मध्य प्रदेश उपचुनाव 2020 : कांग्रेस की तीसरी सूची जारी

ग्वालियर, मध्य प्रदेश : प्रदेश में होने वाले उप चुनाव को लेकर कांग्रेस ने टिकटोx की सूची जारी कर एक तरह से भाजपा पर बढ़त बना ली है। मेहगांव से हेमंत कटारे को और मुरैना से राकेश मावई को मिला टिकिट।
कांग्रेस की तीसरी सूची जारी
कांग्रेस की तीसरी सूची जारीRaj Express
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हाइलाइट्स :

  • भारी विरोध के चलते मेहगांव से राकेश चौधरी हुए आउट

  • पूर्व विधायक हेमंत कटारे को मेहगांव, राकेश मावई को मुरैना से टिकट

ग्वालियर, मध्य प्रदेश। प्रदेश में होने वाले उप चुनाव को लेकर कांग्रेस ने टिकटों की सूची जारी कर एक तरह से भाजपा पर बढ़त बना ली है। अंचल में 16 सीटो पर उप चुनाव होना है और इसमें से 14 सीटो पर प्रत्याशियों के नाम कांग्रेस पहले ही तय कर चुकी थी, लेकिन मेहगांव विधानसभा से प्रत्याशी को लेकर पेंच फंसा हुआ था। मेहगांव से पूर्व मंत्री चौधरी राकेश सिंह प्रबल दावेदार माने जा रहे थे और कमलनाथ भी उन्हें टिकट देना चाह रहे थे, लेकिन चौधरी के नाम पर जिस तरह से कांग्रेस नेताओ ने विरोध किया उसके चलते आखिर कमलनाथ को अपने कदम पीछे खींचने पड़े और पूर्व विधायक हेमंत कटारे को उम्मीदवार घोषित कर दिया।

चौधरी राकेश सिंह का एक समय कांग्रेस में खासा दबदवा था और विधानसभा में भी उप नेता प्रतिपक्ष थे, लेकिन जिस तरीके से उन्होंने भाजपा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के समय कांग्रेस को सदन के अंदर धोखा देकर भाजपा की गोद में बैठ गए थे उसके बाद से ही उस समय के नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह काफी आहत हुए थे। भाजपा में जाकर चौधरी राकेश सिंह ने अपने भाई को जरूर एक बार टिकट दिलवाकर विधायक बनवा लिया, लेकिन उससे आगे भाजपा ने उनको कुछ नहीं दिया था। यही कारण है कि पिछले लोकसभा चुनाव के समय शिवपुरी में सिंधिया की एक सभा में जाकर चौधरी राकेश सिंह ने कांग्रेस में शामिल होने का ऐलान किया था। कांग्रेस में सभा में पहुंचकर भले ही चौधरी राकेश सिंह शामिल हो गए थे, लेकिन उसके बाद से ही अजय सिंह ने उनको शामिल करने का भी विरोध किया था। कांग्रेस में शामिल होने के बाद चौधरी को आस थी कि आगे की राजनीति ज्योतिरादित्य सिंधिया के सहारे आगे बढ़ सकती है, लेकिन लोकसभा चुनाव हारने के कुछ समय बाद ही सिंधिया ने कांग्रेस को अलविदा कह कर भाजपा की सदस्यता ली तो चौधरी ने कांग्रेस में रहना ही बेहतर तो समझा, क्योंकि भाजपा में रहते हुए उनकी राजनीतिक आस पूरी होना संभव नहीं थी।

उप चुनाव आया तो आस जगी टिकट की :

सिंधिया के समर्थन में 22 विधायको के इस्तीफे बाद चौधरी राकेश सिंह को आस लगी थी कि उप चुनाव में उनको मौका मिल जाएगा। मेहगांव से टिकट की संभावना को देखते हुए पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के साथ ही पूर्व मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह एवं बाद मेें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी चौधरी राकेश सिंह को टिकट देने का विरोध किया था। इसी विरोध के कारण मेहगांव में पेंच फंसा रहा। कमलनाथ ने काफी मनाने का काम किया, लेकिन विरोध करने वाले नेताओ ने अपना स्वर नहीं बदला। चौधरी को एक कारण और ऐसा था जिसके कारण उनको टिकट से वंचित रहना पड़ा यह था कि उन्होंने एक प्रेस कॉन्फें्रस कर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर सीधा आरोप लगाया था और आखिरी समय में जब बात हाईकमान के सामने पहुंची तो चौधरी राकेश सिंह का टिकट पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह पर लगाएं गए आरोप के कारण सूची से बाहर ही रखा गया। अटेर से पूर्व विधायक रहे हेमंत कटारे को कांग्रेस ने मेहगांव से उम्मीदवार बनाया है अब भले ही उनको भाजपा बाहरी कहे,लेकिन भाजपा भी चौधरी मुकेश सिंह को यहां से प्रत्याशी बना चुकी है। मेहगांव के मामले को लेकर पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह एवं पूर्व मंत्री डॉ. सिंह के विरोध को देखते हुए कमलनाथ अपने हाथ पीछे खींचने के लिए मजबूर हुए।

मुरैना में एक ही परिवार से किसी एक को मिलना था टिकट :

मुरैना विधानसभा से कांग्रेस की तरफ से प्रबल दावेदार कांग्रेस के जिलाध्यक्ष राकेश मावई प्रबल दावेदार थे। इसके साथ ही उनके ही चचेरे भाई प्रबल प्रताप सिंह भी दावेदारी कर रहे थे। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह चाहते थे कि पूर्व विधायक स्व. सोवरन मावर्ई की पत्नी को मैदान में उतारा जाएं, लेकिन वही सर्वे मेे राकेश मावई आगे थे तो आखिर में उनका टिकट फायनल कर दिया गया। इस तरह अंचल में कांग्रेस ने अपने सभी उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं।

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