पश्चिम बंगाल। पश्चिम बंगाल में एक बार फिर जीत हासिल करके ममता बनर्जी ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद संभाल लिया है। उन्होंने बुधवार को मुख्यमंत्री पद की सपथ लेने के कुछ ही घंटों बाद अहम् फैसले लेना शुरू कर दिए। इन अहम् फैसलों के तहत ममता बनर्जी ने 29 शीर्ष पुलिस अधिकारियों को बदल डाला। साथ ही कूचबिहार के SP को भी सस्पेंड कर दिया है। जबकि, कुछ IPS अधिकारियों को वापस बुला लिया है।
ममता बनर्जी का अहम फैसला :
दरअसल, पश्चिम बंगाल में एक बार फिर दीदी यानी ममता बनर्जी की सरकार सत्ता में आ गई है। उन्होंने सत्ता सँभालते ही अहम् फैसला लेते हुए कुछ ऐसे 29 शीर्ष पुलिस अधिकारियों का तबादला कर दिया है। जिन्होंने विधानसभा चुनावों से पहले निर्वाचन आयोग में ड्यूटी की थी। इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने निर्वाचन आयोग की तरफ से हटाए गए अपने विश्वस्त अधिकारियों को दोबारा तैनात करते हुए कूचबिहार के पुलिस अधीक्षक देबाशीष धर को सस्पेंड कर दिया है। जबकि ममता ने कई IPS अधिकारियों को वापस भी बुला लिया है। इन IPS की लिस्ट में ममता के सबसे खास अधिकारियों के नाम पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र, ADG कानून-व्यवस्था जावेद शमीम और महानिदेशक सुरक्षा विवेक सहाय का है।
CID जांच का के आदेश :
बताते चलें, कूचबिहार के सीतलकूची इलाके में 10 अप्रैल को एक मतदान बूथ पर हमला रोकने के लिए CISF जवानों ने फायरिंग की थी, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में भी ममता बनर्जी ने CID जांच का के आदेश जारी किए हैं। वहीं, धर की जगह के. कनन को तैनात किया गया है, जिन्हें चुनावों में निर्वाचन आयोग ने अनिवार्य वेटिंग पर भेज दिया था। इसके अलावा निर्वाचन आयोग द्वारा वीरेंद्र की जगह पुलिस महानिदेशक बनाए गए नीरज नयन पांडे को महानिदेशक अग्निशमन पद पर भेजा गया है। वहीं, निर्वाचन आयोग ने विवेक सहाय को लापरवाही का आरोप लगते हुए उन्हें उनके पद से हटा दिया था, जब पुरबा मेदिनीपुर जिले में प्रचार के दौरान ममता बनर्जी हादसे का शिकार हो गई थीं।
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