हाइलाइट्स :
ECI ने 6 फरवरी को दिया था अजीत पवार के पक्ष में निर्णय।
चुनाव आयोग के निर्णय से शरद पवार गुट में भारी असंतोष।
महाराष्ट्र। शरद पवार गुट ने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अजीत पवार गुट को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) के रूप में मान्यता देने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख किया है। 6 फरवरी को अजीत पवार गुट को ECI द्वारा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के रूप में मान्यता दी गई थी।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी NCP में उस समउ टूट हुई थी जब अजीत पवार और प्रफुल्ल पटेल ने शरद पवार से नाता तोड़ भाजपा और शिंदे सरकार का समर्थन किया था। शरद पवार से नाता तोड़ने के बाद अजीत पवार ने महाराष्ट्र सरकार के डिप्टी सीएम के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली थी।
अजीत पवार ने ECI में चुनाव चिन्ह और पार्टी के नाम की मांग करते हुए अपील की थी। वहीं शरद पवार ने इस मामले में महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर को 10 वीं अनुसूची के अजीत पवार गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर को 31 जनवरी तक अयोग्यता पर निर्णय लेने को कहा था जिसे बाद में 15 फरवरी तक बढ़ा दिया गया था।
निर्वाचन आयोग ने विधायी बहुमत के आधार पर पाया कि, अजीत पवार गुट के पास 81 में से 51 विधायकों का बहुमत है। इसके बाद भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव चिन्ह आरक्षण - आबंटन आदेश 1968 के तहत अजीत पवार के पक्ष में फैसला दिया था। इससे शरद पवार गुट संतुष्ट नहीं हुआ और अब सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग के आदेश के खिलाफ याचिका लगाई गई है।
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