दिल्ली, भारत। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के जारी आंदोलन के बीच आज बुधवार काे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई, इस दौरान जो अहम फैसले लिए गए उस संबंध में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और रवि शंकर प्रसाद ने जानकारी साझा की है।
दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा आज गन्ना किसानों के हित में महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए बड़ी राहत दी है। आज की कैबिनेट बैठक में सरकार ने चीनी निर्यात पर सब्सिडी देने का फैसला लिया है, इससे पांच करोड़ किसानों को फायदा होगा। साथ ही पूर्वोत्तर राज्यों में बिजली व्यवस्था को सुधारने और स्पेक्ट्रम को लेकर भी फैसला लिया गया है।
शक्कर के उत्पादन में बढ़ोतरी :
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया- शक्कर के उत्पादन में बढ़ोतरी की जाएगी, सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 310 लाख टन चीनी के उत्पादन का लक्ष्य रखा है। देश की खपत 260 लाख टन है। शक्कर का दाम कम होने की वजह से किसान और उद्योग संकट में है। इसको मात देने के लिए 60 लाख टन चीनी निर्यात करने और निर्यात को सब्सिडी देने का फैसला किया गया है।
गन्ना किसानों को मिलेंगे 18 हजार करोड़ :
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर द्वारा ये भी कहा गया है कि, 500 करोड़ रुपए की सब्सिडी, प्रत्यक्ष निर्यात का मूल्य 18000 करोड़ रु. किसानों के खाते में जाएगा। इसके अलावा घोषित सब्सिडी का 5361 करोड़ रुपया एक सप्ताह में किसानों के खाते में जमा कर दिया जाएगा।
बिजली व्यवस्था सुधारने के लिए नए बजट को मंजूरी :
पूर्वोत्तर में बिजली व्यवस्था को सुधारने के लिए नए बजट को मंजूरी दी गई है, पहले इस पर 5 हजार करोड़ रुपये खर्च होना था, लेकिन अब 6700 करोड़ का खर्च होगा। इसके जरिए ट्रांसमिशन लाइन को बढ़ाया जाएगा, 24 घंटे बिजली के लक्ष्य को पूरा किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर
तो वहीं, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी ट्वीट कर लिखा- किसानों के हितों की रक्षा के लिए नरेंद्र मोदी की सरकार सदैव काम करती आयी है। आज की कैबिनेट में गन्ना किसानों के लाभ के लिए चीनी के निर्यात पर दी जाने वाली सब्सिडी को सीधा किसानों के बैंक खाते में भेजा जायेगा। इस के तहत 5 करोड़ किसानों को कुल 3500 करोड़ का भुगतान किया जायेगा।
स्पेक्ट्रम नीलामी पर कैबिनेट की मंजूरी :
इसके अलावा केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक अन्य महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए ये कि, ''स्पेक्ट्रम आवंटन के अगले दौर के लिए नीलामी को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। आखिरी नीलामी 2016 में हुई थी। कैबिनेट ने 20 साल की वैधता अवधि के लिए 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज और 2500 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम की नीलामी को मंजूरी दी है। कुल 2251.25 मेगाहर्ट्ज की कुल वैल्यूएशन 3,92,332.70 करोड़ रुपये की गई है।''
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