सन 2005 के एक ऐसे ही एक मामले में चली गई थी 11 सांसदों की सदस्यता
केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर ने कहा यदि यह आरोप सच है तो यह बेहद शर्मनाक घटना
राज एक्सप्रेस। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा के पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर लगे आरोपों की वजह से उनकी सदस्यता भी खतरे में पड़ गई है। आपको याद होगा कि सन 2005 के एक ऐसे ही एक मामले में 11 सांसदों की सदस्यता चली गई थी। इस मुद्दे पर इलेक्ट्रानिक्स एवं इन्फार्मेशन टेक्नालॉजी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने माइक्रो ब्लागिंग प्लेटफार्म एक्स पर फोटो शेयर करते हुए कहा मुझे पता चला है कि ये प्रश्न एक डेटा सेंटर कंपनी के कहने पर सांसद महुआ मोइत्रा ने पूछे थे। राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि अगर यह सच है तो यह शर्मनाक घटना है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा मुझे इसके पूरे तथ्य या पृष्ठभूमि की जानकारी नहीं है, लेकिन अगर यह सच है तो इस पर सांसद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए । उन्होंने कहा यह सच है कि यह कंपनी डेटा स्थानीयकरण के लिए आक्रामक तरीके से पैरवी कर रही थी। इस संबंध में कंपनी के प्रमुख ने मुझसे भी मुलाकात की थी।
उल्लेखनीय है कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने सदन में जो 61 सवाल पूछे हैं, उसमें से 50 सवाल उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी के कारोबार से जुड़े हुए हैं। इसका साफ मतलब है कि उन्होंने उद्यमी को लाभ पहुंचाने के लिए संसद में सवाल उठाए। सांसद निशिकांत ने कहा दिल्ली के अधिवक्ता जय अनंत देहाद्रई ने इस मामले की विस्तार से जांच की है।
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