महाराष्ट्र:लॉकडाउन में फरवरी से फंसे हजारों श्रद्धालु अब जाएंगे घर
महाराष्ट्र:लॉकडाउन में फरवरी से फंसे हजारों श्रद्धालु अब जाएंगे घरSocial Media

महाराष्ट्र: लॉकडाउन में फरवरी से फंसे हजारों श्रद्धालु अब जाएंगे घर

महाराष्ट्र के लातूर जिले में फरवरी से राठोडा गांव में महानुभव पंथ में सत्संग कार्यक्रम हुआ था, इसी बीच लॉकडाउन लागू होने से करीब 1300 लोग यहां फंसे हैं और अब बसों से सभी को अपने गांव भेजा जा रहा है।
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राज एक्‍सप्रेस। भारत के अलावा दुनिया भर के देशों में भयानक कोरोना वायरस का काल मंडरा रहा है, जिसके चलते सभी देशों की सरकार अपने-अपने स्‍तर पर कोरोना संक्रमण के खतरे फैलने से रोकने के लिए कई कदम उठा रही हैं। भारत में भी लॉकडाउन लागू है, ऐसे में जो लोग जहां है वहीं फंसे हुए हैं और लॉकडाउन से सबसे ज्‍यादा परेशानी अपने घरों से दूर रहकर दूसरे शहरों में फंसे लोगों को हो रही है।

लातूर में फंसे 1300 लोग :

लॉकडाउन के कारण फंसे लोगों के लिए सभी राज्‍य सरकारें अपने राज्‍यों के लोगों को लाने के लिए उचित प्रबंध कर रही हैं। कोरोना संक्रमण खतरा न बढ़े, इसके लिए कुछ राज्यों में लोगों को वहीं रोक कर खाने-पीने का व्‍यवस्‍था कर दी गई, तो कुछ लोगों को उनके घर पहुंचाने का इंतजाम किया जा रहा है। अब हाल में महाराष्ट्र के लातूर जिले के एक गांव राठोडा से सामने आया है, यहां लॉकडाउन में फंसे करीब 1300 लोगों को निजी बस से उनके गांव जाधववाडी भेजा जा रहा है, जो पुणे जिले में आता है।

बताया जा रहा है कि, यहां पर फरवरी में लातूर के राठोडा गांव में महानुभव पंथ के सत्संग कार्यक्रम शुरू हुआ था, इसी बीच लॉकडाउन की घोषण कर दी गई, तो ये सभी श्रद्धालु इस गांव में फंसे थे और अब लगभग 2 महीने बाद निकाले जा रहे हैं एवं निजी बसों से घर पहुंचाया जा रहा है।

इतना ही नहीं ये बात भी सामने आई है कि, लॉकडाउन के कारण परेशानी होने के अलावा यहां पर चार-पांच दिन पहले जोरों से बारिश हुई, जिससे सत्संग का मंडप उखड़ गया, खाना बनाने का सामान भी खराब हो गया। इसके बाद इन महानुभवी साधकों को रहने के लिए मंदिर और स्कूलों का सहारा लिया।

प्रशासन ने दी अनुमति :

महाराष्‍ट्र के इन लोगों की परेशानी और ऐसी स्थिति को देखते हुए प्रशासन द्वारा इन सभी को निजी बसों से अपने गांव जाधववाडी आश्रम लौटने की अनुमति दे दी है। साथ ही इन सभी के लिए 32 बसें उपलब्ध कराई गई, 44 सीट वाली एक बस में 22 यात्रियों को बैठाकर पुणे की जाधववाडी भेजा गया। हालांकि इन बसों से सभी साधकों को वापस भेजने के लिए 2 दिन लगेंगे। बता दें कि, इन सभी लोगों का कोरोना टेस्ट किए जाने के बाद ही आगे जाने की अनुमति दी जा रही है।

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