राज एक्सप्रेस। रेलवे ट्रेक पर दौड़ती सुपर फास्ट ट्रेन के शौचालय में शुक्रवार की शाम को एक आदिवासी महिला ने बेटी को जन्म दिया। ट्रेन के नागदा प्लेटफार्म पर पहुंचते ही जीआरपी ने एक निजी कंपनी की महिला सफाईकर्मियों की मदद से प्रसूता को सरकारी अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल में महिला चिकित्सक डॉ. जोशी ने अडेंट किया, जहां उन्होंने दोनों को स्वस्थ्य बताया।
झाबुआ जिले के अंतर्गत आने वाले गांव पंच पिपल्या निवासी आदिवासी महिला पुष्पा पति सूरज उम्र 23 वर्ष मजदूरी के लिए राजस्थान गई थी। एर्नाकुलम् एक्सप्रेस से शुक्रवार को अपने गृहनगर लौट रही थी कि आलौट स्टेशन पर उसको प्रसव पीड़ा हुई, इसी दौरान ट्रेन ने प्लेटफार्म छोड़ दिया। प्रसूता दर्द के कारण तड़पती रही, लेकिन प्राथमिक उपचार तक नहीं मिला। रेलवे ट्रेक पर तेजगति से दौड़ती ट्रेन में महिला ने बेटी को जन्म दिया। ट्रेन में सवार यात्रियों ने जीआरपी नागदा को सूचना दी, जिससे जीआरपी हरकत में आ गई। जीआरपी चौकी प्रभारी रामप्रसाद नागर के अनुसार ट्रेन के नागदा प्लेटफार्म पर पहुंचते ही महिला आरक्षक पूजा नरवरिया एवं आरक्षक मनोज सिंह ने एक निजी कंपनी की महिला सफाईकर्मियों की मदद से उसको सरकारी अस्पताल पहुंचाया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार :
जीआरपी महिला को ऑटो से अस्पताल के लिए रवाना हो गई थी, इसी दौरान चालक देवीलाल जननी एक्सप्रेस लेकर स्टेशन परिसर में पहुंचे। अस्पताल में मेडिकल आफिसर चिकित्सक डॉ. भारती जोशी, नर्स राजू राठौर एवं गायत्री बनोढ़ ने अटेंड किया। चौकी प्रभारी नागर के अनुसार पुष्पा ने ट्रेन का टिकिट उपलब्ध कराया है जिसके लिए विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
इनका कहना है :
एर्नाकुलम एक्सप्रेस ट्रेन में महिला को प्रसव की सूचना मिलते ही स्थानीय स्तर पर तैयारियां पूर्ण कर ली गई थीं। ट्रेन के नागदा पहुंचते ही उसको उपचार के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
रामप्रसाद नागर, प्रभारी, जीआरपी नागदा
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