हाइलाइट्स:
बारामति लोकसभा सीट पर शरद पवार की बेटी और बहु में टक्कर।
छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज भी उतरे चुनावी मैदान में।
कांग्रेस से टिकट ना मिलने पर विशाल पाटिल सांगली से निर्दलीय उम्मीदवार।
Maharashtra Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के पहले दो चरणों में 13 सीटों पर चुनाव के बाद, अब महाराष्ट्र में तीसरे चरण में 11 सीटों पर मतदान होना है। महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरद पवार गुट) के महाविकास अघाड़ी (MVA) और भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार गुट) की महायुति के बीच सीधा मुकाबला है। वर्तमान में इन 11 में से 7 सीटों पर महायुति की सत्ता है और 4 पर महाविकास अघाड़ी के सांसद हैं।
इन सीटों पर है चुनाव- बारामती, सांगली, सोलापुर, सातारा, कोल्हापुर, रत्नागिरी सिंधुदुर्ग, रायगड़, माढा, उस्मानाबाद, लातूर, हातकणंगले।
महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण की प्रमुख सीटें-
बारामती (सुनेत्रा पवार बनाम सुप्रिया सुले)
तीसरे चरण के चुनाव में बारामती महाराष्ट्र की सबसे हॉट सीट होने वाली है। यहां पर मुकाबला नंद और भाभी का है। MVA से यहां सिटिंग एमपी और शरद पवार की बेटी सुप्रिया (Supriya Sule) सुले चुनावी मैदान में है। बहन को टक्कर देने के लिए अजित पवार ने इस सीट पर पत्नि सुनेत्रा पवार (Sunetra Pawar) को उतारा है।
सुप्रिया सुले 2009, 2014 और 2019 में तीन बार बारामती की सांसद रह चुकी हैं। 2019 का चुनाव उन्होंने 1 लाख 55 हजार से ज्यादा वोटों से जीता था। इससे पहले शरद पवार भी 6 बार बारामती के सांसद रहे हैं। अजित पवार भी NCP के गठन से पहले, कांग्रेस में रहते हुए बारामती के सांसद रह चुके हैं। शरद पवार से अलग होकर, अब अजीत पवार ने उनके घर में अपनी पत्नि को चुनावी मैदान में उतारकर सीधी टक्कर दी है। आरोप प्रत्यारोपों के बीच इस सीट की लड़ाई दिलचस्प होने वाली है।
सांगली (संयज पाटिल बनाम चंद्रहार पाटिल बनाम विशाल पाटिल)
सांगली लोकसभा सीट पर 1962 से 2009 के लोकसभा चुनावों तक कांग्रेस का एकक्षत्र राज रहा है। 2014 में भाजपा के संजय पाटिल (Sanjay Patil) 2 लाख 39 हजार से ज्यादा वोटों से यहां से जीत कर आए। 2019 में भी उनकी जीत हुई। इस बार सांगली सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय है। भाजपा ने अपने सिटिंग एमपी संजय पाटिल को टिकट दी है। महाविकास अघाड़ी ने यह सीट शिवसेना (यूबीटी) के चंद्रहार पाटिल(Chandrahar Patil) को दी है। जबकि कांग्रेस से टिकट मिलने की उम्मीद में रहे विशाल पाटिल (Vishal Patil) निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। विशाल पाटिल महाराष्ट्र के पूर्व सीएम वसंतदादा पाटील पोते हैं।
विशाल पाटील सांगली से 2019 का लोकसभा चुनाव राजु शेट्टी की स्वाभिमानी पक्ष पार्टी से लड़ चुके हैं। 3,44,643 मतों के साथ वे दूसरे सबसे ज्यादा वोट पाने वाले कैंडिडेट थे। ऐसे में इस बार विशाल पाटिल महाविकास अघाड़ी और महायुति को सांगली में कड़ी टक्कर दे सकते हैं।
सोलापुर (राम सातपुते बनाम प्रणिती शिंदे)
सोलापुर लोकसभा सीट पर मुकाबला दो विधायकों के बीच है। यहां कांग्रेस और भाजपा की सीधी टक्कर है। कांग्रेस ने सोलापुर से पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे की बेटी और सोलापुर से ही विधायक प्रणिती शिंदे (Praniti Shinde) को चुनावी मैदान में उतारा है। शिंदे 3 बार की विधायक हैं। उनके पिता सुशील कुमार शिंदे दो बार सोलापुर के सांसद रह चुके हैं। प्रणिती शिंदे के सामने भाजपा ने मालाशिरस से मौजूदा विधायक राम सातपुते (Ram Satpute) को टिकट दिया है। इस सीट पर 2014 और 2019 में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों की जीत हुई थी। दोनों ही बार, भाजपा प्रत्याशी ने सुशील कुमार शिंदे को ही हराया था।
सातारा (उदयनराजे भोसले बनाम शशिकांत शिंदे)
सातारा सीट पर NCP (शरद गुट) और भाजपा के बीच टक्कर है। यहां भारतीय जनता पार्टी ने उदयनराजे भोसले (Udayanraje Bhosale) को चुनावी मैदान में उतारा है। वे छत्रपति उपाधि के 17वें धारक हैं। उदयनराजे भोसले 1998 से 1999 तक महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा के विधायक रहे हैं। 2009, 2014 और 2019 का चुनाव उन्होंने NCP से लड़ा और जीत दर्ज की। 2019 में भोंसले एनसीपी छोड़ फिर भाजपा में आए, लेकिन चुनाव में NCP के श्रीनिवास पाटिल से उनकी हार हुई। NCP (शरद गुट) ने इस सीट से शशिकांत शिंदे (Shashikant Shinde) को टिकट दी है। वे कोरेगांव विधानसभा सीट से विधायक हैं।
कोल्हापुर (संजय मंडलिक बनाम शाहू छत्रपति)
कोल्हापुर लोकसभा सीट भी महाराष्ट्र के तीसरे चरण के लोकसभा चुनाव में दिलचस्प सीट होने वाली है। यहां कांग्रेस पार्टी ने छत्रपति शिवाजी महाराज के 12वें वंशज शाहू छत्रपति महाराज (Shahu Chhatrapati) को चुनावी मैदान में उतारा है। जबकि महायुति की तरफ से इस सीट पर शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता और सिटिंग एमपी संजय मंडलिक को टिकट दिया गया है। 2019 में इस सीट पर पहली बार शिवसेना की जीत हुई थी। इसके अलावा भाजपा या शिवसेना का कोई नेता कोल्हापुर से सांसद चुनकर नहीं आया है। 2019 के लोकसभा चुनावों में संजय मंडलिक (Sanjay Mandlik) की 2 लाख 70 हजार मतों से जीत हुई थी। 1980 से 2009 तक कांग्रेस का इस सीट पर एकक्षत्र शासन रहा है।
रत्नागिरी सिंधुदुर्ग (नारायण राणे बनाम विनायक राउत)
रत्नागिरी सिंधुदुर्ग सीट 2009 के लोकसभा चुनावों के समय से अस्तित्व में आई। यहां एक बार कांग्रेस और दो बार शिवसेना की सत्ता रह चुकी है। महागठबंधन ने रत्नागिरी सिंधुदुर्ग सीट से शिवसेना (UBT) के सिटिंग एमपी विनायक राउत (Vinayak Raut) को टिकट दी है। जबकि भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को चुनाव मैदान में उतारा है। नारायण राणे (Narayan Rane) ने बतौर शिवसैनिक अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। 2005 में वे कांग्रेस में गए। 2017 में उन्होंने अपनी पार्टी महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष बनाया। 2019 में भाजपा में इस पार्टी का विलय हो गया। ऐसे में अब राणे पहली बार भाजपा को रत्नागिरी सिंधुदुर्ग जीताने उतरे हैं।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।