वर्ल्ड हार्ट डे : जवां दिल को भी है केयर की जरूरत
20 की बेफिक्री, 30 के तेवर, 40 में आकर बनते हैं चेतावनी। लेकिन अब ये चेतावनी 20 वर्ष की उम्र के साथ ही शुरू होने लगी है। हम बात कर रहे हैं दिल की बीमारीयों की, क्योंकि दिल का रोग उम्र नही देखता। जो पहले उम्रदराज लोगों की बीमारी कही जाती है अब यह 25 से 40 वर्ष तक के उम्र के युवाओं पर भी दस्तक दे रही है। दिल के ऐसे रोग जो हार्टअटैक का कारण बनते हैं और वो हार्टअटैक मृत्यु का कारण बनते हैं।
नर्मदापुरम, मध्यप्रदेश। दुनियाभर में 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस के दिन के रूप में मनाया जाता है। विश्व में तेजी से बढ़ रहे हृदय मरीजों के मामलों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने विश्व हृदय दिवस मनाए जाने का प्रस्ताव रखा था। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साल 2000 में पहली बार विश्व हृदय दिवस को मनाए जाने की घोषणा की थी। जिसके बाद से हर साल इसे सितंबर माह के अंतिम रविवार को मनाया जाने लगा। साल 2014 से विश्व हृदय दिवस को 29 सितंबर के दिन मनाया जाने लगा। विश्व हृदय दिवस का एकमात्र उद्देश्य ह्रदय से जुड़ी समस्याओं को कम करने के लिए लोगों में जागरूकता पर ध्यान देना है। इसके जरिए हर साल कई देशों में कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों को हृदय के स्वास्थ्य के प्रति जागरुक किया जाता है। हृदय मनुष्य शरीर के सबसे अहम अंगों में से एक है। अगर हृदय अपना काम करना बंद कर दे तो व्यक्ति की मौत हो जाती है। आज के समय में लगातार नई प्रकार की बीमारियों और हमारी खराब दिनचर्या के कारण सेहत पर खराब असर पड़ रहा है, जिससे हृदय को भी काफी नुकसान पहुंचता है। ऐसे में हृदय को स्वस्थ बनाए रखने के लिए विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है।
इस भागदौड़ और तनाव भरी जिंदगी से हर एक व्यक्ति प्रभावित है। खराब जीवनशैली, अस्त-व्यस्त जीवन और शारीरिक गतिविधि की कमी की वजह से ह्रदय रोगों से प्रभावित होना आम बात हो गई है। ऐसी परिस्थिति में हर एक व्यक्ति को एक स्वस्थ और संतुलित जीवन पाने के लिए अपने जीवन में कुछ बदलाव करने चाहिए और ऐसे सरल कदम उठाने चाहिए जो उनके हृदय स्वास्थ्य के लिए बेहद प्रभावशाली और लाभदायक साबित हों। जानें डॉ. मनोज साहू से
जो कभी उम्रदराज लोगों की बीमारी होती थी, अब वह 25 से 40 वर्ष तक की उम्र के भी युवाओं पर भी दस्तक दे रही है?
हृदय रोग का सबसे मुख्य कारण होता है शरीर में कोलेस्ट्राल का बढ़ना। इसका मुख्य कारण युवाओं की खराब लाइफ स्टाइल एवं खानपान में लापरवाही के साथ तनाव है। युवाओं में स्ट्रेस की मुख्य वजह अनियमित जिंदगी, मानसिक तनाव है क्यों कि युवाओं को अपने फ्यूचर की चिंता, कॉम्पीटीशन एवं जॉब को लेकर अनिश्चित्ता बनी रहना है।
यंगस्टरर्स की इस बीमारी के जद में आने के मुख्य कारण कौन से हैं?
युवा शारीरिक श्रम न के बराबर करते हैं। दिल की बीमारीयों की मुख्य खास वजह खान-पान में लापरवाही, हाई ब्लडप्रेशर, पर्याप्त नींद नही लेना, एक्सरसाइज नही करना, जरूरत से ज्यादा मोटापा, तनाव बढ़ना एवं शराब, तंबाकु का बुरा असर है।
हार्ट अटैक एवं कार्डियक अरेस्ट में क्या खास अंतर है?
हार्टअटैक भारत के लिए किलर होता जा रहा है। इससे ज्यादा कार्डियक अरेस्ट खतरनाक हो रहा है ये बिना चेतावनी के आता है, जिससे दिल अचानक काम करना बंद कर देता है।
स्वस्थ्य ह्दय रखने के लिए जागरूकता एवं उपाय क्या हो सकते हैं?
दिल को स्वस्थ रखना बहुत जरुरी हो गया है। अपनी जीवन शैली में बदलाव करके और अच्छी आदते अपना कर इस घातक रोग से बचा जा सकता है। युवा संतुलित और स्वस्थ भोजन का सेवन करें, शारीरिक गतिविधि बढ़ाएं, तनाव को दूर रखें, पर्याप्त नींद लें।
हार्टअटैक या कार्डियेक अरेस्ट आने पर मरीज में कौन से लक्षण देखने को मिलते हैं?
मरीज को दिल का दौरा आने पर सीने के बीच में बार-बार दर्द आता-जाता है। हाथ, पीठ, गले, जबड़े में दर्द होता है। सांस लेने में दिक्कत होती है। ठंड के साथ पसीना भी आ सकता है। उल्टी का आभास होता है। यदि ऐसे लक्षण हों तो यह हार्टअटैक या कार्डियेक अरेस्ट के संकेत हो सकते हैं। इसके साथ अपने स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। एवं नियमित जांच करवाना चाहिए।
सकारात्मक दिनचर्या रखें :
हेल्दी हार्ट के लिए अपने दिनचर्या में कुछ सकारात्मक बदलाव हर एक इंसान को करना चाहिए। वर्क शेड्यूल बनाकर समय का बेहतर उपयोग करें। इसके अलावा सुबह-शाम योग व एक्सरसाइज, संतुलित आहार, पर्याप्त नींद अवश्य लेवें। युवाओं के लिए तनाव बहुत बुरी चीज है। तनाव हमारे हृदय स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है। तनावपूर्ण जिंदगी में स्ट्रेस मैनेजमेंट बहुत जरूरी है। स्ट्रेस से दूर रहने के लिए आपको अपने दोस्तों और परिजनों से बात करते रहना चाहिए।
भारती मेरावी, डिप्टी कलेक्टर
शारीरिक गतिविधि बढ़ाएं :
आज के युवा तकनीकी के कारण शारीरिक गतिविधि को बहुत कम महत्व दे रहे हैं। ऐसा करना हमारे हृदय के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है। अपने ह्रदय को स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए आपको शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाना होगा। ऐसे में आपको रोज सुबह जल्दी उठकर रात में जल्दी सोने की आदत डालनी चाहिए। 30 से 45 मिनट के लिए एक्सरसाइज जरूर करना चाहिए। सुबह और शाम सैर पर जाकर नेचुरल चीजों से जुड़े रहना चाहिए।
उमा पटेल, जिला खेल अधिकारी
संतुलित और स्वस्थ भोजन का सेवन करें :
किसी भी बीमारी, रोग या शारीरिक परेशानी को दूर रखने के लिए संतुलित और स्वस्थ भोजन बेहद प्रभावशाली साबित होता है। अपने हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आपको जंक, तैलीय भोजन, स्नैक्स और प्रोसैस्ड फूड से दूर रहना चाहिए। इसके साथ आपको अपने डाइट में हरी सब्जियां, दूध, दाल तथा प्रोटीन युक्त भोजन का सेवन करना चाहिए।
अतुल श्रीवास्तव, नायब तहसीलदार
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