हाइलाइट्स
72 वर्ष की आयु में पंकज उधास का निधन।
बेटी नायब ने सोशल मीडिया में पोस्ट कर दी जानकारी।
Ghazal singer Pankaj Udhas Passes Away : मुंबई। मशहूर गजल गायक पंकज उधास का 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। उनके परिजनों ने इसकी पुष्टि की है। पंकज उधास का जन्म 17 मई 1951 को हुआ था। उनकी बेटी नायब ने सोशल मीडिया में पोस्ट कर उनके निधन की जानकारी दी। मुंबई के ब्रीच कैंडी हाॅस्पिटल में उनका इलाज हो रहा था। खबरों के मुताबिक पंकज उधास को पेनक्रियाज का कैंसर था। हालांकि इस बीमारी की जानकारी इससे पहले सामने नहीं आई थी।
आहत से हुई पंकज उधास के करियर की शुरुआत
गजल गायक पंकज उधास का करियर साल 1980 में ‘आहत’ नाम के ग़ज़ल एलबम से शुरू हुआ था। उसके बाद ‘मुकर्रर’, ‘तरन्नुम’ और ‘महफ़िल’ जैसे एलबम आए। ग़ज़ल के जगत में बड़ा नाम कमाने के बाद उनकी मुलाकात महेश भट्ट से हुई। यहाँ महेश भट्ट ने अपनी ‘नाम’ फिल्म में पंकज उधास को एक गाना गाने का ऑफर किया। यह गाना था ‘चिट्ठी आई है’।
पंकज दा को पद्मश्री
‘चिट्ठी आई है’ गाने के बाद उन्होंने हिंदी फिल्मों के लिए गाना शुरू कर दिया। इसके बाद ‘जियें तो जियें कैसे’, ‘मत कर इतना गुरूर’ और ‘ना कजरे की धार’ जैसे हिट गाने दिए। उनके एलबम्स से ‘आहिस्ता’, ‘चुपके चुपके’ और ‘चांदी जैसा रंग’ जैसे गानों को भी बहुत पसंद किया गया। संगीत जगत में अपने योगदान की वजह से उन्हें साल 2006 में पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि, "हम पंकज उधास जी के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं, जिनकी गायकी कई तरह की भावनाओं को व्यक्त करती थी और जिनकी ग़ज़लें सीधे आत्मा से बात करती थीं। वह भारतीय संगीत के एक प्रकाश स्तंभ थे, जिनकी धुनें पीढ़ियों से चली आ रही थीं। मुझे पिछले कुछ वर्षों में उनके साथ हुई अपनी विभिन्न बातचीतें याद हैं। उनके जाने से संगीत जगत में एक खालीपन आ गया है जिसे कभी नहीं भरा जा सकेगा। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं...शांति"।
पंकज उधास के निधन पर मध्यप्रदेश सीएम डॉ. मोहन यादव ने व्यक्त किया दुख:
भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रसिद्ध गायक पद्मश्री पंकज उधास के निधन पर दुख व्यक्त किया और कहा कि प्रसिद्ध गीत और गजल गायक पंकज उधास का निधन गायन के क्षेत्र में बड़ी क्षति है। डॉ. यादव ने कहा कि बहुत छोटी उम्र से उन्होंने संगीत केरियर शुरू किया था। चिट्ठी आई है...चांदी जैसा रंग तेरा और न कजरे की धार...जैसे मधुर गीतों से उनकी पहचान बनी थी। वे मध्यप्रदेश में अनेक अवसरों पर कार्यक्रम प्रस्तुति के लिए पधारे थे। मुख्यमंत्री ने दिवंगत पंकज उधास की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।
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