हाइलाइट्स :
पूर्व प्रोफेसर साईबाबा की गिरफ्तार साल 2014 में हुई थी।
गढ़चिरौली अदालत ने साल 2017 में सुनाई थी सजा।
Maoist Link Case : महाराष्ट्र। बॉम्बे हाई कोर्ट ने माओवादी लिंक मामले में DU के पूर्व प्रोफेसर साईबाबा समेत 6 आरोपियों को बरी कर दिया है। यह फैसला न्यायमूर्ति विनय जोशी और न्यायमूर्ति वाल्मिकी एसए मेनेजेस की पीठ ने सुनाया है। बरी किये गए आरोपियों में DU के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा, हेम मिश्रा, महेश तिर्की, विजय तिर्की, नारायण सांगलीकर, प्रशांत राही शामिल हैं।
गढ़चिरौली अदालत ने साल 2017 में साईबाबा समेत अन्य को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। तब से सभी आरोपी जेल में बंद थे। इन आरोपियों में से पांडु नरोटे की मौत हो चुकी है। DU के पूर्व प्रोफेसर साईबाबा की गिरफ्तार साल 2014 में हुई थी। उन पर नक्सलियों या माओवादियों से साथ संबंध होने का आरोप था।
DU के पूर्व प्रोफेसर साईबाबा 90 प्रतिशत शारीरिक रूप से अक्षम हैं। उन पर शिकंजा तब कैसा गया जब JNU के छात्र हेम मिश्रा की गिरफ्तारी हुई थी। JNU के छात्र हेम मिश्रा ने पुलिस द्वारा की में कहा था कि, वे जीएन साईबाबा और छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के बीच कुरियर का काम करते हैं। इसके बाद से पुलिस साईबाबा और नक्सलियों/माओवादियों के बीच संबंध की जांच कर रही थी।
DU के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा :
जीएन साईबाबा दिल्ली विश्वविधायलय के राम लाल कॉलेज में इंग्लिश भाषा के प्रोफ़ेसर थे। उन्होंने अखिल भारतीय पीपुल्स रेजिस्टंस फोरम के कार्यकर्ता के रूप में दलित और आदिवासी आंदोलन के लिए प्रचार का भी काम किया था। उन पर क्रांतिकारी डेमोक्रेटिक फ्रंट माओवादियों के गुट से जुड़े होने का आरोप था लेकिन उन्होंने स्वयं इन आरोपों को कई बार नकारा है।
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