राज एक्सप्रेस। दुनियाभर के साथ ही भारत में भी कोरोना का आंकड़ा बहुत तेजी से बढ़ता जा रहा है। हालांकि, देशभर में कोरोना वैक्सीन का वैक्सीनेशन जारी है, लेकिन अब तक किसी भी कंपनी द्वारा कोरोना की दवाई बनाने को लेकर कोई दावा नहीं किया गया था। हालांकि योग गुरु बाबा रामदेव ने कोरोना की दवाई बनाने का दावा किया था, जिसको लेकर भी काफी काफी विवाद हुए थे। इनसब के बावजूद भी देश में कोई कोरोना की दवाई नहीं थी, लेकिन अब इसी बीच गुजरात के अहमदाबाद की एक कंपनी ने एक अच्छी खबर दी है। इस खबर के तहत कोरोना वायरस जैसी महामारी के लिए दवा लॉन्च कर दी गई है।
कोरोना की दवा हुई लांच :
देशभर के लोगों को कोरोना वैक्सीन के लिए सालभर इंतज़ार करना पड़ा था, सालभर के बाद देश को दो कोरोना वैक्सीन तो मिली, लेकिन अब तक कोई दवाई नहीं मिल सकी थी, लेकिन अब लग रहा है कि, देशवासियों को कोरोना के लिए दवाई भी मिल गोई है। क्योंकि भारत में अब 'आयुध एडवांस' नाम की एक कोरोना की दवा लांच कर दी गई है। हालांकि, यह मार्केट में कब से मिलेगी। बता दें, इस दवाई को इसे गुजरात की शुक्ला अशर इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार किया है। खबरों के अनुसार, वैक्सीनेशन खत्म होने के बाद आयुध एडवांस मार्केट में मिलने लगेगी।
कैसी है कोरोना की दवा ?
बताते चलें, शुक्ला अशर इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा तैयार की गई कोरोना की दवाई एक लिक्विड फॉम में है। इसे 21 अलग-अलग पौधों द्वारा तैयार किया गया है और यह दो क्लिनिकल ट्रायल से गुजर चुकी है। साथ ही इस दवाई को लेकर कंपनी का दावा है कि, कोरोना के मरीजों पर यह दवाई काफी प्रभावी है। कंपनी ने इस दवा का ट्रायल अहमदाबाद के सरकारी अस्पतालों में किया था। ट्रॉयल के तहत दवाई के देने के बाद मरीज 4 दिन के अंदर ही कोरोना से ठीक हो रहा था। खासियत यह है कि, इसका कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला।
क्या कर सकती है यह दवा :
कंपनी ने ही बताया है कि, इस दवाई से शरीर का तापमान, कफ की समस्या और सांस लेने में दिक्कत होने जैसी तकलीफ भी तेजी से ठीक हो जाती है। बता दें, लेकर विज्ञान और हेल्थ सेक्टर में दुनिया के बड़े जर्नल कंटेम्प्रेरी क्लिनिकल ट्रायल कम्युनिकेशन में रिसर्च रिपोर्ट पब्लिश हो चुकी है। रिपोर्ट में इस दवाई को कोरोना के हल्के लक्षणों वाले मरीजों के लिए काफी कारगर बताया गया है। इसके अलावा अमेरिका के नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ में भी इस पर एक रिपोर्ट प्रकाशित हो चुकी है।
दवाई के ट्रायल :
दवाई का पहला क्लिनिकल ट्रायल अक्टूबर 2020 में श्रीमती एनएचएल नगर मेडिकल कॉलेज में किया गया था। जबकि दूसरा ट्रायल जनवरी 2021 में GMERS मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में किया गया। पहला ट्रायल ऐसे मरीजों पर किया, जिनमें कोरोना के हल्के लक्षण थे। इस ट्रायल के तहत कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों को आयुध एडवांस दिन में चार बार दी गई। सभी मरीज 4 दिन के अंदर ठीक हो गए।
कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर ने बताया :
कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर दीप शुक्ला ने बताया कि, 'आयुध एडवांस, वैक्सीन के मुकाबले काफी अलग है। वैक्सीन किसी एक बीमारी के खिलाफ एंटीबॉडी बनाती है, लेकिन उससे बीमारी 100 प्रतिशत ठीक नहीं होती है। इसके उलट आयुध एडवांस से बीमारियां जड़ से ठीक होती हैं।'
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