MoRTH: गडकरी ने बताया, ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने बस करना होगा यह काम

स्तरीय एवं नियमबद्ध ड्राइविंग प्रशिक्षण प्रदान करने और सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए मूल रूप से यह निर्णय प्रस्तावित किया गया है।
वाहन लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया होगी सरल।
वाहन लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया होगी सरल।Neelesh Singh Thakur – RE
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हाइलाइट्स

  • मिलेगी DL की जटिल प्रक्रिया से निजात

  • मोर्थ ने तैयार किया नई प्रक्रिया का खाका

  • ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्रों को मान्यता का प्लान

राज एक्सप्रेस। डीएल यानी ड्राइविंग लाइसेंस (Driving Licence/DL) जारी करने की जटिल प्रक्रिया को आसान करने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने नया खाका तैयार किया है। इस नई व्यवस्था में ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्रों के लिए अनिवार्य मानक निर्धारित कर इन केंद्रों को मान्यता प्रदान करने का केंद्र सरकार का प्लान है।

नया तंत्र नया मंत्र -

इस नए तंत्र में कुछ ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्रों को मान्यता संबंधी प्रमाण पत्र प्रदान करने का प्रस्ताव है। ऐसे में जो लोग इन संस्थानों से अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पास करते हैं; उन्हें लाइसेंस के लिए ड्राइविंग टेस्ट से गुजरना आवश्यक नहीं होगा।

संस्थानों की मान्यता -

एजेंसी की खबरों के अनुसार आवश्यकताओं के निश्चित मानदंड को पूरा करने और निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करने के बाद ही संस्थानों को मान्यता दी जाएगी।

चिंताओं के जवाब -

ड्राइविंग टेस्ट पूरा कर लेंगे लेकिन फिर भी लाइसेंस नहीं मिलेगा? चिंता युक्त इस सवाल के जवाब में मोर्थ यानी मिनिस्ट्री ऑफ रोड, ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे (Ministry of Road, Transport and Highways-MoRTH) अर्थात सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक ऐतिहासिक कदम आगे बढ़ाया है।

मोर्थ जिस मसौदा अधिसूचना (draft notification) के साथ आया है उसके अनुसार वाहन लाइसेंस के लिए अनिवार्य ड्राइविंग टेस्ट की आवश्यकता नहीं रहेगी।

नई प्रणाली का मकसद -

देश में नागरिकों को स्तरीय एवं नियमबद्ध ड्राइविंग प्रशिक्षण प्रदान करने और सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए मूल रूप से यह निर्णय प्रस्तावित किया गया है।

इस कदम से परिवहन उद्योग को ड्राइवरों का एक प्रशिक्षित सेट प्राप्त करने और दुर्घटनाओं को कम करने के साथ ही नागरिकों की ड्राइविंग दक्षता में सुधार करने में भी मदद मिलेगी।

पहले दी थी जानकारी -

इस बारे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले साल लोक सभा में बताया था कि देश में 25 लाख वाहन चालकों की कमी है। इसलिए ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर्स की रूपरेखा तैयार की गई है। देश के प्रत्येक राज्य में एक-एक ड्राइविंग सेंटर प्रदान करने का भरोसा भी उन्होंने दिया था।

महानगरों की अपेक्षा पिछड़े अशिक्षित वर्ग के इलाकों में इस तरह के केंद्रों की जरूरत गडकरी ने बताई। उन्होंने पूर्व में प्रस्तावित नियमों में सांसदों की सलाह पर संशोधन करने की भी जानकारी संबोधन में दी।

ड्राइविंग लाइसेंस के बारे में गडकरी ने अमेरिका, यूके की सख्त प्रणाली का हवाला देकर भारतीय ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया की खामी गिनाते हुए कहा कि भारत में एक व्यक्ति के नाम चार से पांच लाइसेंस तक जारी हो जाते हैं।

खामी दूर करना जरूरी -

उन्होंने कहा कि इस खामी को दूर करने के लिए ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्रों की जरूरत महसूस हुई है। ताकि लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को आसान और गुणवत्तायुक्त बनाया जा सके। आसान की जा रही ड्राइविंग लाइसेंस आवेदन प्रक्रिया में आवेदकों को आ रही परेशानी के बारे में जानने शीर्षक पर क्लिक/स्पर्श करें - RE Exclusive: लाइसेंस संबंधी NIC की सारथी वेबसाइट पर क्यों गायब है अपना एमपी?

व्यापक बदलाव का दौर -

भारत में सड़कों का नेटवर्क दुरुस्त होने के बाद से परिवहन से जुड़े नियम-कायदों में भी व्यापक बदलाव देखने को मिले हैं। फास्टैग के साथ ही वाहन लाइसेंस जारी करने की सरल प्रक्रिया उसी कड़ी का एक हिस्सा हैं।

हालांकि इस बारे में एक राय यह भी है कि वाहन प्रशिक्षण केंद्रों पर निर्भरता की स्थिति में वाहन चालन में निपुण लाइसेंस आवेदक पर प्रशिक्षण शुल्क का अतिरिक्त आर्थिक बोझ भी पड़ सकता है।

डिस्क्लेमर आर्टिकल एजेंसी फीड और अन्य सोर्स पर प्रचलित रिपोर्ट्स/वीडियो पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त प्रचलित जानकारी जोड़ी गई हैं। इस आर्टिकल में प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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