भोपाल, मध्यप्रदेश। सिविल ठेकेदारी में अब सिर्फ पुरुषों का एकछत्र राज नहीं होगा, अब महिलाओं का भी इसमें दखल होगा। मप्र सरकार महिलाओं को भी सिविल ठेकेदारी करने का अवसर दे रही है। लोक निर्माण विभाग द्वारा ठेकेदारी के लिए पंजीकृत होने वाली मध्यप्रदेश की मूल निवासी महिला ठेकेदारों को पंजीयन शुल्क (Registration Fees) से मुक्त किया गया है।
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर को आसान बनाने के उद्देश्य लोक निर्माण विभाग द्वारा ठेकेदारी के लिए पंजीकृत होने वाली मध्यप्रदेश की मूल निवासी महिला ठेकेदारों को पंजीयन शुल्क की छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। सिविल इंजीनियरिंग में डिग्री और डिप्लोमा करने वाली महिलाओं को शासकीय कांट्रेक्टर के रूप में कार्य करने में आसानी होगी। राज्य सरकार द्वारा आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के क्रम में रोजगार संसाधनों के सृजन का जो लक्ष्य रखा गया है, उसी कड़ी में यह एक कदम है। लोक निर्माण विभाग ठेकेदारों के पंजीयन की वर्तमान प्रचलित केंद्रीकृत व्यवस्था 2016 में संशोधन कर, सोल-प्रोपराइटर महिला ठेकेदारों को पंजीयन शुल्क से मुक्त किया गया है। लेकिन सोल-प्रोपराइटर महिला ठेकेदार फर्म को अन्य व्यक्तियों को सम्मिलित करते हुए, पार्टनरशिप फर्म अथवा कंपनी के रूप में पंजीकृत होने पर पूर्व के अनुसार पंजीयन शुल्क देना होगा।
आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के तहत यह पहल :
राज्य सरकार द्वारा आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के क्रम में रोजगार संसाधनों के सृजन का जो लक्ष्य रखा गया है, उसी कड़ी में यह पहल की गई है। महिलाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने की मंशा से उन्हें सिविल ठेकेदारी करने का अवसर दिया जा रहा है। पंजीयन शुल्क से मुक्त होने से महिलाएं अब सिविल ठेकेदारी का पंजीयन आसानी से कर सकती है। पंजीकृत महिलाएं सरकारी ठेकेदारी कर सकती है, जिससे उनकी अर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
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