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घर से बिछड़ी आठ साल की अबोध बच्ची घंटों मंदिर में बैठी देखती रही मां के आने की राह, पुलिस ने पहुंचाया घर

राजधानी के निशातपुरा थाना क्षेत्र का मामला, पीपल चौराहा करोंद के स्थानीय लोगों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने अबोध बच्ची को उसकी मां से मिलाया
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भोपाल। राजधानी भोपाल के करोंद चौराहा स्थित पीपल चौराहे के काली मंदिर के सामने घंटों से बैठी एक अबोध बच्ची अपनी मां के आने की राह देख रही थी। जिसकी सूचना स्थानीय लोगों ने निशातपुरा पुलिस को दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने बच्ची से पूछताछ की तो वह कुछ बोल नहीं पा रही थी। इसके बाद जब पुलिस ने आसपास के इलाके में उसके परिजनों की तलाश शुरू की और अन्तत: उक्त बच्ची को उसकी मां को सुपुर्द किया।

बीते बुधवार को थाना निशातपुरा की महिला ऊर्जा हेल्प डेस्क पर पीपल चौराहा करोंद के स्थानीय लोगों द्वारा एक आठ साल की बच्ची लाकर थाने में प्रस्तुत कर बताया कि यह बच्ची बहुत समय से पीपल चौराहे के काली मंदिर के सामने बैठी है, उसका नाम पता पूछ रहे हैं लेकिन कुछ भी नहीं बता पा रही है। किसी से कुछ भी नहीं बोल रही है। थाना निशातपुरा की उर्जा डेस्क प्रभारी उप निरीक्षक मोनिका गौर और महिला आरक्षक सुरभी शर्मा द्वारा उक्त बालिका से उसके बारे में नाम पिता का नाम पता पूछा गया किंतु उक्त बालिका किसी भी प्रकार की कोई जानकारी देने में असमर्थ रही।

जिसके बारे में निशातपुरा थाना प्रभारी, सहायक पुलिस आयुक्त निशातपुरा और बाल कल्याण समिति को अवगत कराया गया। इसके बाद निशातपुरा सहायक पुलिस आयुक्त ऋचा जैन और थाना प्रभारी रूपेश दुबे के निर्देशन में उक्त बालिका के परिजनों की तलाश करने थाने के समस्त चार्ली और एफआरवी की टीम को लगाया गया। संपूर्ण टीम ने करोंद चौराहा, पीपल चौराहा और रुसल्ली विवेकानन्द नगर में तलाश शुरू की। इसके बाद जब पुन: होंडा शोरूम, मुरली नगर तरफ उक्त बालिका को तलाश करने के लिए रवाना हुए तो रास्ते में उक्त बालिका के परिजन उसे तलाश करते मिले। जिनके मिलने पर बालिका द्वारा पहचाना गया।

बच्ची को मोहल्ले खेलते छोड़कर काम पर गई थी मां

इसके उपरांत मुरली नगर करोंद भोपाल में उक्त बालिका की मां रुखसार पति सलमान खान, उम्र 25 साल बालिका को तलाश कर रही थी, जिनसे बेटी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मेरी बेटी का नाम फातिमा है। इसे हम इकरा इकरा कहकर बुलाते हैं, 08 साल की है। मेरी बेटी बचपन से ही मानसिक रूप से थोड़ी कमजोर है और ठीक से बोल नहीं पाती है। मेरे पति का देहांत हो गया है तो मैं ही घर चलाती हूँ इसलिए अपनी बच्ची को छोड़कर काम पर चली गई थी, जब वापस और बेटी नहीं मिली तो उसे आसपास ढूंढ रही थी, मेरी बेटी मोहल्ले में खेलती रहती थी तो सबको लगा कि यहीं खेल रही है। इसके बाद बालिका फातिमा उर्फ इकारा को उसकी मां रुख्सार को सुपुर्द किया गया। बालिका की मां और स्थानीय लोगों को बच्चों की ठीक प्रकार से देखरेख करने और उनकी उचित देखभाल करने हेतू समझाइश दी गई। स्थानीय लोगों ने पुलिस का आभार व्यक्त किया। बालिका फातिमा को उसके परिजनों तक पहुंचाने के लिए थाना निशातपुरा की सम्पूर्ण टीम और उर्जा महिला हेल्प डेस्क की महत्वपूर्ण भूमिका रही ।

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