठा रहे हैं।

क्यों आया यह बदलाव :

जैसे-जैसे समय आगे बढ़ रहा है वैसे-वैसे ही विद्यार्थियों में कम्पटीशन भी बढ़ता ही जा रहा है। आज के इस बढ़ते कम्पटीशन ने विद्यार्थियों को देश आजाद कराने वाले शहीदों को भी भुलवा दिया है। आज विद्यार्थियों के सामने एक प्रश्न यह उठ खड़ा होता है कि, वो पढाई करें या राष्ट्रीय पर्व मनाये ? वहीं दूसरी तरफ विद्यालयों में परीक्षाएं इतनी जल्दी ले ली जाती है जहां पहले विद्यार्थियों की परीक्षाएं मार्च-अप्रैल में होती थी वहीं अब जनवरी में शुरू करके फरवरी तक खत्म भी हो जाती है और मार्च-अप्रैल के महीने में अगली कक्षा की पढाई शुरू हो जाती है। इस तरह बच्चे अपनी गर्मियों की छुट्टियों का लुफ्त भी आराम से नहीं उठा पाते हैं।

विद्यार्थियों में अच्छा रिजल्ट्स लाने की होड़ लगी रहती है, खुद को फर्स्ट लाने की होड़ तो, स्कूल को टॉप रैंकिंग में लाने की होड़। वहीं आज कई ऐसे विद्याल भी मौजूद हैं, जहां नवी कक्षा के बाद से ही विद्यार्थियों को बोल दिया जाता है कि, अपना पूरा ध्यान सिर्फ पढ़ाई में लगाएं और साथ ही कई विद्यार्थियों में तो दसवीं और बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को ऐसे पर्वो का हिस्सा बनने के लिए तक मना कर दिया जाता है।

इस बात का डर :

विद्यालयों में जल्दी परीक्षा होने के कारण विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए उचित समय नहीं मिल पाता है और जिसके चलते आज की युवा पीढ़ी हमारे देश के प्राचीन इतिहास से बिल्कुल वंचित होती जा रही है। अब डर तो बस इस बात का है कि, पढ़ाई और कम्पटीशन के चलते टॉप में आने की इस होड़ के कारण विद्यार्थी भारत के इतिहास और उन वीर शहीदों को न भूल जायें, जिनकी वजह से वो आज इस खुली हवा में सांस ले रहे हैं।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com